अंकिता हत्याकांडः हाईकोर्ट ने एसआइटी से पूछा-जहां बुलडोजर चलाया, वहां क्या सबूत जुटाए
पौड़ी गढ़वाल के आशुतोष नेगी ने याचिका दायर कर कहा है कि पुलिस व एसआईटी इस मामले के महत्वपूर्ण सबूतों को छुपा रहे हैं। एसआईटी ने अभी तक रिसेप्शनिस्ट के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है। जिस दिन उसका शव बरामद हुआ था, उसकी दिन शाम को अंकिता का कमरा तोड़ दिया। जब रिसेप्शनिस्ट के शव का पोस्टमार्टम हुआ था, पुलिस ने बिना किसी महिला डॉक्टर की उपस्थिति में कराया गया। जो सर्वोच्च न्यायलय के आदेश के विरुद्ध है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तर्क दिया गया कि मेडिकल कराते समय एक महिला का होना आवश्यक था, जो इस केस मे पुलिस ने नहीं किया। जिस दिन उसकी हत्या हुई थी, उस दिन छह बजे अभियुक्त पुलकित उसके कमरे में था, वह रो रही था। याचिका में यह भी कहा गया है कि रिसेप्शनिस्ट के साथ दुराचार हुआ है, जिसे पुलिस नही मान रही है। पुलिस इस केस में लीपापोती कर रही है। इसलिए इस केस की जांच सीबीआइ से कराई जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है प्रकरण
बता दें कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत गंगा भोगपुर स्थित वनन्तरा रिसोर्ट से 18 सितंबर की रात से संदिग्ध परिस्थितियों में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी लापता हो गई थी। पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि हत्या कर उसका शव चीला नहर में फेंक दिया गया था। इस मामले में रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया था। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पूर्व बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री विनोद आर्य का बेटा पुलकित आर्य है। पुलकित आर्य रिजॉर्ट का मालिक है। विनोद आर्य और उनके दूसरे बेटे अंकित आर्य को बीजेपी ने निष्कासित कर दिया है। वहीं, कहा गया कि अंकिता पर किसी वीआइपी को खुश करने के लिए दबाव बनाया गया था। विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी गई।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।