पौड़ी जिले में गुस्साए ग्रामीणों ने आदमखोर गुलदार को पिंजरे में जला डाला, 150 पर दर्ज हुई एफआरआइ, 11 साल बाद दोहराई वही घटना
पौड़ी जिले में गुलदार के हमले से महिला की मौत के बाद ग्रामीणों में गुस्सा इस कदर बढ़ा कि भीड़ ने पिंजरे में फंसे गुलदार को जला डाला। वन विभाग के कर्मचारी और अधिकारी ग्रामीणों को समझाते रहे, लेकिन वे नहीं माने और पिंजरे को आग के हवाले कर दिया।
बीती 15 मई को विकासखंड पाबौ के सपलोड़ी गांव की सुषमा देवी नाम की महिला को गुलदार ने निवाला बनाया था। बताया गया कि उस रोज महिला काफल लेने गांव के समीप ही जंगल में गई थी। लौटते वक्त गुलदार ने महिला पर हमला किया। इससे उसकी मौत हो गई। इस घटना की सूचना पर तब वन कर्मी मौके पर पहुंचे। उन्होंने गांव के समीप ही पिंजरा लगाने के साथ ही गश्त बढ़ा दी थी।
इस बीच सोमवार की रात को एक गुलदार पिंजरे में कैद हो गया था। मंगलवार सुबह इसकी भनक आस-पास के ग्रामीणों को लगी तो कई आक्रोशित ग्रामीणों ने पिंजरे में कैद गुलदार को आग के हवाले कर दिया। वन विभाग के कर्मी ग्रामीणों को समझाते रहे। लेकिन, वे नहीं माने। इस बीच गुलदार की मौत हो गई। वन कर्मी मृत गुलदार को कब्जे में लेकर पौड़ी स्थित नागदेव रेंज लाए। जहां पोस्टमार्टम के बाद शव को नष्ट कर दिया गया।
इस मामले में वन विभाग की नागदेव रेंज के अनुभाग के वन दरोगा सतीशचंद्र ने थाने में तहरीर दी है। इसमें आरोप लगाया गया है कि जब वन विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी पिंजरे में फंसे गुलदार को मौके से रेंज कार्यालय नागदेव ले जा रहे थे तो करीब 150 पुरुष महिलाओं ने उनके साथ धक्का-मुक्की की।
ग्राम प्रधान अनिल कुमार ग्रामसभा सपलोडी द्वारा करीब 150 पुरुष महिलाओं को एकत्रित कर उक्त पिंजरे में बंद गुलदार को वन विभाग के कर्मचारियों से धक्का-मुक्की कर, पिंजरे छीन कर तथा उसके ऊपर घास डालकर आग लगा दी गई। ग्रामीणों ने उक्त गुलदार को मौके पर जलाकर मार दिया गया।
तहरीर के आधार पर ग्राम प्रधान अनिल कुमार, देवेंद्र, हरि सिंह रावत, सरिता देवी, विक्रम सिंह समेत करीब 150 अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध सरकारी कार्य में बाधा, वन कर्मियों पर हमला कर पिंजरे को छीन कर आग लगाकर गुलदार को मार देने के संबंध में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। कोतवाल विनोद गुसाई ने बताया कि मामले की जांच पुलिस चौकी पाबौ प्रभारी दीपक पंवार को सौंप दी है।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
पौड़ी गढ़वाल में पिंजरे में बंद गुलदार को आग के हवाले करने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पूर्व 23 मार्च 2011 को कालागढ़ टाइगर रिजर्व फारेस्ट वन प्रभाग के अंतर्गत धामधार गांव में भी ग्रामीणों ने पिंजरे में बंद मादा गुलदार पर कैरोसिन छिड़ककर आग लगा दी थी। इस मामले में वन विभाग ने ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार भी किया। बाद में मामला राजनैतिक हो गया और सरकार ने ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमों को वापस ले लिए।