लॉकडाउन में हुए बेरोजगार, ड्रीम इलेवन में लगा जैकपॉट, उत्तराखंड के इस युवक ने जीत लिए एक करोड़
कहते हैं कि जब किस्मत साथ दे दो ऊपर वाला भी छप्पर फाड़कर देता है। हर दुख के बाद सुख जरूर आता है। ऐसा ही कुछ पिथौरागढ़ के युवक अमन के साथ हुआ। लॉकडाउन में वह बेरोजगार हुए, लेकिन छह माह बाद ही वह करोड़पति बन गए। ऐसा उनके क्रिकेट के शोक के चलते संभव हो पाया।
होटल में करते थे काम
22 साल के अमन बिष्ट शिमला के एक होटल में काम करते थे। लॉकडाउन के दौरान उनका रोजगार चला गया और वह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के पाभै गांव में लौट आए। अब क्रिकेट के शोक ने उन्हें रातोंरात करोड़पति बना दिया। उन्होंने आइपीएल के साथ खेले जा रहे आनलाइन खेल ड्रीम इलेवन में टीम बनाकर यह ईनाम जीता।
पिता करते हैं खेतीबाड़ी
अमन के पिता गणेश सिंह खेतीबाड़ी करते हैं। छोटे भाई ने इसी साल इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। अनलाक में स्थिति कुछ सामान्य होने के बाद अमन करीब बीस दिन पहले महाराष्ट्र के धूलिया में नौकरी के लिए चले गए थे। क्रिकेट में शोक के चलते वह पिछले तीन साल से आनलाइन क्रिकेट एप में टीम बनाते आ रहे हैं।
दो कांटेस्ट में लिया भाग, दोनों में जीते
दुबई में हुए आइपीएल के पंजाब और हैदराबाद के 25 अक्टूबर को हुए मुकाबले में उन्होंने 49 रुपये के दो अलग-अलग कांटेस्ट ज्वाइन किए। एक में उनका जैकपॉट लग गया और वह प्रथम आए। इसमें उन्होंने एक करोड़ रुपये जीते। दूसरे जैकपॉट में उन्होंने पांच लाख रुपये जीते। अमन ने मुकाबले में क्रिस जार्डन को कप्तान और राशिद खान को उप कप्तान बनाया था। टैक्स कटने के बाद उन्हें ईनाम की कुल 73.25 लाख की राशि मिलेगी।
इससे पहले उत्तराखंड के दो और युवा जीत चुके हैं एक-एक करोड़
अमन से पहले उत्तराखंड के दो और युवा एक-एक करोड़ रुपये जीत चुके हैं। उत्तराखंड में उत्त्तरकाशी जिले के बड़ाहाट भैरव चौक निवासी अनुज रावत देहरादून में गढ़वाली कालोनी में किराए के मकान में रहते हैं। 27 सितंबर को IPL में किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयल्स के बीच हुए मुकाबले में उनकी टीम नंबर एक पर रही और एक करोड़ का ईनाम जीता। टैक्स कटने के बाद उनके खाते में 68 लाख रुपये आए।
इससे पहले सितंबर माह में चमोली जिले के गैरसैंण के मेहलचौरी गांव के दर्शन बिष्ट (28 वर्ष) भी दिल्ली कैपिटल और किंग्स इलेवन के बीच हुए मैच में बेस्ट टीम बनाकर एक करोड़ रुपये जीत चुके हैं। दर्शन बिष्ट जयपुर के होटल में काम करते थे। लॉकडाउन के दौरान नौकरी चले जाने के कारण वह गांव आ गए थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं