बदरीनाथ में सामने आया भाजपा का छद्म हिंदूवादी चेहरा, व्यापारियों का हो रहा उत्पीड़नः कांग्रेस
उत्तराखंड कांग्रेस ने बीजेपी पर छद्म हिंदूवादी होने का आरोप लगाया। कहा कि बदरीनाथ धाम में ये सरकार व्यापारियों का उत्पीड़न कर रही है। कांग्रेस ने कहा कि पहले देवस्थानम बोर्ड गठित कर भाजपा की सरकारों ने तीर्थ पुरोहितों के साथ अन्याय और अत्याचार का प्रयास किया। बोर्ड को भारी जन दबाव के चलते निरस्त करना पड़ा। उसके बाद केदारनाथ धाम के 230 किलो सोने के पीतल में तब्दील होने से पूरे देश में उत्तराखंड सरकार की किरकिरी हुई, लेकिन सच जनता के बीच नहीं आ पाया। अब बदरीनाथ के तीर्थ पुरोहितों और व्यापरियों का फिर से उत्पीड़न आरंभ हो गया है। बुधवार को देहरादून में कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी एवं मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने प्रेस वार्ता कर भाजपा पर फर्जी हिंदुत्व का आरोप लगाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मथुरादत्त जोशी ने बताया कि बदरीनाथ धाम में व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों के साथ धामी सरकार अत्याचार कर रही है और बिना नोटिस के वहां पीढ़ियों से रह रहे पुरोहित और व्यापारियों की दुकान और मकान उन्हें सूचना दिए बगैर तोड़े जा रहे हैं। जोशी ने कहा कि यह कार्य बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत किया जा रहा है। यदि इस प्लान के तहत सरकार को भूमि अधिग्रहण की जरूरत थी, तो उससे पहले दुकान व मकान के मालिको को कॉन्फिडेंस में लेने की जरूरत थी। साथ ही उन्हें उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जोशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि धर्म के नाम पर राजनीति करने वाली बीजेपी की सरकार द्वारा धर्म के ध्वज वाहको के हितों पर कुठाराघात करते हुए उनके सामने राटी-रोजी का गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। जोशी ने कहा कि सरकार पहले पण्डा पुरोहितों को पुर्नवासित करना चाहिए था, उन्हें सही स्थान पर दुकान देकर उनकी रोजी- रोटी का इंतजाम करना चाहिए था। ऐसा न करके भाजपा की सरकार ने पण्डा पुरोहितों के सामन गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य प्रवक्ता गरीमा दसौनी ने कहा कि बदरीनाथ धाम के नारायणपुरी में व्यापारियों की करीब 75 दुकानें, 50 के करीब पुरोहितों के मकानों को ढहा दिए गए हैं। ना ही किसी को मुआवजा दिया गया और ना ही विस्थापन की कोई नीति है। ऐसे में पिछले डेढ़ महीने से बद्रीनाथ का तीर्थ पुरोहित समाज और व्यापार सभा मास्टर प्लान संघर्ष समिति के तहत कार्मिक अनशन कर रहे हैं। 14 अगस्त 2023 से तो उन्होंने आमरण अनशन भी शुरू कर दिया है, लेकिन हठधर्मी धामी सरकार के कानो में जूं तक नहीं रेंग रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा की संघर्ष समिति की प्रमुख मांग है कि धामी सरकार अपनी विस्थापन नीति स्पष्ट करें। उसी के तहत 11 बिंदुओं का एक मांग पत्र जारी करते हुए मास्टर प्लान संघर्ष समिति ने धामी सरकार से शीघ्र निर्णय लेने के लिए कहा है। दसौनी ने कहा की बदरीनाथ मास्टर प्लान धामी सरकार की विकासवादी सोच है, या विनाश कारी। क्योंकि इस प्लान से पीढ़ी दर पीढ़ी जो तीर्थ पुरोहित धाम की सेवा कर रहे थे, उन्हीं पर धामी सरकार ने कुठाराघात कर दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने जानकारी देते हुए कहा कि नवंबर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद सभी व्यापारी और पंडा पुरोहित धाम से पलायन कर जाते हैं। फिर वे अप्रैल या मई में कपाट खुलने के दौरान धाम पहुंचे हैं। शासन ने इसी का फायदा उठाते हुए फरवरी से मार्च के बीच उनके मकान और दुकानों को ध्वस्त कर दिया। तोड़ने से पहले ना ही कोई नोटिस दिया गया, ना ही कोई सूचना दी गई। उन्होंने धामी सरकार से जल्द से जल्द विस्थापितों की अस्थाई व्यवस्था और विस्थापन नीति को कुछ स्पष्ट करने की मांग की है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।