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December 15, 2024

नड्डा का आया फोन तो सारे कार्यक्रम रद्द कर जोशीमठ पहुंचे सीएम, प्रभावितों से की मुलाकात, रात को राहत शिविर का निरीक्षण

जोशीमठ में भूधंसाव के रूप में आई आपदा का से हुए नुकसान की खबरों के बीच उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी सात जनवरी को प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर वापस राजधानी लौट आए थे। साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों में व्यस्त हो गए। हालांकि वह राजधानी में बैठकर जोशीमठ के मामले में भी सक्रिय रहे। इस बीच प्रभावितों और शासन प्रशासन के बीच बातचीत नहीं बनी और वे पुनर्वास की मांग को लेकर धरना दे रहे थे। सरकार ने फौरी राहत के तौर पर प्रभावितों को डेढ़ लाख रुपये की मदद की भी घोषणा की, लेकिन धरना जारी है। ऐसे में बुधवार की दोपहर को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सीएम और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से फोन पर बात की। उन्होंने आपदा के हालत का फीडबैक लिया। इस फोन का असर ये हुआ कि सीएम धामी बुधवार की दोपहर जोशीमठ रवाना हुए और उन्होंने रात को वहीं प्रवास किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रभावितों से सीएम ने की मुलाकात, दिया मदद का आश्वासन
जोशीमठ पहुंचकर मुख्यमंत्री ने भू-धसाव से प्रभावित लोगों से मुलाकात की। भू-धसाव से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने भू-धसाव से प्रभावित लोगों को सहयोग एवं मदद का आश्वासन दिया। साथ ही लोगों को बताया कि भू-धसाव से प्रभावित लोगों की मदद के लिये प्रधानमंत्री ने हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है। पीएमओ की ओर से स्थिति की जा रही है निरंतर समीक्षा की जा रही है। साथ ही उन्होंने प्रभावितों को बताया कि केंद्र व राज्य सरकार के सभी संबंधित संस्थान आपसी समन्वय के साथ भू-धसाव से प्रभावित क्षेत्र का अध्ययन कर रही है। उन्होंने कहा कि भू-धसाव से प्रभावित लोगों की मदद में उनकी अपेक्षाओं का किया सम्मान किया जाएगा। यही नहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कल देर रात तक जोशीमठ में राहत शिविर का दौरा किया और वहां रुके लोगों से मिले। मुख्यमंत्री ने वहां की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रभावितों को वितरित किए कंबल
मुख्यमंत्रीपुष्कर सिंह धामी बुधवार को दोपहर बाद जोशीमठ के लिये रवाना हुए। जोशीमठ पहुंचते ही उन्होंने सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुंदरम से राहत एवं भू-धसाव से उत्पन्न स्थिति की अद्यतन जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री हेलीपेड से सीधे भू-धसाव से प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण के लिये निकले तथा भू-धसाव से प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव सहयोग का आवश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को विश्वास दिलाया कि इस संकट के समय केंद्र व राज्य सरकार संजीदगी के साथ उनके साथ खड़ी है। इस स्थिति का सामना करने के लिये उनकी अपेक्षाओं का पूरा सम्मान किया जायेगा। भू-धसाव से प्रभावित लोगों से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें कम्बल भी वितरित किये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पुनर्वास के लिए बनाई गई है कमेटी
जोशीमठ में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ में चिह्नित भू-धसाव से प्रभावित क्षेत्रों के सभी भवनों नहीं अभी सिर्फ दो होटल्स तोड़े जाएंगे। वह भी सभी की सहमति से। इसके साथ ही राहत एवं पुनर्वास के लिए यहां पर कमेटी बना दी है। सारे नाम उसमें सम्मिलित कर दिए हैं। सभी प्रमुख वर्गों के लोगों को उसमें सम्मिलित करके आगे की कार्रवाई की जाएगी। राहत एवं पुनर्वास ठीक तरीके से हो यह हमारी प्राथमिकता है। अंतरिम राहत की हम ने घोषणा की है। जल्दी-जल्दी हम चाहेंगे कि सभी तक अंतरिम राहत पहुंचे जिससे लोगों को फौरी रूप से राहत मिले।

 

जोशीमठ पहुंचने के लिए दिया ये तर्क
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके आज सुबह से ही अन्य जगह भी कार्यक्रम लगे थे, लेकिन उन्हें लगा कि इस संकट की घड़ी में उन्हें जोशीमठ में अपने भू-धसाव से प्रभावित भाई बहनों के साथ रहना चाहिए। वे यहां आ गये हैं, इस संकट की घड़ी में वे उनके साथ खड़े हैं। प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी भी इस संकट के समय हमारे साथ खड़े हैं और मॉनिटरिंग कर रहे हैं। साथ ही सहायता भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि यहां पर भू-धसाव के कारण जितना नुकसान हुआ है, वह हो चुका है और आगे सब ठीक हो जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चारधाम यात्रा को लेकर भी चिंता
आने वाले समय में चारधाम यात्रा को लेकर भी सीएम धामी ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यहां पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन होना है। कुछ समय बाद चार धाम यात्रा भी शुरू होनी है। इसलिए इस प्रकार का वातावरण न बनाया जाये कि पूरा उत्तराखंड खतरे में आ गया है। क्षेत्र का विकास तेजी से हो रहा है। हमारी कोशिश रहेगी कि इकोलॉजी और इकोनॉमी दोनों का संतुलन बनाकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाय। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड के अन्य शहरों की क्षमता का भी होगा आंकलन
उन्होंने कहा कि जोशीमठ के साथ-साथ उत्तराखंड के अन्य शहरों की धारण क्षमता का भी हम आंकलन करवाएंगे अगर उनमें क्षमता से ज्यादा निर्माण हो चुका हो तो उसको धीमा कराने का कार्य किया जायेगा। मारवाड़ी स्थित जेपी कॉलोनी के समीप जहां पानी का रिसाव हो रहा है उसका स्थलीय निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि आज पानी आधे से भी कम हो गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पीएम भी स्वयं ले रहे हैं अपडेट
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपदा की इस घड़ी में हम प्रभावितों के साथ खड़े हैं। इसमें कहीं किसी को भी किसी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए कि सरकार उनके साथ नहीं खड़ी है। पूरी सरकार उनके साथ खड़ी है। प्रधानमंत्री का भी संपूर्ण आश्वासन है। हमारी जो भी अपेक्षाएं हैं, उन अपेक्षाओं के अनुरूप उनके पुनर्वास और सेटलमेंट के लिए काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी भी स्वयं और उनका कार्यालय भी लगातार इस बात की चिंता कर रहा है और लगातार अपडेट ले रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

सचिव आपदा प्रबंधन ने पत्रकारों को दिया अपडेट
उत्तराखंड के आपदा प्रबन्धन सचिव डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार की ओर से किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी व अस्थायी पुनर्वास कार्यों के अद्यतन स्थिति की जानकारी प्रेस वार्ता के माध्यम से दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रति परिवार विस्थापन हेतु अग्रिम के रूप में रू 1.00 लाख तथा सामान इत्यादि ले जाने के लिये रू 50 हजार अर्थात कुल रू 1.50 लाख धनराशि आंवटित किये जाने का शासनादेश निर्गत किया जा रहा है 131 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की दो टुकड़ियां पूर्व से ही जोशीमठ में तैनात तथा एक अतिरिक्त टुकड़ी गौचर में तैयार रखी गई है। एसडीआरएफ की चार टुकड़ियां जोशीमठ में तैनात की गई है। सचिव आपदा प्रबन्धन डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि भारत सरकार की ओर से एनडीआरएफ की दो टुकड़ियां पूर्व से ही जोशीमठ में तैनात हैं तथा एक टुकड़ी गौचर में तैयार रखी गई है। एसडीआरएफ की चार टुकड़ियां जोशीमठ में तैनात की गई है। भारत सरकार द्वारा अपने विभिन्न तकनीकी संस्थानों को यह निर्देश दिये गये है कि जोशीमठ में घटित हो रही है। आपदा के सम्बन्ध में की जा रही जांच / सर्वे की कार्यवाही को समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जाये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि जेपी कॉलोनी में पानी का रिसाव कम हुआ है, जोकि एक राहत की खबर है। 131 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 462 है। अस्थायी रूप से जोशीमठ में कुल 344 कक्ष/कमरे है, जिनकी क्षमता 1425 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष/कमरे है जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। उन्हें चिह्नित कर लिया गया हैं। प्रभावितों को वितरित राहत राशि के तहत प्रति परिवार रू 5000 की दर से घरेलू राहत सामाग्री के लिए अभी तक कुल 53 ( कुल 2.65 लाख रूपये ) प्रभावितों को वितरित की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने बताया कि तीक्ष्ण / पूर्ण क्षतिग्रस्त भवन के लिए 10 प्रभावितों को 13.00 लाख रूपये धनराशि वितरित की गई है। सचिव आपदा प्रबन्धन ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रति परिवार विस्थापन से लिए अग्रिम के रूप में रू 1.00 लाख तथा सामान इत्यादि ले जाने के लिये रू 50 हजार अर्थात कुल रू 1.50 लाख धनराशि आंवटित किये जाने का शासनादेश निर्गत किया जा रहा है। जनपद चमोली में राहत एवं बचाव कार्यों के लिये धनराशि रू 11.00 करोड़ पूर्व में ही अवमुक्त की जा चुकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने बताया कि जोशीमठ में ड्रेनेज सम्बन्धित कार्यों तथा टो-इरोजन की रोकथाम हेतु तत्काल कार्य प्रारम्भ किये जाने के उददेश्य से ईपीसी मोड में कार्य करवाने के लिये सिंचाई विभाग से प्रस्ताव प्राप्त करते हुये अग्रेत्तर कार्यवाही की जा रही है। जोशीमठ में आपदा प्रभावित एचटी/एलटी लाईनों एवं परिर्वतकों को स्थानान्तरित किये जाने हेतु ऊर्जा विभाग को धनराशि रू 214.43 लाख अवमुक्त की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सचिव आपदा प्रबंधन ने जानकारी दी कि अभी तक 723 भवनों की संख्या जिनमें दरारें दृष्टिगत हुई है। गांधीनगर, सिंहधार, मनोहरबाग, सुनील क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 86 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है।प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, प्रभारी अधिकारी पीआईबी, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।

दरक रहा है जोशीमठ
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में धंसते जोशीमठ में तबाही का खतरा गहराने लगा है। यहां जमीन धंसने के कारण 600 से ज्यादा घरों में दरारें आ गई हैं। हाईवे दरक गए। भवन और मकानों में दरारें आ गई। कई मंदिरों पर भी खतरा मंडरा रहा है। कई स्थानों पर पानी के स्रोत फूट गए। ऐसे में लगभग 600 से ज्यादा परिवारों को उनके घर खाली करने का आदेश दे दिया गया था। अब प्रभावित भवन 700 से ज्यादा हो गए हैं। साथ ही चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों पर स्थानीय निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। जोशीमठ औली मार्ग आवागमन भी बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार ने कहा है कि जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं और उन्हें खाली करना है। उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से अगले छह महीने के लिए मकान किराए के रूप में 4,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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