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April 19, 2025

अग्निपथ में नया ऐलान, अग्निवीरों को भी गैलेंट्री अवॉर्ड, पीएम मोदी के आवास पर पहुंचे तीनों सेनाओं के प्रमुख

अग्निपथ योजना को लेकर मंगलवार को भी सेना की तरफ से ब्रीफ किया गया। सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि सेना नौकरी के लिए नहीं है, बल्कि जज्बात और जुनून के लिए है।

अग्निपथ योजना को लेकर मंगलवार को भी सेना की तरफ से ब्रीफ किया गया। सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि सेना नौकरी के लिए नहीं है, बल्कि जज्बात और जुनून के लिए है। साथ ही उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती पारदर्शी चयन प्रक्रिया के तहत की जाएगी। सैन्य अधिकारी ने कहा कि अग्निवीरों को भी गैलेंट्री अवॉर्ड दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भर्ती की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी, निष्पक्ष रहेगी। तीनों सेनाओं की तरफ से अपनी बात रखी गयी और युवाओं को समझाने का प्रयास किया गया।
अधिकारियों ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि योजना के तहत भर्ती किए गए अग्निवीर वीरता पुरस्कार के लिए पात्र होंगे। इस योजना को शुरू किया जा रहा है ताकि सशस्त्र बल सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित कर सकें। वायु सेना के अधिकारी ने कहा कि वायु सेना की युद्धक क्षमता पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हम अग्निपथ योजना के तहत कर्मियों की भर्ती के लिए तैयार हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया अपरिवर्तित रहेगी और सेना में पारंपरिक रेजिमेंट व्यवस्था जारी रहेगी। सेना के तीनों अंगों के संवाददाता सम्मेलन में पुरी ने कहा कि यह योजना सरकार के कई विभागों के बीच विचार-विमर्श के अलावा तीनों सेवाओं और रक्षा मंत्रालय के भीतर लंबे समय तक जारी परामर्श का परिणाम है। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत जरूरी सुधार है। पुरी ने कहा कि 1989 से विभिन्न समितियों ने इसी तर्ज पर सिफारिशें की थीं और सभी हितधारक अग्निपथ योजना को अंतिम रूप देने में शामिल थे।
कई स्थानों पर युवाओं द्वारा योजना के विरोध में हिंसा का सहारा लेने के मद्देनजर पुरी ने कहा कि अग्निपथ के सभी आवेदकों को शपथ पत्र देना होगा कि वे किसी भी हिंसा का हिस्सा नहीं थे। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों में आगजनी और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। पुलिस सत्यापन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमेशा भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा रहा है। पुरी ने कहा कि इन वर्षों में सेना में कमांडिंग अधिकारियों का स्वरूप युवा होता गया है। उन्होंने कहा कि अब सैनिकों का भी युवा स्वरूप होगा।
योजना का समर्थन करते हुए एक अधिकारी ने कहा कि अग्निपथ से कोई नुकसान नहीं, बल्कि सेना की युद्धक क्षमताओं में सुधार होगा। इस योजना का अनावरण 12 जून को हुआ था। शुरुआत में उग्र विरोध के बाद अब प्रदर्शन कम होता नजर आ रहा है।
तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने पीएम मोदी से की मुलाकात
‘अग्निपथ’ योजना को लेकर पीएम मोदी से तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने उनके आवास जाकर मुलाकात की है। इसे अहम मुलाकात माना जा रहा है। इससे पहले तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कई बार भेंट की है। सरकार की ओर से अग्निपथ योजना में युवाओं के विरोध को देखते हुए कई अहम रियायतों का ऐलान भी किया गया है। योजना को लेकर युवाओं के अलावा कई राजनीतिक दलों के विरोध के बीच प्रधानमंत्री से यह मुलाकात की है। हालांकि विरोध के सुरों के बीच सरकार लगातार इस योजना का बचाव कर रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने भी एक इंटरव्यू में इस योजना के फायदे गिनाए हैं। उन्होंने साफ किया है कि ये योजना वापस नहीं ली जाएगी।
ये है योजना
अग्निपथ योजना के तहत 17.5 से 21 वर्ष के युवाओं को सेना के तीनों अंगों यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना में चार साल के लिए भर्ती किया जाएगा, जो अग्निवीर कहलाएंगे। चार साल बाद इनमें से 25 प्रतिशत को आगे की सेवा के लिए रखा जाएगा, बाकी को एकमुश्त करीब 12 लाख रुपये देकर बाहर कर दिया जाएगा। इस योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा। सेवानिवृत्त होने वाले युवाओं को ना ही पेंशन का लाभ मिलेगा और ना ही ग्रेच्यूटी आदि का। ऐसे में युवा खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। साथ ही पुराने पेटर्न पर ही सेना में भर्ती की मांग कर रहे हैं।
गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा था कि-अग्निपथ’ योजना देश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक दूरदर्शी एवं स्वागतयोग्य कदम है। उनके कार्यालय ने कहा कि- इस संबंध में आज गृह मंत्रालय ने फैसला किया है कि इस योजना के तहत चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।
युवाओं को नामंजूर है योजना
आंदोलनरत युवाओं के मुताबिक, उन्हें नई योजना नामंजूर है। ऐसे में पुरानी योजना ही लागू कर दी जाए। एक छात्र ने सवाल पूछते हुए कहा कि इससे क्या फायदा होगा? चार साल के बाद वो हमें सेना से निकाल देंगे? उसके बाद हम क्या करेंगे? छात्रों का कहना है कि सेना में गरीब घर के बच्चे जाते हैं। ना कि किसी नेता या अमीर गरीब के बच्चे। ऐसे में चार बाद जब हमें निकाल दिया जाएगा तो हम क्या करेंगे? हमारे परिवार का क्या होगा? ऐसे में हमारी सरकार में मांग है कि सेना में भर्ती के लिए पुराने पैटर्न को ही लागू किया जाए।
एक साल के लिए नियम में बदलाव, उम्र में छूट
केंद्र सरकार ने गुरुवार की रात एलान किया था कि साल 2022 में भर्ती प्रक्रिया में उम्र सीमा में दो साल की छूट दी जाएगी। यानि इस बार 23 साल तक के छात्र भर्ती प्रकिया के लिए योग्य होंगे। सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि पिछले दो वर्षों में कोई भर्ती नहीं हुई है। यह आयुसीमा केवल एक बार के लिए ही बढ़ाई गई है। इसके बाद आयुसीमा 21 साल की ही रहेगी। हालांकि, इस छूट के बावजूद छात्र असंतुष्ट हैं। उनकी मांग है कि भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया जाए। उनका मानना है कि इससे युवाओं को कोई फायदा नहीं होने वाला है। विरोध में सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे युवा कई राज्यों में आंदोलन कर रहे हैं।
सीएपीएफ में दस फीसद आरक्षण
सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में तेज हो रहे विरोध के बीच गृह मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत ‘अग्निवीरों’ को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ CAPF) और असम राइफल्स में 10 फीसद आरक्षण दिया जाएगा। इसी के साथ अभ्यर्थियों को आयुसीमा में भी छूट देने का फैसला किया गया। गृहमंत्री कार्यालय ने इस बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की है। गृहमंत्री कार्यालय ने अपने ट्वीटर अकांउट से लिखा कि गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में अग्निपथ योजना के अंतर्गत 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए 10 फीसद रिक्तियों को आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
सीएपीएफ और असम राइफल्स में आयु सीमा में छूट
इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को निर्धारित अधिकतम प्रवेश आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का निर्णय किया है। अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट 5 वर्ष होगी। थल सेना, नौसेना और वायु सेना में विशेष अग्निपथ योजना के तहत अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती होने वाले अग्निवीर सैनिकों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को यह घोषणा की थी। गृह मंत्रालय के इस फैसले से प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अग्निपथ योजना के तहत प्रशिक्षित युवा देश की सेवा एवं सुरक्षा में आगे भी योगदान दे पाएंगे। ट्वीट में कहा गया है कि फैसले पर विस्तृत योजना तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वालों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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