ग्राफिक एरा ने बनाया नया वर्ल्ड रिकॉर्ड, हैल्थ को जायके से जोड़ा, इम्युनिटी बढ़ाने को दूध उत्पादों से तैयार किए 560 पेय

कोविड से लड़ने के लिए इम्युनिटी बढ़ाने की कोशिश में तरह-तरह के काढ़े पीने की लोगों की मजबूरी को इस नई पहल के जरिये बहुत खूबसूरती के साथ जायके से जोड़कर शौक में बदलने का प्रयास किया गया है। देहरादून में ग्राफिक एरा के होटल मैनेजमेंट के डीन डॉ आर सी पांडेय ने बताया कि शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले सॉफ्ट ड्रिंक्स की जगह कोई हैल्दी ड्रिंक तैयार करने की योजना पर उसी दौर में काम शुरू कर दिया गया था। छात्र-छात्राओं को कोविड के दौर में ही दूध और छाछ से नई तरह के पेय बनाने का प्रोजेक्ट दिया गया था। उस प्रोजेक्ट में दर्जनों तरह के नए पेय सामने आए। उन्हीं पर काम करके आज 560 तरह के ये दूध उत्पाद आधारित पेय बनाये गए हैं। इन पेयों को उसी होटल मैनेजमेंट परिसर में उनके विवरण के साथ रखा जा रहा था।
होटल मैनेजमेंट के विभागाध्यक्ष अमर डबराल ने बताया कि डिपार्टमेंट के तीन शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को शामिल करके बनी टीम “स्पेशल-16” ने यह कीर्तिमान स्थापित किया है। दूध और दूध के उत्पादों से चुकंदर छाछ, सत्तु लस्सी, हर्ब छाछ, पान लस्सी, चिया सीड शेक, टर्मरिक लाते, इटेलियन हर्ब छाछ, एबोकाडो शेक, रोज मिल्क शेक, पीनट शेक, मिंट बादाम शेक, मैंगो एंड ग्रीन चिली छाछ, पिस्ता कॉफी शेक, बुरांश एंड मिंट छाछ, कुमाऊंनी मसाला छाछ, बनाना एंड चिया सीड मिल्क शेक, टैमरिंड मसाला छाछ समेत 560 तरह के ये पेय जायके के सफर को तंदरुस्ती से जोड़कर नए मुकाम देते नजर आये।
गाय, भैंस और बकरी के दूध के साथ ही सोया मिल्क और कोकोनट मिल्क का ये पेय बनाने में इस्तेमाल किया गया। विभागाध्यक्ष डबराल ने बताया कि तमाम तरह के पेय पहले बनाकर उनका परीक्षण करने के बाद उन्हें इस वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया। ऐसे हर पेय की न्यूट्रीशनल वैल्यू पर खासतौर से ध्यान दिया गया है। पेय तैयार करने में भंगजीरा, मुर्या, जम्बू बदरायणी, पहाड़ी पीला मसाला समेत गढ़वाल और कुमाऊं के प्राकृतिक उत्पादों, दादी-नानी के नुस्खों व आयातित बेरी का भी उपयोग किया गया।
ये वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाली टीम में शिक्षक डॉ राकेश दानी, सिद्धार्थ जुयाल, मोहसिन खान और 16 छात्र-छात्राएं सिद्धांत सेमवाल, असीम के. मगर, अमित कोटनाला, सुदीप गुरूंग, तारुषि गोयल, रूद्राक्ष धर, कार्तिकेय पांडेय, आयुष पंवार, पंकज कुमार, चेष्ठा शर्मा, बिमल कुंअर, अदिति सवान, सबीना गुरूंग, आकाशदीप, प्रेरणा शर्मा और देव मूलचंदानी शामिल थे।
ग्राफिक एरा एजुकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ कमल घनशाला ने 16 दिनों के भीतर एक नया कीर्तिमान बनाने पर टीम स्पेशल- 16 को बधाई देते हुए कहा कि कुछ नया कर गुजरने का जज्बा और उसमें कामयाबी पाने की जूजूत्सु किसी को भी लाखों के बीच अलग चमक बिखेरने वाला बना सकती है। नयी चुनौतियां स्वीकार करना और फिर उन पर विजय पाने के लिए पूरी क्षमता से जुट जाना ही सफलता की राह खोलता है। होटल मैनेजमेंट की छात्रों का किसी से कोई मुकाबला नहीं है। इन नये विश्व कीर्तिमानों से उनकी ऊर्जा और नया करने की क्षमता का अहसास होता है।
इस मौके पर विश्वविद्यालय के पदाधिकारी और स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट नई टिहरी के निदेशक प्रोफेसर डॉ यशपाल नेगी व जी.आई.सी. पटेलनगर के प्रधानाचार्य देवेंद्र खत्री भी मौजूद रहे। वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने से पहले लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड ने इसके लिए दिन निर्धारित कर दिया था। पूरी प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग करके तमाम अन्य दस्तावेजों के साथ इसे लिम्का बुक में दर्ज कराने के लिए भेजा जा रहा है।
छह मई को बनाया था विश्व रिकार्ड्स
इससे पहले इसी माह छह मई 2022 को देहरादून में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी ने एक और शानदार कीर्तिमान बनाया था। दुनिया भर में पसंद किए जाने वाले डिमशम (मोमोज) की 624 वैरायटी बनाने के इस वर्ल्ड रिकॉर्ड ने कई नये जायकों, अरोमा और मिश्रणों से लोगों को रूबरू करा दिया। ग्राफिक एरा के होटल मैनेजमेंट डिपार्टमेंट ने यह शानदार कीर्तिमान बनाया। महज एक घंटा 47 मिनट में होटल मैनेजमेंट के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं की टीम “इंक्रेडिबिल-26” ने 624 तरह के डिमशम (मोमोज) तैयार करके सबको हैरत में डाल दिया। इनमें 416 डिमशम वेज और 208 नॉनवेज बनाई गईं। ये मोमोज बनाने के लिए सभी तरह की सब्जियां और नॉनवेज मोमोज के लिए चिकन, मटन, प्रोर्न, अंडे आदि इस्तेमाल किए गए। खासबात यह रही कि मोमोज बनाने के लिए मैदा के अलावा मंडुवा, चुकंदर, मिस्सी आटे का भी उपयोग किया गया।
अलग –अलग तरह के मोमोज बनाने के लिए स्टफिंग ही अलग नहीं रखी गई, बल्कि बनाने के भी अलग-अलग तरीके इस्तेमाल किए गए। स्टीम, सोटे, कोथे के विभिन्न स्टाइल अपनाने के साथ ही फ्राइड मोमो भी बनाये गए। 26 छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की टीम ने होटल मैनेजमेंट के एचओडी अमर डबराल के नेतृत्व में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्णायकों की टीम के सामने सुबह 11 बजे मोमोज बनाने शुरू किए। ठीक एक घंटे 47 मिनट में इस टीम ने 624 तरह के मोमोज बनाकर उनमें इस्तेमाल की गई सामग्री के विवरण के साथ स्टालों पर सजा दिये। मोमोज में दस-दस तरह के भारतीय, कॉन्टीनेंटल और चायनीज सॉस प्रयोग किए गए।
पहले भी बन चुके हैं कई रिकॉर्ड्स
माह फरवरी वर्ष 18 में में भी ग्राफिक एरा विवि ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। विश्वविद्यालय के होटल मैनेजमेंट विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 492 छात्र-छात्राओं ने एक साथ मॉकटेल पीकर गिनीज बुक का मौजूदा 250 लोगों का रिकार्ड तोड़ दिया। कार्यक्रम में ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय और ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय के 492 छात्र-छात्राओं को तीन तरह की मॉकटेल्स परोसी गईं।
ये भी हैं तीन विश्व रिकॉर्ड
ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय के बीएससी आइटी के छात्र प्रदीप राणा ने वर्ष 2017 में 18 हजार तीन सौ किलोमीटर साईकिल चलाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। इससे पहले ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के होटल मैनेजमेंट विभाग ने दुनिया की सबसे लंबी सिमोलीना बर्फी बनाकर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया था। विवि के शिक्षक सात दिन और सात रात लगातार पढ़ाने का वर्ल्ड रिकार्ड बना चुके हैं।
सबसे तेज केक कप बनाने का रिकॉर्ड
जनवरी 2018 में ग्राफिक एरा के होटल मैनेजमेंट विभाग ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉडर्स का दावा किया है। उन्होंने 47 सेकेंड में छह कपकेक्स सजाकर रिकॉर्ड की दावेदारी पेश की है। इससे पहले एक मिनट में सबसे तेजी से कप केक सजाने का रिकॉर्ड दर्ज है।
सबसे ऊंची प्रतिमा बनाने, सात दिन लेक्चर का रिकॉर्ड
इसी दौरान बीटेक छात्रों युवराज जोशी और यथार्थ जोशी ने रद्दी कागज से देश की महान विभूतियों की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाएं बनाईं थीं। विश्वविद्यालय का दावा है कि यह मूर्ति विश्व में सबसे ऊंची है। उन्होंने यह भी बताया कि इससे पूर्व ग्राफिक एरा के शिक्षकों ने लगातार सात दिन तक लेक्चर देकर वल्र्ड रिकॉर्ड कायम किया था, जो इससे पूर्व फ्रांस के नाम दर्ज था।
एक दिन में बनाए दो रिकॉर्ड
मई 2018 ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी ने दो और वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए। ये दोनों नये विश्व कीर्तिमान शानदार जायके से जुड़े हैं। कुल मिलाकर 33 छात्रों की टीम ने 50 तरह के 1500 पास्ता एक घंटा 43 मिनट में बनाए। इसके कुछ ही देर बाद 25 छात्रों की टीम ने 58 मिनट 46 सेकेंड्स में 250 तरह के 1000 मॉकटेल बनाकर एक नया इतिहास रच दिया था।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।