Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

February 7, 2025

रूस की चेतावनी, कच्चे तेल की कीमत होगी 300 डॉलर के पार, रुलाएगी महंगाई, सुमी से निकाले 694 भारतीय छात्र

रूस ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में क्रूड की कीमत 300 डॉलर पर पहुंच सकती है। दरअसल, पश्चिमी देश यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं। इसी क्रम में रूस से ऑयल इंपोर्ट यानी तेल आयात करने पर रोक लगाने पर विचार हो रहा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल की कीमतें 139 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है। सोमवार के कारोबार में सुबह को यह 130 डॉलर पर चढ़ा, जिसके बाद यह एक वक्त के लिए 139 डॉलर प्रति बैरल पर चला गया। यह साल 2008 के बाद से इसका अबतक का सबसे ऊंचा स्तर है। मंगलवार की सुबह कीमतें 124 डॉलर के आसपास दर्ज हुईं। इतनी ही तेजी ने तेल मार्केटिंग कंपनियों और एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि भारत में तो इसका सीधा बोझ अभी कंपनियों पर ही बढ़ रहा है। इस बढ़ोतरी को ऑफसेट करने के लिए इसी हफ्ते फ्यूल प्राइस में 15 से 22 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि का अनुमान लग रहा है।
कीमतों में उछाल की मुसीबत शायद ही इतने पर रुके। अब रूस ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में क्रूड की कीमत 300 डॉलर पर पहुंच सकती है। दरअसल, पश्चिमी देश यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं। इसी क्रम में रूस से ऑयल इंपोर्ट यानी तेल आयात करने पर रोक लगाने पर विचार हो रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सोमवार को कहा था कि अमेरिका और यूरोपीय सहयोगी रूस पर ऑयल इंपोर्ट बैन लगाने पर विचार कर रहे हैं।
तीसरे दौर की वार्ता का नतीजा भी सिफर
उधर, संघर्ष खत्म करने को लेकर बेलारूस में रूस और यूक्रेन के बीच सोमवार को तीसरे दौर की बातचीत हुई, लेकिन नतीजा सिफर रहा। रूस के उप प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने सरकारी टीवी पर एक बयान में कहा कि यह बिल्कुल साफ है कि रूसी तेल पर बैन लगाने का फैसला ग्लोबल बाजार के लिए विनाशकारी नतीजे लेकर आएगा। उन्होंने कहा कि ‘कीमतों में तेजी का अनुमान लगाना मुश्किल होगा, बहुत ज्यादा नहीं तो कम से कम दाम 300 डॉलर के ऊपर जाएंगे। नोवाक ने कहा कि यूरोप रूस से जितना तेल लेता है, उसकी भरपाई करने में उसे एक साल से ज्यादा का वक्त लग जाएगा और इसके लिए उसे बहुत ज्यादा कीमत भी चुकानी होगी।
दुनिया भर के लोग करेंगे महंगाई का सामना
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है कि अगर पश्चिमी देश रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाते हैं तो इसका मतलब होगा कि उनके लिए कच्चा तेल 300 डॉलर तक पहुंच जाएगा, वहीं, रूस और जर्मनी के बीच चलने वाली गैस पाइपलाइन भी बंद हो जाएगी। और अंत में तेल और दूसरी कमोडिटीज़ की बढ़ती कीमतों का असर दुनिया भर में महंगाई के रूप में दिखाई देगा।
सुमी से निकाले भारतीय छात्र
रूस के हमले में यूक्रेन के सुमी शहर में फंसे सभी 694 भारतीय विद्यार्थियों को वहां से बाहर निकाल लिया गया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसकी जानकारी दी है। पुरी ने बताया कि सभी लोग बसों में सवार होकर पोल्तवा के लिए निकल चुके हैं। कुछ देर पहले ही यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा था कि यूक्रेन ने मंगलवार को उत्तर-पूर्वी शहर सुमी और राजधानी कीव के पास इरपिन शहर से नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया है। रूसी और यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा “मानवीय गलियारों” की स्थापना के लिए सहमत होने के बाद निकासी शुरू हुई ताकि नागरिकों को रूसी बलों द्वारा घिरे कुछ शहरों और शहरों से बाहर निकलने की अनुमति मिल सके।
नागरिकों की सुरक्षित निकासी को किया संघर्ष विराम
इससे पहले भारत स्थित रूसी दूतावास ने ऐलान किया कि मास्को आज भारतीय समयानुसार दोपहर 12.30 बजे नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए मानवीय गलियारा खोलेगा और इस दौरान संर्घषविराम करेगा। इसमें पूर्वोत्तर यूक्रेन के सुमी शहर के गलियारे भी शामिल हैं, जहां लगभग 600 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं और बार-बार प्रयास करने के बावजूद नहीं निकल पा रहे हैं।
घायल हरजोत सिंह को लाया जा चुका है स्वदेश
यूक्रेन की राजधानी कीव में घायल हुए भारतीय हरजोत सिंह को भी सोमवार को स्वदेश लाया जा चुका है। सरकार का कहना है कि ऑपरेशन गंगा के तहत निजी विमानन कंपनियों के अलावा वायुसेना के विमानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आज हमले का 13वां दिन
बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध का आज 13वां दिन है। यूक्रेन की राजधानी कीव से लगभग 350 किलोमीटर दूर पूर्व में यूक्रेन के दूसरे शहर सुमी में रूसी सेना ने एयर स्ट्राइक की है। इस हवाई हमले में दो बच्चों सहित कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है। गौरतलब है कि भारत ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक 13 हजार से ज्यादा भारतीयों को स्वदेश ला चुका है। जबकि करीब तीन हजार भारतीय यूक्रेन के पड़ोसी यूरोपीय देशों में सुरक्षित पहुंच चुके हैं। खारकीव से भारतीयो को निकालने के बाद सुमी सरकार की सबसे बड़ी चिंता थी और वहां से भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी बड़ी राहत लेकर आई है।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page