वन अनुसंधान में हिंदी कार्यशाला, प्रयोग से आसान बनती है भाषाः महिमानंद भट्ट
वन अनुसंधान संस्थान में हिन्दी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान विभिन्न वक्ताओं ने हिंदी के सरल प्रयोग और इसके लाभ पर विस्तार से जानकारी दी। मुख्य वक्ता एवं केंद्रीय भंडारण निगम से सेवानिवृत्त राजभाषा प्रबंधक महिमानंद भट्ट ने कहा कि भाषा प्रयोग से आसान बनती है। संस्थान के हिंदी अनुभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला का विषय- राजभाषा से संबंधित संवैधानिक प्रावधान एवं नियमों/अधिनियमों का कार्यालयीन प्रयोग, था।कार्यशाला का उद्घाटन सत्र में संस्थान के कुलसचिव एस.के. थॉमस ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए राजभाषा संबंधी सामान्य जानकारी एवें संवैधानिक प्रावधानों को कार्यालय में प्रयुक्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने मुख्य वक्ता महिमानंद भट्ट का स्वागत किया। कार्यशाला में संस्थान के नवनियुक्त वैज्ञानिक बी स्तर के अधिकारियों को राजभाषा की बारीकियों और संवैधानिक नियमों, उपनियमों की जानकारी दी।
इस मौके पर मुख्य वक्ता एवं केंद्रीय भंडारण निगम से सेवानिवृत्त राजभाषा प्रबंधक महिमानंद भट्ट ने कहा कि प्रयोग के आसान बनती है। भाषा कभी दुरूह नहीं होती है। उन्होंने राजभाषा हिंदी में विभिन्न भाषाओं के शब्दों की प्रयुक्ति की संक्षिप्त जानकारी साझा की। संवैधानिक प्रावधानों के अतिरिक्त उन्होंने अपनी प्रस्तुति में हिंदी में सटीक, स्पष्ट और संक्षिप्त टिप्पण व आलेखन लिखने की जानकारी प्रदान की।
कार्याशाला के दूसरे सत्र में ई-टूल्स के प्रयोग से हिंदी में काम करने संबंधी समस्याओं का समाधान दिया गया। अंतिम सत्र में त्रैमासिक प्रतिवेदनों में सही सूचना भरने एवं वार्षिक लक्ष्य प्राप्त करने संबंधी चर्चा की गई। कार्यशाला के समापन के मौके पर प्रश्नोत्तरी सत्र आयोजित किया गया। इसमें लोगों की जिज्ञासाओं का जवाब दिया गया। अंत में सहायक निदेशक (राजभाषा) शंकर शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।




