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July 3, 2025

देखें वीडियोः चीन की जीरो कोविड पॉलिसी मानवीय अत्याचार का नमूना, समाचार पढ़ोगे तो सिहर उठोगे

चीन ने जीरो कोरोना पॉलिसी के तहत ऐसी योजना पर काम शुरू कर दिया है, जिसे मानवीय अत्याचार ही कहा जाएगा। उसकी ऐसी पॉलिसी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है।

पूरी दुनिया में कोरोना फिर से सिर उठा रहा है। इसे लेकर सारे देश एक बार फिर से नियमों को कुछ सख्त करने में लगे हैं। साथ ही कोरोना से मुक्ति को ऐसे तरीके निकाल रहे हैं कि जनता की सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाए। इसके विपरीत चीन ने जीरो कोरोना पॉलिसी के तहत ऐसी योजना पर काम शुरू कर दिया है, जिसे मानवीय अत्याचार ही कहा जाएगा। उसकी ऐसी पॉलिसी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है।
चीन ने अपनी “जीरो कोविड” पॉलिसी के तहत अपने नागरिकों पर कई कठोर नियम लागू किए हैं। लाखों लोगों को क्वारंटिन किया गया है। इन लोगों को मेटल बॉक्स के अंदर रहने पर मजबूर किया जा रहा है। बता दें कि बीजिंग अगले महीने के शीतकालीन ओलंपिक की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को इन तंग बक्सों में दो सप्ताह तक रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है। भले ही उनके इलाके में एक ही व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिले।
इन बक्सों में लकड़ी के बिस्तर और ट्वायलेट की व्यवस्था है। बताया जा रहा है कि कई इलाकों में लोगों को आधी रात के बाद कहा गया कि उन्हें अपने घरों को छोड़कर क्वारंटीन सेंटरों में जाने की जरूरत है। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 20 मिलियन लोग चीन में अपने घरों में कैद हैं। खाना खरीदने के लिए भी उनके घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस सख्त लॉकडाउन के बाद एक गर्भवती चीनी महिला का गर्भपात हो गया। उसे मेडिकल उपचार पहुंचने में देरी हुई है। इसके बाद से चीन के जीरो कोविड पॉलिसी पर बहस छिड़ गई है। बता दें कि चीन में साल 2019 में पहली बार कोरोनावायरस का पता चला था।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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