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September 29, 2024

Video: उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्रः सीडीएस बिपिन रावत को दी श्रद्धांजलि, देवप्रयाग संस्कृत विश्वविद्यालय होगा जनरल के नाम

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उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आज गुरुवार यानी नौ दिसंबर से शुरू हो गया है। पहले दिन सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी गई।

उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आज गुरुवार यानी नौ दिसंबर से शुरू हो गया है। पहले दिन सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सत्र स्थगित कर दिया गया। पहले सत्र 10 दिसंबर तक चलना था। अब एक दिन बढ़ाकर इसकी अवधि 11 दिसंबर तक कर दी गई है। सत्र के दौरान देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी ने देवप्रयाग में बनाए जा रहे संस्कृत विश्वविद्यालय का नाम स्वर्गीय CDS विपिन रावत के नाम पर करने का प्रस्ताव सदन में प्रस्तुत किया गया। जिसका सदन ने अनुमोदन किया।
बता दें कि बुधवार आठ दिसंबर को तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में सेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया था। इसमें 14 लोग सवार थे। हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका के साथ ही 13 लोगों की मौत हो गई। इस पर प्रदेश सरकार ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। राजकीय शोक नौ दिसंबर से 11 दिसंबर तक रहेगा। इस दौरान प्रदेश में सरकारी स्तर पर मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे। साथ ही सभी सरकारी कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे।

विधानसभा सत्र से पहले विधानसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद अग्रवाल ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। सभी मंत्रीगणों एवं विधायकगणों द्वारा की ओर से भी जनरल सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सत्र शुरू हुआ तो सदन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निधन पर शोक पढ़ा। उन्होंने सीडीएस जनरल विपिन रावत से जुडी यादों को साझा किया।
इस मौके पर सीएम धामी ने कहा कि मैं उनसे जब भी मिला एक अभिभावक की तरह उन्होंने अपनी राज्य को लेकर चिंताएं बताते रहे। उनका जाना हमारे लिए और खासकर मेरे लिए व्यक्तिगत नुकसान है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनके साथ बिताए अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड से हो रहे पलायन को लेकर भी चिंतित रहते थे। उन्होंने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रो में एको टास्क फोर्स के माध्यम से स्वरोजगार को लेकर उन्होंने कई प्रयास किए। अखरोट के पेड़ लगवाकर स्वरोजगार का प्रयास किया। रैबार कार्यक्रम में जनरल रावत इच्छा जताई थी कि में गाँव मे बसना चाहता हूं। कमांड थेटर बनाने की योजना पर वह काम कर रहे थे। वह रक्षा क्षेत्र में भारत को मजबूत करने में जुटे थे।

नेता प्रतिपक्ष करन मेहरा ने कहा कि जनरल रावत की नेतृत्व क्षमता अद्वितीय थी। अटैक द बेस्ट डिफेंस पॉलिसी पर जनरल रावत चलते थे। जनरल रावत ने हमेशा सेना का मनोबल बढ़ाने का काम किया। 43 साल उन्होंने देश सेवा की। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उन्हें युद्ध कला में पारंगता हासिल थी। रक्षा सौदों में आई तेजी में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।
विधायक विनोद चमोली ने कहा वह देश की सुरक्षा के सेनानायक थे। विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा जनरल रावत के निधन से पूरा देश स्तब्ध है। जनरल बिपिन रावत को कई क्षेत्रों में महारत हासिल थी। दुश्मनों के खिलाफ उनकी रणनीतियां अचूक होती थी। इस दौरान दो मिनट का मौन रखने के बाद आज के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। कल सुबह 11 बजे फिर सदन शुरू होगा।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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