शिक्षिका हेमलता बहुगुणा की कविता-चाह है दिल में पाने की

चाह
चाह है दिल में पाने की
उसे पाने का जज्बा रखना
और जब तक हासिल न हो
तब तक मेहनत करते रहना।
पा लो बुलंदियां कुछ भी
अपना धर्म बचाये रखना
तुम मानव हो मानवता को
हमेशा बचाये रखना।
पड़े न नजर बुरी इस पर
संयम अपना बनाये रखना
एक छोटी चाह के लिए
मर्यादा अपना दमन न करना।
शोहरत ईश्वर ने नवाजी तुम्हें
शोहरत को बचाये रखना
किसी और शोहरत के लिए
अपने को दमन न करना।
सुन्दर सौहार्द्र बनाया तुझको
इसको कभी खोने न देना
बनाये रखना इसको उज्जवल
हमेशा इसका ध्यान रखना।
चाह है दिल में पाने की उसे
पाने का जज्बा रखना
कवयित्री का परिचय
नाम-हेमलता बहुगुणा
पूर्व प्रधानाध्यापिका राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय सुरसिहधार टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।