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February 7, 2025

हरीश रावत का सिद्धू को अल्टीमेटम, सलाहकारों को करें बर्खास्त, वर्ना मैं कर दूंगा, छोड़ना चाहते हैं पंजाब प्रभारी का दायित्व

पंजाब कांग्रेस के प्रभारी और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू को अपने सलाहकारों को बर्खास्त कर देना चाहिए। साथ ही कहा कि अगर वह ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो पार्टी उन्हें बर्खास्त कर देगी।

पंजाब कांग्रेस के प्रभारी और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू को अपने सलाहकारों को बर्खास्त कर देना चाहिए। साथ ही कहा कि अगर वह ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो पार्टी उन्हें बर्खास्त कर देगी। वहीं, हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस के प्रभारी के दायित्व को छोड़ने की भी इच्छा जाहिर की।
हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस के नए प्रमुख को स्पष्ट संदेश दिया है। उनका यह संदेश मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ विद्रोह के एक नए विस्फोट के बाद आया है। उन्होंने सिद्धू के सलाहकारों की टिप्पणी को गलत मानसिकता वाला बताया है। प्यारे लाल गर्ग और मलविंदर माली हाल ही में सिद्धू की टीम में शामिल हुए थे। उन्होंने पिछले हफ्ते पाकिस्तान और कश्मीर पर अपनी टिप्पणियां की और चर्चा में आ गए। एक फेसबुक पोस्ट में माली ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान दोनों अवैध रूप से कश्मीर पर कब्जाधारी हैं।
रावत ने कहा कि यह खेमों की बात नहीं हैं। उन बयानों पर पूरी पार्टी और राज्य को भी आपत्ति है। जम्मू-कश्मीर पर पार्टी की एक लाइन है – और वह यह है कि वह प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इन सलाहकारों को पार्टी ने नियुक्त नहीं किया था। हमने सिद्धू से उन्हें बर्खास्त करने के लिए कहा है। अगर सिद्धू ऐसा नहीं करते हैं, तो मैं करूंगा। हम ऐसे लोग नहीं चाहते जो पार्टी को शर्मिंदा करें। हालांकि, रावत ने उस सवाल को दरकिनार कर दिया कि क्या अमरिंदर सिंह चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और पार्टी का चेहरा बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम एक ही बात दोहरा नहीं सकते।
पंजाब प्रभारी के दायित्व से होना चाहते हैं मुक्त
हरीश रावत ने कहा कि वह पार्टी की ओर से उन्हें दिए गए दो दायित्वों में से एक से मुक्त होना चाहते हैं। अगर पंजाब का प्रकरण न आया होता, तो वह संभवतया अगले कुछ दिन में हाईकमान से पंजाब की जिम्मेदारी से मुक्त करने का आग्रह कर देते। पंजाब के घटनाक्रम के कारण कुछ दिन के लिए सेवा विस्तार मिल गया। दरअसल, उत्तराखंड और पंजाब, दोनों राज्यों में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव हैं। पंजाब के प्रभारी के साथ ही उत्तराखंड में पार्टी के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष की दोहरी जिम्मेदारी उनके पास है। इससे संबंधित सवाल पर रावत ने यह बात कही। रावत ने कहा कि उन्होंने कुछ केंद्रीय नेताओं को जरूर अपनी इच्छा से अवगत करा दिया है, लेकिन अब वह जल्द अपनी बात हाईकमान के समक्ष भी रखेंगे। उहोंने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें बहुत कुछ दिया है, अब नए लोग आगे आ रहे हैं, उन्हें मौका देना चाहिए।
हरीश रावत ने कहा कि पंजाब में पार्टी दो हिस्सों में नहीं बंटी है। सब सोनिया गांधी व राहुल गांधी के पीछे खड़े हैं। पंजाब से आए मंत्री व विधायकों का पक्ष सुनने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से बात हुई। उन्होंने विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान का भरोसा दिया है। इनमें सरकार द्वारा पहले लिए गए कुछ निर्णयों के क्रियान्वयन की बात
रावत ने कहा कि असंतुष्ट विधायकों में कुछ को छोड़कर सभी मंत्री-विधायक कांग्रेस पृष्ठभूमि के हैं। ऐसे विधायकों की संख्या लगभग 35 है। वैसे ये कोई योजना बनाकर एकत्र नहीं हुए। हालांकि, उन्होंने पार्टी नेताओं को भी नसीहत दी कि इस तरह की स्थिति आने पर हर किसी को बयानबाजी से बचना चाहिए। उम्मीद है कि पंजाब का कोई भी नेता इस तरह की स्थिति नहीं लाएगा। कोई भी व्यक्ति हो, उसे आंच को हवा नहीं देनी चाहिए, सब कुछ पार्टी नेतृत्व पर छोड़ देना चाहिए।
राहुल और सोनिया पर है विश्वास
रावत ने कहा कि सभी विधायकों ने कहा कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी का निर्णय स्वीकार है। मामला इतना बड़ा नहीं कि उन्हें कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात के लिए दिल्ली जाना पड़े। वह खुद अगले एक-दो दिन में दिल्ली जाकर हाईकमान को वस्तुस्थिति से अवगत कराएंगे। हालांकि, साथ ही उन्होंने जोड़ा कि अगर विधायक फिर भी चाहेंगे तो उनकी मुलाकात सोनिया गांधी व राहुल गांधी से कराई जा सकती है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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