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November 8, 2025

हरिद्वार में बनाया जाएगा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सेवा सदन, कुटुम्ब पेंशन अब कहलाएगी सम्मान पेंशनः सीएम धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नगर निगम टाऊन हॉल देहरादून में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा उनके उत्तराधिकारियों के प्रांतीय सम्मेलन तथा श्रद्धांजलि सभा में प्रतिभाग किया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नगर निगम टाऊन हॉल देहरादून में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा उनके उत्तराधिकारियों के प्रांतीय सम्मेलन तथा श्रद्धांजलि सभा में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारियों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों को दी जाने वाली कुटुंब पेंशन का नाम बदलकर सम्मान पेंशन किया जाएगा। हरिद्वार में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सेवा सदन बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लंबे संघर्षों के परिणामस्वरूप भारत को आजादी मिली। देश की आजादी के लिए हमारे इन वीरों ने अपना सब कुछ समर्पित किया। 09 अगस्त 1942 की घटना भारत के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। अगस्त क्रांति की शुरुआत 09 अगस्त 1942 को हुई थी। भारत की आजादी में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। आज भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। सेनानियों के आश्रितों को सरकार द्वारा हर संभव सहायता देने का प्रयास किया जाएगा। जिन उद्देश्यों के लिए देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी गई, आज उन उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। कुपोषण मुक्त भारत की दिशा में देश आगे बढ़ा है।

इस मौके पर विशिष्ट अतिथि एवं पूर्व अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग आयोग अशोक वर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवारों को अलग कैटेगरी में रखकर उनके सम्मान की रक्षा होनी चाहिए। क्योंकि उस समय जब इनके पूर्वज इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे थे, तो कहीं ना कहीं इन परिवारों ने भी काफी दिक्कतों का सामना किया। सरकारों को इस संबंध में पहल करनी चाहिए। साथ ही विद्यालय के पाठ्यक्रमों में शहीदों के नाम शामिल किए जाने चाहिए। ताकि आने वाली पीढ़ियां यह जान सके कि देश कैसे आजाद हुआ और यह आजादी के परवाने कौन थे। इस अवसर पर विधायक आदेश चौहान, मेयर सुनील उनियाल गामा, मथुरा दत्त जोशी, भारत भूषण विद्यालंकर, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति से जितेन्द्र रघुवंशी, संतोष गोविल, राजकुमार अग्रवाल, शशांक गुप्ता, अवधेश पंत उपस्थित थे।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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