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December 15, 2024

वीडियोः देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ गंगोत्री में तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन जारी, अब दी जल समाधि की चेतावनी

गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित पंडित परमानंद सेमवाल ने कहा कि अगर देवस्थानम बोर्ड सरकार रद्द नहीं करती तो तीर्थ पुरोहित जल समाधि देंगे।

उत्तराखंड के चारधामों को देवस्थानम बोर्ड से मुक्त कराने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहित आंदोलनरत हैं। चारों धामों में तीर्थ पुरोहितों की ओर से आंदोलन किया जा रहा है। गंगोत्री धाम में तो सिलसिलेवार आंदोलन चल रहा है। अब गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित पंडित परमानंद सेमवाल ने कहा कि अगर देवस्थानम बोर्ड सरकार रद्द नहीं करती तो तीर्थ पुरोहित जल समाधि देंगे।
उन्होंने अपने वीडियो संदेश में कहा कि चारों धामों के तीर्थ पुरोहित आंदोलनरत हैं। सरकार को शीघ्र ही ठोस निर्णय लेना होगा। देवस्थानम बोर्ड को सरकार बंद करे। साथ ही हमारे काम जो अनावश्यक हस्तक्षेप हो रहा है बंद किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार हमें आंदोलन के तहत कड़े कदम उठाने को मजबूर न करें। हम जल समाधि ले सकते हैं। आत्मदाह कर सकते हैं। इसके लिए हम मजबूर होंगे। सारी जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार पर होगी।
बता दें कि वर्ष 2020 में सरकार ने देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। उस समय भी तीर्थ पुरोहित व हकहकूकधारियों ने सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया था। इसके बावजूद तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने फैसले से पीछे नहीं हटे। वहीं, गंगोत्री में पिछले साल भी निरंतर धरना होता रहा। केदारनाथ और बदरीनाध धाम में तो बोर्ड ने कार्यालय खोल दिए, लेकिन गंगोत्री में तीर्थ पुरोहितों के विरोध के चलते कार्यालय तक नहीं खोला जा सका। ये मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने तीर्थ पुरोहितों की याचिका को खारिज कर दिया। अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
सीएम तीरथ ने कही थी पुनर्विचार की बात
उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने देवस्थानम बोर्ड के फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कही थी। अभी तक सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। साथ ही पिछले माह पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का ऐसा बयान हाल ही में आया कि इससे तीर्थ पुरोहित भड़क उठे। उन्होंने कहा कि कि बोर्ड को लेकर पुनर्विचार का सवाल नहीं उठता। हालांकि महाराज बाद में अपनी बात से मुकर गए। वहीं, हाल ही में तीर्थ पुरोहितों ने पर्यटन मंत्री का पुतला भी दहन किया था। ऐसा गंगोत्री के इतिहास में पहली बार हुआ, जब किसी नेता का पुतला जलाया गया हो।
चलाया जा रहा है आंदोलन
गंगोत्री धाम में तीर्थ पुरोहित हर दिन नियमित रूप से आंदोलन कर रहे हैं। 17 जून को गंगोत्री धाम में तीर्थ पुरोहितों ने बांह में काली पट्टी बांधकर गंगा मैया की पूजा अर्चना की। हर दिन मंदिर प्रांगण में सरकार की बुद्धि शुद्दि के लिए भजन कीर्तन भी किया जा रहा है। 20 जून को सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए हवन व यज्ञ भी किया गया। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
गंगोत्री से सत्येंद्र सेमवाल की रिपोर्ट

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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