मेडिकल शॉप के स्वामी से लूटा बैग, निकला टिफिन, तीन आरोपी गिरफ्तार
दून में मेडिकल शॉप के स्वामी को तमंचा दिखाकर लूटने के तीन दिन बाद ही दून पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार कर इस लूट का पर्दाफाश कर दिया। मोटा माल मिलने की संभावना से बदमाशों ने मेडिकल शॉप के स्वामी से बैग लूटा था। बाद में खोलने पर उन्हें खाली टिफिन मिला। इस मामले में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपियों को पकड़ लिया।
ये है घटनाक्रम
डीआइडी एवं एसएसपी देहरादून अरूण मोहन जोशी के मुताबिक 19 अक्टूबर की रात करीब 10 बजकर 35 मिनट पर कोतवाली नगर को लूट की सूचना मिली थी। बताया गया कि दून चौक के पास मोटर साइकिल सवार तीन युवक मेडीकल शॉप के मालिक को तमंचा दिखाकर मेडिकल शॉप के स्वामी गौरव भार्गव की तहरीर पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया।
इस घटना का खुलासा करने के लिए पुलिस अधीक्षक नगर के निर्देशन तथा क्षेत्राधिकारी नगर के पर्यवेक्षण में तत्काल अलग-अलग टीमों का गठन किया गया। गठित टी साथ ही इस प्रकार की घटनाओं में लिप्त रहे पूर्व अपराधियों व वर्तमान में पैरोल पर छूटे अपराधियो के सत्यापन की कार्यवाही की गयी।
फुटेज में दिखा हुलिया
सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन के दौरान क्रास रोड पर स्थित सीसीटीवी कैमरे में बाइक सवार एक अभियुक्त का स्पष्ट हुलिया दिखाई दिया। उक्त हुलिये का मिलान पूर्व में इस प्रकार की घटनाओं में लिप्त रहे पूर्व अपराधियों व वर्तमान में पैरोल पर छूटे अपराधियो से किया गया। जानकारी मिली कि सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहे अभियुक्त का हुलिया मुजाहिद उर्फ खान नाम के अभियुक्त से मिलता जुलता है। जो संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा गैंग का शार्प शूटर है। वर्तमान में जमानत पर जेल से बाहर आया हुआ है और देहरादून में डालनवाला क्षेत्र में रह रहा है।
पुलिस टीम ने जब खोजबीन की तो ज्ञात हुआ कि दून चौक के पास हुई लूट की घटना को मुजाहिद ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया। वह अपने उन्हीं साथियों के साथ किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है। इस पर ने मुजाहिद उर्फ खान को उसके दो अन्य साथियों कलीम अहमद तथा तरूण तिवारी के साथ पंत रोड से गिरफ्तार किया गया।
हथियार हुए बरामद
इनकी तलाशी लेने पर मुजाहिद के पास से एक देसी पिस्टल व जिंदा कारतूस तथा अभियुक्त कलीम व तरूण तिवारी के पास से एक-एक खुखरी बरामद हुई। अभियुक्तों की निशानदेही पर पुलिस टीम ने घटना में लूटा हुआ सामान बरामद किया गया।
ये हुए गिरफ्तार
1: मुजाहिद (24 वर्ष) उर्फ साहिल उर्फ मनोज उर्फ पप्पू उर्फ खान पुत्र स्व मुख्तार अहमद निवासी: पंचपुरी, एमडीडीए कालोनी, डालनवाला।
2: कलीम अहमद उर्फ बिल्लू पुत्र शहीद अहमद निवासी: शान्ति विहार रायपुर, मूल निवासी: सहारनपुर, उत्तर प्रदेश।
3: तरूण तिवारी पुत्र स्व भगवती प्रसाद निवासी: सरस्वती विहार नेहरू कालोनी मूल निवासी: लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश।
जीवा गैंग का रहा सदस्य, कर चुका है हत्या
पूछताछ में मुजाहिद उर्फ खान ने बताया गया कि वह पूर्व में हरिद्वार बाईपास रोड पर रेता बजरी सप्लायर का काम करता था। उसने संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा के बारे में काफी कुछ सुना था। वर्ष 2013 में वह जीवा से मिलने बाराबंकी गया। जीवा से मुलाकात होने पर उसके साथ काम करने की इच्छा जाहिर की तो उसने उसे अपनी गैंग में शामिल कर लिया।
हत्या के आरोप में रहा जेल
बताया कि वर्ष 2015 में जीवा के कहने पर उसने गैंग के एक अन्य साथी अजय सिंह उर्फ बबलू के साथ मिलकर लखनऊ में एक छात्र नेता पिन्टू की हत्या की थी। इसमें उसे और अजय को लखनऊ पुलिस ने जेल भेजा गया था। जेल में 07 महीने रहने के बाद जीवा ने उसकी जमानत कराई गयी थी।
गलत व्यक्ति की कर दी हत्या
इसके पश्चात वर्ष 2017 में जीवा ने मुजाहिद को हरिद्वार में एक व्यक्ति सुभाष सैनी की हत्या की सुपारी दी। इसके लिये विक्की ठाकुर नाम के एक व्यक्ति को भेजा, जो उसे सुभाष सैनी से मिलवाने वाला था। उस समय विक्की ठाकुर की निशानदेही पर उसने गलती से सुभाष सैनी के स्थान पर गोल्डी नाम के एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में हरिद्वार पुलिस उसे गिरफ्तार कर लिया। वर्ष 2019 में जीवा ने फिर उसकी जमानत कराई। किसी भी घटना को करने के बाद पकड़े जाने पर जीवा ही जमानत का सारा इंतेजाम किया जाता था। तथा बाहर आने पर घटना के एवज में पैसा दिया करता था।
उसने बताया कि पिछले करीब एक साल से जीवा लखनऊ में एक नेता की हत्या के आरोप में जेल में बंद है। इस कारण उससे संपर्क नहीं हो सका है। पैसे न मिलने के कारण वह काफी आर्थिक तंगी से गुजर रहा था।
दोस्त ने दी मेडिकल शॉप के स्वामी की जानकारी
वर्ष 2019 में जमानत पर बाहर आने के बाद दून अस्पताल में मुजाहिद की मुलाकात कलीम अहमद से हुई, जो दून अस्पताल के बाहर प्राइवेट एम्बुलेंस चलाने का कार्य करता था। वर्तमान में कोरोना संक्रमण के कारण कोरोनेशन अस्पताल से प्राइवेट एम्बुलेंस चला रहा है। मुलाकात के बाद से ही वे अक्सर साथ बैठकर शराब पीते थे, जिस कारण उनकी अच्छी जान पहचान हो गयी थी। उससे ही जानकारी मिली कि दून चौक के पास एमएस मेडीकोज नाम की एक दवाई की दुकान है। जिसका मालिक अपने वाहन को दून अस्पताल की पार्किंग में खडा करता है तथा रात्रि में दुकान बन्द करने के बाद दिन भर की सारी कमाई को एक बैग में रखकर पैदल दून अस्पताल की पार्किंग तक आता है। यदि पार्किंग से पहले दून चैक के आस-पास उसका बैग लूट लिया जाये तो हमे काफी पैसे मिल सकते हैं।
फिर बनी लूट की योजना
मुजाहिद ने बताया कि अपने एक अन्य साथी तरूण तिवारी को भी अपनी इस योजना में शामिल कर लिया गया। तरूण तिवारी मजदूरी का कार्य करता है। उससे मुलाकात वर्ष 2012 में रेता बजरी की सप्लाई के दौरान हुई थी। योजना के मुताबिक 19 अक्टूबर 2020 की रात्रि तीनो दून चौक के पास खडे होकर दुकान स्वामी के आने का इन्तेजार करने लगे। जैसे ही उक्त दुकान का मालिक दून चैक के पास पहु्ंचा तो मोटर साइकिल से उतरकर मुजाहिद उसके पास गया। तमंचा दिखाते हुए उसके हाथ से बैग छीन लिया। बैग छीनने के बाद तीनों सीधे शान्ति विहार रायपुर स्थित कलीम के कमरे में गए।
बैग खोला तो रह गए ठगे
वहां जाकर जब बैग खोला तो उसमे एक खाली टिफिन मिला। उक्त टिफिन को कलीम के कमरे पर छोडकर बैग एमडीडीए कालोनी के पास स्थित नाले में फेंक दिया। उसके पश्चात हम दोनो अपने-अपने घर वापस चले गये।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।