नहीं थम रहे साइबर ठगी के मामले, तीन लोग हुए शिकार, एक के खाते में लौटाए 90 हजार, आप पढ़ें और जागरूक बनें

उत्तराखंड में साइबर ठगी के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। कारण ये है कि लोगों में जागरूकता की कमी भी है। हल्के से लालच में या फिर अज्ञानता के कारण वे ऐसी ठगी का शिकार हो रहे हैं। यहां हम आपको उत्तराखंड में साइबर ठगी के तीन ताजा मामले बता रहे हैं। ताकी आप ठगी के तरीके जानकर सतर्क हो जाएं। खुद सतर्क होने के साथ ही दूसरों को भी सतर्क करें।
खाते में लौटाए 90 हजार
स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड के अंतर्गत कार्यरत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में जनपद टिहरी गढवाल निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई। इसमे बताया गया कि एक व्यक्ति ने फोन कर खुद को उनका परिचित बताया। साथ ही उन्हें बातों में उलझाकर इतना विश्वास में ले लिया कि वह उसे अपना परिचित मान बैठे। इसके बाद मदद के नाम पर उसने एक लिंक भेजा। इस पर क्लिक करने के बाद उनके खाते से 90000 रुपये निकल गए।
इस मामले में साइबर पुलिस ने जांच की तो उक्त धनराशि जिन ई-वालेट में गई, उसे तत्काल फ्रीज करा दिया। इसके बाद शिकायत करने वाले के खाते में 90000 रुपये वापस करा दिए गए।
बैठाया डर, उड़ा दिए 19 हजार, पीड़ित को पुलिस ने दी राहत
जनपद देहरादून निवासी एक महिला ने थाना साईबर क्राईम पर शिकायत दर्ज कराई एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हे फोन के माध्यम से सम्पर्क कर खुद को स्टेट बैक ऑफ इंडिया से बताया। कहा कि उनके डेबिट कार्ड को बंद कर दिया गया है। उसे चालू करने का झांसा देकर उसने बैंक खाते व डेबिट कार्ड की जानकारी प्राप्त कर ली। इसके बाद महिला के खाते से 19000 रुपये निकाल लिए।
इस मामले में पुलिस ने संबंधित गेटवे से जानकारी जुटाई। साथ ही उसके खाते में 17972 रुपये वापस करा दिए। पुलिस के मुताबिक साइबर ठग ने जिस नंबर से फोन किया, वह नंबर बिहार का है। आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
सामान तो बिका नहीं, उल्टे खाते से उड़े 15 हजार
देहरादून निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई कि उसने कुछ घरेलू सामान बेचने के लिए ओएलएक्स पर विज्ञापन डाला। इस पर एक अन्जान व्यक्ति ने फोन कर सामान की राशि पेटीएम के माध्यम से देने की बात कही।
यहां ये भी सोचने वाली बात है कि यदि कोई सामान देखेगा ही नहीं और उसकी डिलीवरी लेने नहीं आएगा तो पहले ही वह राशि क्यों दे रहा है। ठग ने उसे 15000 रुपये पेटीएम के माध्यम से देने के लिए एक लिंक भेजा। उस पर क्लिक करते ही शिकायतकर्ता के खाते से 15 हजार रुपये उड़ गए।
जांच की गई तो पता चला कि एसबीआइ के जिस खाते में रकम ट्रांसफर हुई उसे ठग तीन पत्ती ऑनलाईन गेम खेलने में खर्च कर चुका था। उसका फोन नंबर राजस्थान का पाया गया। अब पुलिस उसकी गिरफ्तारी की तैयारी कर रही है।
समझदार बनें, जानकार बनें और सुरक्षित रहें
-कभी भी अपनी व्यक्तिगत या बैंकिग डिटेल्स फोन व वाट्सअप कॉल पर किसी से भी साझा न करें। कोई भी बैंक या वॉलेट आपको फोन कर आपकी बैंकिग डिटेल नही मांगता है।
-कृपया गूगल या अन्य किसी सर्च इंजन पर किसी कम्पनी / बैंक का कस्टमर केयर नम्बर न ढूंढें। कस्टमर केयर का नम्बर सम्बन्धित कम्पनी / बैंक की अधिकारिक वैबसाईट से ही देखें।
-कभी भी किसी से अपने डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड की जानकारी शेयर न करें। कोई भी बैंक या वॉलेट आपको फोन कर आपकी बैंकिग डिटेल नही मांगता है ।
-फेसबुक, मेट्रीमोनियल साईट्स, डेटिंग एप्प व अन्य सोशल साईट्स में किसी भी अज्ञात व्यक्ति/महिला से मित्रता न करें न ही उसके बहकावें मे आये ।
किसी भी साइबर शिकायत और सुझाव के लिए यहां संपर्क करें
फोन: 0135-2655900
email– ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।