एयर शो में भारत ने दुनिया को दिखाई अपनी ताकत, दिखा आत्मनिर्भर भारत
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बेंगलुरु में 13 वें एयरो इंडिया-2021 शो का आयोजन शुरू हो गया है। इस बार का एयर शो काफी खास है। तेजस से लेकर कई स्वदेशी एयरक्राफ्ट इस बार एयरशो में करतब दिखा रहे हैं। शो में आत्मनिर्भर भारत की छवि भी नजर आई। इस बार के एयरो इंडिया में दुनियाभर के कई देश भारत की ताकत को देख रहे हैं। एयर शो के पहले दिन HAL के साथ एयरफोर्स का 83 तेजस जेट लेने के लिए करार भी हुआ। इसके अलावा सारंग एयरोबेटिक्स हलिकॉप्टर टीम और सूर्यकिरण टीम ने पहली बार एक साथ दम दिखाया। इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा प्रमुख बिपिन रावत मौजूद रहे। कोरोना के चलते इस बार शो को छोटा करके तीन दिन का कर दिया गया है। यह एयर शो 5 फरवरी को खत्म होगा। कोरोना के चलते इसमें आम लोगों को आने का मौका नहीं मिला।
अमेरिका से उड़कर 26 घंटे में भारत पहुंचा B-1 B लांसर
अमेरिकी बी-1बी लांसर एयरक्राफ्ट ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस विमान को संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिण डकोटा के एक एयरबेस से उड़ान भरकर बेंगलुरू तक आने में 26 घंटे का समय लगा।
इस बार दिखा आत्मनिर्भर भारत
बेंगलुरु में हो रहा एयरो इंडिया शो कई मायनों में खास है। इससे पहले विदेश से लोग अपनी टेक्नॉलजी यहां लाकर शोकेस करते थे, और यहां की इंडस्ट्री उनके साथ हाथ मिलाकर उस टेक्नॉलजी को हासिल करती थी। अब भारत शोकेस कर रहे हैं। इस बार शो में एचएएल द्वारा निर्मित लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर करतब दिखा रहे हैं। इन हेलिकॉप्टरों में में जहां से धुआं निकलता है उसे स्टफ विंग्स कहते हैं। जिनमें हार्ड पॉइंट्स होते हैं जिनमें हथियार लोड किए जाते हैं। रॉकेट या मिसाइल यहां पर लोड होती है।
इनका भी किया गया प्रदर्शन
एयर शो में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एयर लॉन्च्ड वर्जन से इक्विप्ड सु-30 एमकेआई फाइटर जेट भी प्रदर्शित किया गया। वायु सेना का एक समर्पित स्क्वाड्रन इन मिसाइलों से लैस है जो 400 किमी से अधिक दूरी पर निशाना साध सकती है।
सभी हेलीकॉप्टर भारत के
एयरो इंडिया में सारंग एयरोबेटिक हेलिकॉप्टर टीम और सूर्यकिरण टीम एक साथ डिस्प्ले कर रही है। अभी तक दोनों टीम अलग-अलग एयरोबेटिक करती, थीं लेकिन इस बार हेलिकॉप्टर और फिक्स्ड विंग की डिस्प्ले फ्लाइट एक साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। सभी हेलिकॉप्टर भारत के ही हैं। अडवांस लाइट हेलिकॉप्टर ध्रुव को एयरोबेटिक टीम में कन्वर्ट किया गया है। इस दौरान पायलट ने कौशल क्षमता और एकाग्रता का प्रदर्शन किया।
तकनीक मामले में बढ़ रहा भारत
एयरो इंडिया में इस बार तकनीक के मामले में भारत की ताकत दिखाई जा रही है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भारत किस तरह बढ़ रहा है इसकी झलक देखने को मिली। इस बार सेंट्रल थीम एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) की रोटरी विंग है। एचएएल के अडवांस लाइट हेलिकॉप्टर, लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर, मिडियम कॉम्बेट हेलिकॉप्टर के मॉडल भी डिस्प्ले किए गए।
55 से अधिक देशों के अधिकारियों कर रहे प्रतिभाग
एयरो इंडिया में 55 से अधिक देशों के अधिकारी, सर्विस चीफ, प्रतिनिधि, रक्षा मंत्री और 80 विदेशी कंपनी समेत 540 एग्जिबिटर्स ने भाग लिया। वहीं एचएल के साथ 83 नए स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट का कॉन्ट्रैक्ट भी हुआ।
तेजस ने भरी उड़ान
एचएएल की ‘आत्मनिर्भर फॉर्मेशन फ्लाइट’ में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के साथ फिक्स्ड विंग और रोटरी विंग एयरक्राफ्ट ने उड़ान भरी। इसमें एचएएल के बनाए हुए एलसीए ट्रेनर, एचटीटी-40, आईजेटी, अडवांस्ड हॉक एमके -132 और सिविल डोर्नियर-228 एयरक्राफ्ट ने उड़ान भरी। इसके अलावा सुखोई-30 एमकेआई, एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर ध्रुव, लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर, लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर ने भी एयरशो में दम दिखाया।
एशिया का सबसे बड़ा शो
3 फरवरी से शुरू होकर यह एयरो इंडिया शो 5 फरवरी तक चलेगा। रक्षा मंत्रालय का यह एयरो इंडिया शो दो साल में एक बार होता है। यह एशिया का सबसे बड़ा एयर शो है। जिसमें एविएशन सेक्टर के मैन्युफैक्चरिंग कंपनी से लेकर भारत की एयरफोर्स से लेकर दुनिया के कई देशों की एयरफोर्स के प्रतिनिधि भी रहते हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।