Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 6, 2025

बीजेपी सांसद महेंद्र भट्ट ने वन्यजीवों के हमलों की गंभीर समस्या को संसद में उठाया

उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने वन्यजीवों हमलों की लगातार गंभीर होती समस्या को लेकर संसद में उठाया। उन्होंने इस संबंध में केंद्र से विशेष कार्ययोजना बनाने का आग्रह किया है। उच्च सदन में उन्होंने राज्य निर्माण के बाद हुए नुकसान का विवरण देते हुए केंद्र सरकार का ध्यान इसकी तरफ आकृष्ट कराया। साथ ही केंद्र से प्रभावित परिजनों को अधिक आर्थिक मदद की मांग की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने राज्यसभा में कहा कि उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इसके चलते स्थानीय लोगों के जान से हाथ धोने के साथ गंभीर रूप से घायलों की बड़ी संख्या सामने आ रही हैं। उन्होंने राज्य निर्माण के बाद से जंगली जानवरों के हमले में प्रभावित हुए लोगों की विस्तृत जानकारी दी। बताया कि विगत 25 वर्षों में 1264 लोगों की मौत के अतरिक्त 6519 लोग घायल इन घटनाओं के शिकार हुए हैं। इसमें सबसे अधिक गुलदार के हमलों में 546 की मौत और 2126 लोग घायल हुए हैं। इसी तरह हाथी के हमलों में 230 की मौत एवं 234 घायल, बाघ में 106 की मौत, 134 घायल, भालू में 71 की मौत एवं 2012 घायल, सांप के काटने से 360 की मौत, 1056 घायल और मगरमच्छ के हमलों में भी 69 की मौत एवं 44 घायल हुए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसी तरह वर्तमान वर्ष में भी अब तक भालू के हमलों में 5 और बाघ गुलदार के हमलों के 19 की मौत के साथ कुल 24 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। 130 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस दौरान उन्होंने एक दिन पहले पौड़ी में गुलदार के हमले में हुई मौत का जिक्र करते हुए चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग आदि स्थानों की हाल में हुई दुखद घटनाओं की जानकारी भी दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने सदन के माध्यम से केंद्र से अनुरोध किया कि समस्या की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष कार्ययोजना बनाई जाए। विशेषकर उत्तराखंड एवं अन्य हिमालई राज्यों की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए। क्योंकि अधिक वनाच्दित भूभाग होने और जंगलों पर निर्भरता के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में यह समस्या बेहद विकराल रूप में सामने आ रही है। उन्होंने आग्रह किया कि केंद्र एवं राज्य से मृतकों को मुआवजा राशि के रूप में अधिक से अधिक मदद को लेकर शीघ्र पॉलिसी बनाई जाए। वहीं घायलों का भी पूरा इलाज सरकार के माध्यम से हो ताकि पीड़ित परिजनों की समुचित मदद हो सके।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो। यदि आप अपनी पसंद की खबर शेयर करोगे तो ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी। बस इतना ख्याल रखिए।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *