स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने रिलायंस की रेटिंग बढ़ाकर ए की, जियो और रिटेल बने कमाई के नए इंजन
स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (S&P Global Ratings) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की क्रेडिट रेटिंग ‘BBB+’ से बढ़ाकर ‘A-’ कर दी है। साथ ही आउटलुक स्टेबल रखा है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, उपभोक्ता आधारित कारोबार खासतौर पर डिजिटल सर्विसेज और रिटेल से लगातार मजबूत होता कैश फ्लो कंपनी की कमाई को अधिक स्थिर बना रहा है, जिससे रिलायंस की अर्निंग क्वालिटी में सुधार दिख रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 तक रिलायंस के कुल ऑपरेटिंग कैश फ्लो में करीब 60 प्रतिशत योगदान डिजिटल और रिटेल बिजनेस का रहेगा, जबकि शेष 40 प्रतिशत ऑयल-टू-केमिकल्स और ऑयल-गैस से आएगा। इससे साफ है कि कंपनी की कमाई अस्थिर होते हाइड्रोकार्बन कारोबार से हटकर अधिक भरोसेमंद उपभोक्ता क्षेत्रों की ओर बढ़ रही है। रिलायंस का EBITDA वित्त वर्ष 2026 तक ₹1.95 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रेटिंग एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, जियो से टेलीकॉम ग्रोथ को रफ्तार मिलेगी और यह रिलायंस की कमाई का एक प्रमुख इंजन बना रहेगा। S&P का आकलन है कि रिलायंस जियो के वायरलेस ग्राहकों में अगले 12 से 24 महीनों में 3 से 6 प्रतिशत तक बढ़ोतरी दर्ज हो सकती है। ग्राहकों के महंगे प्लान्स में अपग्रेड और बढ़ते डेटा उपभोग से ARPU में भी सुधार की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 में डिजिटल सर्विसेज और जियोस्टार से करीब ₹80,000 करोड़ EBITDA देखने को मिल सकता है जो कंपनी की कुल कमाई का लगभग 43 प्रतिशत होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एजेंसी के अनुसार, रिलायंस का रिटेल कारोबार भी कैश फ्लो को मजबूत और संतुलित बना रहा है। वित्त वर्ष 2026 में रिटेल से करीब ₹27,000 करोड़ EBITDA आने का अनुमान है जिससे कंपनी की कुल कमाई में इसकी हिस्सेदारी लगभग 14 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। देशभर में नए रिटेल स्टोर्स के तेजी से विस्तार और मजबूत सप्लाई-चेन नेटवर्क के चलते यह बिजनेस अब रिलायंस की कमाई का एक भरोसेमंद स्तंभ बनता जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
S&P के मुताबिक, भारी निवेश के बावजूद रिलायंस अपनी मजबूत मार्केट पोजिशन बनाए रखेगी और कैश फ्लो बढ़ाती रहेगी जिससे आने वाले 12 से 24 महीनों में वित्तीय स्थिरता कायम रहेगी। सालाना कैपेक्स करीब ₹1.4 लाख करोड़ के स्तर पर रहने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस आने वाले वर्षों में रिन्यूएबल और न्यू एनर्जी बिजनेस में पूंजी निवेश बढ़ा सकती है। फिलहाल ये कारोबार कमाई में योगदान नहीं दे रहे हैं, लेकिन अगले पांच वर्षों में इनके बड़े ग्रोथ ड्राइवर बनने की संभावना है। S&P ने यह भी दोहराया कि रिलायंस की रेटिंग भारत की सॉवरेन रेटिंग से दो पायदान ऊपर बनी हुई है।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




