स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय को मिली एनआईआरएफ रैकिंग, 101-150 रैंक बैंड में शामिल
देहरादून में डोईवाला स्थित स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू), जौलीग्रांट ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2025 द्वारा जारी रैंकिंग में 101 से 150 रैंक बैंड में शामिल किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने इसे संस्थान के लिए गौरवमयी उपलब्धि बताया साथ ही विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी। डॉ.धस्माना ने कहा कि यह उपलब्धि हमारे शिक्षकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और समर्पित स्टाफ की कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता का परिणाम है। यह आने वाले वर्षों में और भी उत्कृष्ट उपलब्धियों की नींव रखेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने बताया कि एसआरएचयू केवल उच्च स्तरीय चिकित्सा शिक्षा ही नहीं प्रदान कर रहा, बल्कि शोध, नवाचार और ग्राम्य विकास जैसे क्षेत्रों में भी लगातार प्रगति कर रहा है। विश्वविद्यालय समाज के प्रत्येक वर्ग के समग्र विकास हेतु प्रतिबद्ध है। उल्लेखनीय है कि एसआरएचयू को पूर्व में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा ‘ए+’ ग्रेड प्रदान किया गया है, जो इसकी गुणवत्ता और शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रमाण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एनआईआरएफ के मानकों पर खरा उतरा एसआरएचयू
देशभर में करीब 1200 से ज्यादा विश्वविद्यालयों हैं। एनआईआरएफ रैंकिग के लिए विभिन्न मापदंडों और मैट्रिक्स के आधार पर उच्च शिक्षण संस्थानों का मूल्यांकन किया जाता है। संस्थान ने शिक्षण, अनुसंधान, संसाधन, स्नातक परिणाम, और सामाजिक प्रभाव जैसे मापदंडों पर शानदार प्रदर्शन किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विश्वविद्यालय में हर्षोल्लास का माहौल
इस उपलब्धि के उपरांत विश्वविद्यालय के परिसर में शिक्षकों, छात्रों और स्टाफ सदस्यों के बीच अत्यंत उत्साह का माहौल है। सभी ने इसे सामूहिक प्रयास और निरंतर परिश्रम का फल बताया। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना के मुताबिक, हम उच्च शिक्षा के स्तर को निरंतर ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भविष्य में भी नवाचार और गुणवत्ता पर हमारा ध्यान केंद्रित रहेगा, ताकि हम अपने छात्रों को सर्वश्रेष्ठ अवसर प्रदान कर सकें।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




