Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

July 29, 2025

कांवड़ मेला 2025 में तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं को मिली स्वास्थ्य सेवा

उत्तराखंड में धामी सरकार ने इस वर्ष आयोजित कांवड़ मेला 2025 में स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन के क्षेत्र में एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि कांवड यात्रा मार्ग में पड़ने वाले जनपदों को आकड़ों को देखें तो सावन माह के इस विशाल धार्मिक आयोजन में तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं को निशुल्क, त्वरित और सुलभ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराकर राज्य सरकार ने एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत किया। भारी भीड़, सीमित संसाधन और मौसम की चुनौतियों के बीच राज्य सरकार की तैयारी सराहनीय रही। स्वास्थ्य विभाग की इस बड़ी कामयाबी के पीछे मुख्य चिकित्साधिकारी हरिद्वार डॉ आर.के सिंह की बड़ी भूमिका रही। उन्होंने विभागीय रणनीतियों बेहतर तरीके से धरातल पर उतारा व लगातार मानिटरिंग करते रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

स्वास्थ्य सेवाओं का सफल संचालन
स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार ने मेला क्षेत्र में भीड़, सीमित संसाधनों और मौसम की चुनौती के बावजूद बेहतरीन कार्य किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार का संकल्प है कि हर श्रद्धालु को सुरक्षित, सम्मानित और स्वस्थ यात्रा मिले। कांवड़ मेले में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली ने जनसेवा, प्रबंधन और तकनीक का अनूठा समन्वय दिखाया है। यह न केवल श्रद्धालुओं का भरोसा बढ़ाता है, बल्कि उत्तराखंड की सेवा भावना को भी सुदृढ़ करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आगामी कुंभ 2027 के लिए भी आदर्श मॉडल
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा मेला क्षेत्र में कुल 2.43 लाख श्रद्धालुओं को प्राथमिक और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं दी गईं। 24×7 इमरजेंसी सेवाएं निर्बाध रूप से चलीं। न तो कोई संक्रामक रोग फैला और न ही किसी बड़े हादसे की सूचना मिली। विभाग की टीम ने इस आयोजन को न केवल सुरक्षित, बल्कि नवाचार और अनुशासन का मॉडल बना दिया है, जो आगामी कुंभ 2027 के लिए भी आदर्श रहेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

स्थायी व अस्थायी चिकित्सा शिविरों की व्यवस्था
मेले के दौरान 35 अस्थायी चिकित्सा शिविर स्थापित किए गए। इनमें से 25 विभाग द्वारा, और 10 निजी संस्थाओं द्वारा लगाए गए। 5 स्थानों पर कंटेनर बेस्ड स्थायी चिकित्सा केंद्र बनाए गए, जो भविष्य के आयोजनों में भी उपयोगी होंगे।
जियो टैगिंग और QR कोड तकनीक
सभी शिविरों की जियो टैगिंग और QR कोडिंग की गई। श्रद्धालु QR स्कैन करके नजदीकी शिविर का लोकेशन, प्रभारी का नाम और मोबाइल नंबर जान सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

इमरजेंसी सेवाएं और मानव संसाधन
45 डॉक्टर, 69 फार्मासिस्ट, 48 ईएनटी विशेषज्ञ, 58 स्टाफ नर्स, 58 एएनएम, 45 सीएचओ, 44 वाहन चालक, 108 एम्बुलेंस समेत 36 आपातकालीन वाहन, सभी पीएचसी, सीएचसी और जिला अस्पताल अलर्ट मोड पर रखे गए ।
विशेष सुविधाएं, स्वच्छता और कचरा निस्तारण
बर्न यूनिट, ईसीजी मशीन, स्नेक बाइट और डॉग बाइट यूनिट, व्हीलचेयर, ऑक्सीजन, फोल्डेबल बेड, फ्रंट काउंटर, हृदय रोग, एक्सीडेंट इंजरी, बर्न केस जैसी संवेदनशील समस्याओं के लिए अलग केंद्र रखे गए । सभी शिविरों से बायोमेडिकल वेस्ट का सही निस्तारण किया गया । किसी भी प्रकार का संक्रमण या बीमारी नहीं फैली, जिससे मेला क्षेत्र पूर्णतः सुरक्षित रहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नशा नहीं, भक्ति से मिलेगा भोलेनाथ का आशीर्वाद
मेला क्षेत्र में नशामुक्त कांवड़ यात्रा का संदेश व्यापक रूप से प्रचारित किया गया। हर चिकित्सा शिविर, पोस्टर, वेबसाइट और मीडिया के माध्यम से यह संदेश लोगों तक पहुंचाया गया।
प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग का तालमेल
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग तीनों विभागों के बीच बेहतरीन समन्वय से मेला संचालन शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रहा । यह आयोजन आने वाले कुंभ 2027 जैसे बड़े आयोजनों के लिए एक आदर्श मॉडल बनकर उभरा है । स्वास्थ्य सचिव ने कहा कांवड़ मेला 2025 में उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं न केवल कामयाब रहीं, बल्कि सेवा, नवाचार और प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

39,000 से अधिक कांवड़ियों को मिली मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं
पौड़ी जनपद के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने नीलकंठ श्रावण मेले 2025 में आने वाले श्रद्धालुओं को 24×7 उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सराहनीय कार्य किया। नीलकंठ यात्रा मार्ग पर 9 स्थानों पर मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाई गईं। एमआरपी नीलकंठ, पुंडरासु, धाधला पानी, मौनी बाबा की गुफा, बाघखाला, वानप्रस्थ, गरुड़ चट्टी, पीपलकोटी, पीएचसी लक्ष्मण झूला, प्रत्येक पोस्ट पर 2 चिकित्सक, 2 फार्मेसी अधिकारी, 2 नर्सिंग स्टाफ, 1 कक्ष सेवक और 1 सफाईकर्मी तैनात रहा। कुल 07 एम्बुलेंस: 5 विभागीय + 2 108 सेवा, 2 मोबाइल टीमें, जिनमें 1 डॉक्टर, 1 नर्स और 1 सेवक शामिल, ऑन साइट पोस्टमार्टम के लिए लक्ष्मण झूला में 2 अतिरिक्त चिकित्सक और 1 सेवक की नियुक्ति, 24 चिकित्सक, 20 फार्मेसी अधिकारी,20 नर्सिंग अधिकारी, 10 कक्ष सेवक, 10 सफाई कर्मचारी, 7 एम्बुलेंस चालक तैनात रहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मेले में श्रद्धालुओं को सफल उपचार मिला
बुखार, उल्टी-दस्त, सांस फूलना, सामान्य व गंभीर चोटें, सर्पदंश, कुत्ते के काटने, पैरों व बदन का दर्द, छाले, त्वचा रोग, मिर्गी, कटना-फटना, हाई बीपी और शुगर संबंधी समस्याएं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.एम. शुक्ला के निर्देशन में PHC लक्ष्मण झूला में 24 घंटे कंट्रोल रूम संचालित किया गया। डॉ. राजीव कुमार को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page