कांवड़ यात्राः दुकानदारों के लिए फरमान, अपनी पहचान बताना जरूरी, नहीं तो दो लाख तक का जुर्माना

उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान खानपान की दुकानों के लिए फरमान जारी किया है। इसमें हर होटल, ढाबे और ठेली आदि में खाद्य सामग्री बेचने वाले को अपनी पहचान भी बतानी होगी। हालांकि, ऐसा ही फरमान पिछले साल भी कांवड़ यात्रा के दौरान यूपी और उत्तराखंड सरकार ने जारी किया था। इसका विरोध भी हुआ और मामला कोर्ट तक भी पहुंचा था। इस बार तर्क ये दिया जा रहा है कि श्रद्धालुओं को शुद्ध और सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ऐसे निर्देश जारी किए गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विभिन्न मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक, कांवड़ यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को शुद्ध व सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराने के लिए सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं। अब यात्रा मार्गों में खाद्य दुकानों पर अनिवार्य रूप से दुकानदार का नाम, लाइसेंस व पहचान पत्र प्रदर्शित करना होगा। सरकार के निर्देशों का पालन न करने पर दो लाख तक जुर्माना लगाया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यात्रा मार्गों पर हर खाद्य कारोबारी को अपने लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाणपत्र को दुकान में प्रदर्शित करना होगा। छोटे व्यापारियों व ठेले-फड़ वालों को भी फोटो पहचान पत्र व पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदर्शित करना जरूरी होगा। निर्देशों का पालन न करने पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई कर दो लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हालांकि, लाइसेंस का प्रदर्शन दुकानों में पहले से ही अनिवार्य है। यहां तक कि चिकित्सकों के क्लिनिक, नर्सिंग होम या अन्य अस्पतालों में भी लाइसेंस के साथ चिकित्सक अपनी योग्यता और डिग्री का प्रमाणपत्र भी प्रदर्शित करते हैं। ऐसी सामान्य प्रक्रिया को जब बढ़ाचढ़ाकर प्रचारित किया जाता है तो इस बारे में सरकार ही बता सकती है कि इसे लेकर उसका उद्देश्य क्या है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस साल कांवड़ यात्रा
भगवान शिव की पवित्र यात्रा को कांवड़ यात्रा भी कहा जाता है। इसकी शुरुआत सावन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। इस साल 2025 में कांवड़ यात्रा 11 जुलाई दिन शुक्रवार से शुरू होगी। सावन मास में चार सोमवार पड़ेंगे। कांवड़ यात्रा सावन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर कृष्ण चतुर्दशी तक यानी सावन शिवरात्रि तक चलती है। इस साल की कांवड़ यात्रा 13 दिनों की रहेगी। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि होती है। इसलिए कृष्ण पक्ष को भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए अच्छा माना जाता है। वैसे तो आप पूरे सावन माह में शिवलिंग का जलाभिषेक करके पुण्य लाभ अर्जित कर सकते हैं।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।