गर्मियों में सिर्फ पानी पीने से नहीं चलेगा काम, शीतल पेय भी जरूरी, जानिए सेहत के लिए बेहतर शीतल पेय के बारे में

भारत के कई हिस्सों में अब गर्मी चरम पर है। घर से कुछ ही देर बाहर निकलने पर ही शरीर पसीने से तरबतर होने लगता है। हमारा शरीर ठंडा रहने के लिए संघर्ष करता है। शरीर में पानी की कमी का जोखिम गर्मी में बढ़ जाताहै। इससे थकान और हीटस्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में आपको हाइड्रेशन का ध्यान रखना होगा। हाइड्रेशन का मतलब सिर्फ़ पानी पीना नहीं है। इसका मतलब है पसीने के ज़रिये शरीर से निकलने वाले ज़रूरी पोषक तत्वों और तरल पदार्थों की पूर्ति करना। ऐसे में आपको पानी के साथ ही अन्य ऐसे शीतल पेय पीना लाभकारी हो सकता है, जो आसानी से आपको मिल जाएंगे। ध्यान रहे कि शीतल पेय में कोल्ड ड्रिंग या कोला आदि से आपको परहेज करना होगा। इससे कई नुकसान हो सकते हैं। ऐसे में हम आपको पहले इसके नुकसान के बारे में बताएंगे। इसके बाद ये बताएंगे की गर्मियों में कौन का शीतल पेय उपयुक्त है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोल्ड कॉफी – स्वाद में आगे, सेहत में पीछे
कोल्ड कॉफी स्वादिष्ट जरूर होती है, लेकिन इसमें कैफीन और चीनी की मात्रा ज्यादा होती है। खासकर कैफे स्टाइल कॉफी में आइसक्रीम और क्रीम भी मिलाई जाती है, जिससे यह ज़रूरत से ज़्यादा कैलोरी देती है। इसमें प्रोटीन: 4-5 ग्राम, कैलोरी: 150-200, 60-80 मिलीग्राम, कार्ब्स: 18-20 ग्राम, कैफीन: कैलोरी से भरपूर होते हैं। ऐसे में ये सेहत के लिहाज से इसका अत्यधिक सेवन ना करें।(खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोला से करें परहेज
कोला में न प्रोटीन है, न फाइबर और ना ही कोई पोषण है। इसके उलट यह दांतों और हड्डियों को नुकसान पहुंचाता है और वजन बढ़ाता है। अगर सेहत प्यारी है तो इससे दूर ही रहें। इसमें कैलोरी: 140, कार्ब्स: 40 ग्राम, प्रोटीन: 0, कैफीन: 20-40 ग्राम, चीनी: 40 ग्राम होते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोल्ड ड्रिंक्स पीने के बड़े नुकसान
– कोल्ड ड्रिंक्स का ज्यादा सेवन करने से नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज का खतरा बढ़ सकता है। कोल्ड ड्रिंक्स की जब ज्यादा मात्रा लिवर में पहुंचती है, तब यह ओवरलोड हो जाता है और फ्रक्टोज को फैट में बदल देता है। इससे लिवर में फैट जमा हो जाता है।
– अत्यधिक मीठे पेय पदार्थ को सेवन करने से पेट पर चर्बी जमा हो सकती है। कोल्ड ड्रिंक्स में फ्रक्टोज की काफी मात्रा होती है, जो पेट के आसपास फैट जमा कर सकता है। इसे आंत की चर्बी या पेट की चर्बी के रूप में जाना जाता है। पेट की चर्बी बढ़ने से डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है।
– कोल्ड ड्रिंक्स का ज्यादा सेवन करने से इंसुलिन रजिस्टेंस हो सकता है, जिससे ब्लड शुगर बढ़ जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन होता है, जो आपके रक्तप्रवाह से ग्लूकोज को कोशिकाओं में ले जाता है। जब आप मीठा सोडा पीते हैं, तो आपकी कोशिकाएं इंसुलिन के प्रभाव के प्रति कम संवेदनशील हो सकती हैं।
– कोल्ड ड्रिंक्स में पोषक तत्व न के बराबर होते हैं और कैलोरी व शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इससे शरीर के सभी अंगों को काफी नुकसान होता है। शुगरी ड्रिंक्स के सेवन से शरीर में लेप्टिन रजिस्टेंस हो सकता है, जिससे मोटापा बढ़ सकता है। मोटापा कई बीमारियों की वजह बन सकता है।
– कई अध्ययनों से पता चलता है कि शुगर और प्रोसेस्ड जंक फूड सामान्य रूप से आपके मस्तिष्क को कठोर दवाओं की तरह प्रभावित करते हैं। इनका सेवन करने से आपको इन चीजों की लत लग सकती है। अगर आप इन चीजों के एडिक्ट हो जाए, तो सेहत को काफी नुकसान हो सकता है। ऐसे में आपको उन शीतल पेय को पीना चाहिए, जिससे सेहत बेहतर हो जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नोटः यह लेख सामान्य जानकारी प्रदान करता है। अधिक जानकारी के लिए चिकित्सक से संपर्क करें।
आंत की रक्षा के लिए बेल का शरबत
बेल का रस आंतों की सेहत के लिए फायदेमंद है। फाइबर और प्रोबायोटिक तत्वों से भरपूर यह कब्ज और सूजन में राहत देता है। इसमें कैलोरी: 120-150, प्रोटीन: 12 ग्राम, कार्ब्स: 30 ग्राम, फाइबर: 5-6 ग्राम होता है। ध्यान रखें कि इसमें ज़रूरत से ज़्यादा चीनी न मिलाएं।
पारंपरिक भारतीय पेय छाछ
छाछ एक पारंपरिक भारतीय पेय है। इसे दही, पानी और जीरा और धनिया जैसे मसालों से बनाया जाता है। इसमें प्रोबायोटिक्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो पाचन तंत्र को ठंडा रखते हैं और आपके पेट को स्वस्थ रखते हैं। इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं। ये पाचन में मदद करता है। अतिरिक्त ठंडक के लिए इसमें एक चुटकी सेंधा नमक और पुदीना मिलाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नारियल पानी
यह प्राकृतिक आइसोटोनिक पेय शरीर को पुनः हाइड्रेट करने में अविश्वसनीय रूप से प्रभावी है। इसमें पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं, जो इसे गर्म मौसम के लिए एकदम सही बनाते हैं। नारियल पानी शरीर के तरल पदार्थों को संतुलित करता है। यह प्राकृतिक ऊर्जा बूस्टर है। ये मांसपेशियों में ऐंठन को रोकता है। सुझाव ये है कि पैकेज्ड नारियल की अपेक्षा ताजे, कोमल नारियल को प्राथमिकता दें।
कच्चे आम का पेय-आम पन्ना
आम पन्ना कच्चे आम, चीनी और मसालों से बना एक मीठा-खट्टा पेय है। गर्मियों के दौरान उत्तर भारत में इसका खूब सेवन किया जाता है। यह विटामिन सी से भरपूर। ये हीटस्ट्रोक से बचाता है। साथ ही पन्ना पाचन में सहायता करता है। यह अम्लता को कम करने और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सत्तू का शरबत
भुने हुए चने के आटे (सत्तू) से बना यह प्रोटीन युक्त पेय बिहार और उत्तर प्रदेश में लोकप्रिय है। यह शरीर को ठंडा रखने और ऊर्जा बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा है। यह प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होता है। शरीर की गर्मी कम करता है। साथ ही यह प्राकृतिक डिटॉक्स ड्रिंक है। इसके उपयोग के लिए सत्तू को ठंडे पानी, नींबू के रस और काले नमक के साथ मिलाएं।
ताजा गन्ने का रस
ताज़ा गन्ने का रस स्वाभाविक रूप से मीठा और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है और लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। ताजा गन्ने का रस प्राकृतिक शर्करा में उच्च है, जो निर्जलीकरण से बचाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। इसे हमेशा स्वच्छ स्रोतों से ताजा ही पियें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नींबू पानी का सेवन
सरल किन्तु प्रभावी, नींबू पानी खोए हुए द्रव्यों की पूर्ति करता है और विटामिन सी प्रदान करता है। आप इसमें पुदीना, सेंधा नमक या जीरा पाउडर मिला सकते हैं। यह प्रतिरक्षा बढ़ाता है। साथ ही शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और शरीर को तुरन्त ठंडा और ताज़ा करता है।
हर्बल इन्फ्यूजन
पुदीना, हिबिस्कस, तुलसी चाय भी शरीर को ताजगी देते हैं। साथ ही शरीर को ठंडा रखते हैं। हर्बल चाय को ठंडा करके पीने से ताज़गी मिलती है और कैफीन नहीं होता। पुदीना और हिबिस्कस शरीर को ठंडा रखने और सूजन कम करने में विशेष रूप से प्रभावी हैं। इन वस्तुओं का सेवन सूजनरोधी और विषहरण होता है। साथ ही ये कैफीन मुक्त जलयोजन है। इसके सेवन के लिए इन जड़ी-बूटियों को उबालें, तरल को ठंडा करें। इसके बाद बर्फ के साथ परोसें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
खीरे या तरबूज का जूस
इन फलों में पानी की मात्रा अधिक होती है और ये प्राकृतिक रूप से ठंडे होते हैं। गर्मियों में हाइड्रेटिंग पेय के लिए पुदीना या नींबू के साथ इनका ताज़ा जूस पिएँ। ये जूस शरीर में पानी की मात्रा की पूर्ति करता है। ये जूस विटामिन और खनिजों से भरपूर है। साथ ही त्वचा और पाचन के लिए अच्छा है।
कई गुणों से भरपूर जौ का पानी
जौ का पानी गर्मी से बचने और किडनी को स्वस्थ रखने का एक पारंपरिक उपाय है। यह मूत्र मार्ग के संक्रमण (यूटीआई) को नियंत्रित करने में भी मदद करता है, जो गर्मी के मौसम में और भी बदतर हो सकता है। यह प्राकृतिक विषहरण है। साथ ही मूत्र मार्ग को आराम पहुंचाता है। शरीर को हाइड्रेटेड रखता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एलोवेरा जूस
एलोवेरा जूस में ठंडक और सूजन रोधी गुण होते हैं। यह पाचन में सहायता करता है, त्वचा के स्वास्थ्य का समर्थन करता है और शरीर की गर्मी को कम करता है। आंतरिक रूप से ठंडा करता है। ये जूस पाचन में सुधार करता है। त्वचा और प्रतिरक्षा के लिए अच्छा है। सलाह ये है कि हमेशा खाद्य-ग्रेड एलोवेरा का उपयोग करें। नियमित उपयोग से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
गर्मियों में ठंडा रहने के टिप्स
-दिन भर तरल पदार्थ पीते रहें, केवल प्यास लगने पर ही नहीं।
-कैफीन, शराब और कार्बोनेटेड पेय से बचें। ये निर्जलीकरण करते हैं।
-मीठे सोडा की जगह घर पर बने पेय चुनें।
-अपने आहार में अधिक पानी वाले फल जैसे तरबूज, संतरे और अनानास को शामिल करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये हैं बेहतर ऑप्शन
अगर स्वास्थ्य की नजर से देखा जाए तो छाछ और नारियल पानी सबसे ऊपर है। ये शरीर को ठंडक देने के साथ पाचन और एनर्जी दोनों का ख्याल रखता है। नींबू पानी और बेल का जूस भी बढ़िया ऑप्शन हैं, लेकिन इनमें एक्स्ट्रा शुगर न डाली जाए। वहीं कोल्ड कॉफी, कोला और गन्ने का रस सीमित मात्रा में ही लें, वो भी सोच-समझकर।
ऐसी स्थिति में चिकित्सक से मिलें
अगर आपको अत्यधिक थकान, चक्कर आना, पेशाब कम आना या हाइड्रेटेड रहने के बावजूद लगातार सिरदर्द जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। अगर नज़रअंदाज़ किया जाए तो हीटस्ट्रोक और डिहाइड्रेशन ख़तरनाक हो सकते हैं।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।