एनजीटी के आदेश, एलिवेटेड रोड के खिलाफ और बस्तियों के लोगों को मालिकाना हक की मांग को लेकर दून में प्रदर्शन

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदी पर प्रस्तावित एलिवेटेड रोड के निर्माण के लिए सैकड़ों बस्तियों को उजाड़ने के खिलाफ, एनजीटी के आदेश को निरस्त करने, मलिन बस्तियों के लोगों को मालिकाना हक देने की मांग को लेकर बस्ती बचाओ आंदोलन के तहत लोगों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। ये प्रदर्शन सहारनपुर रोड स्थित पटेलनगर में लालपुल पर किया गया। इस दौरान सरकार एवं एनजीटी के फैसले के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर वक्ताओं ने मुख्यमंत्री को बस्तियों को मालिकाना हक देने के वायदे की याद दिलाई। साथ ही एलिवेटेड रोड जैसी गैर जरूरी परियोजना को निरस्त करने की मांग की गई। कहा इस योजना का धन देहरादून के पर्यावरण की रक्षा तथा उसके चहुमुखी विकास के लिऐ खर्च करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओ ने कहा है कि सरकार एलिवेटेड रोड़ के नाम पर कारपोरेट हितों की रक्षा कर रही है। इस योजना से पर्यावरण को भारी क्षति पहुंचाने वाली है तथा एनजीटी का बस्तियों को हटाने का फैसला गरीब विरोधी है। बड़े लोगों तथा सरकारी कब्जों पर एनजीटी मौन है। वक्ताओं ने कहा कि 28 फरवरी 2025 को संयुक्त प्रतिनिधिमंडल की मांग पर उत्तराखंड की मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी देहरादून को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सभा के बाद न्यू पटेलनगर से जुलूस निकाला गया, जो चद्रशेखर आजाद नगर कालोनी होते हुए सत्तोवाली घाटी पहुंचकर समाप्त हुआ। वक्ताओं ने कहा कि आन्दोलन निर्णायक मुकाम तक पहुंचाया जायेगा। इस मौके पर ज्ञापन उपजिलाधिकारी सदर हरिगिरी को दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये हैं मुख्य मांगें
-सरकार अपने ही वायदे के अनुसार बस्ती में रहने वाले गरीब परिवारों को मालिकाना हक़ दे और किसी को बेघर न करे।
-सरकार कोर्ट के अंदर भी ऐसी ही राय ले और उचित कदम उठाकर NGT के आदेश को रद्द करवा दे।
-बेज़रूरत और विनाशकारी प्रस्तावित “एलिवेटेड रोड” परियोजना को रद्द किया जाये और धन का उपयोग देहरादून कै पर्यावरण संरक्षण एवं चहुमुखी विकास में लगाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शन में शामिल मुख्य लोग
प्रदर्शन करने वालों में सीपीएम से अनन्त आकाश, राजेन्द्र पुरोहित, मौहम्मद अल्ताफ, जनवादी महिला समिति से इन्दु नौडियाल, सीटू से लेखराज के साथ ही नुरैशा अन्सारी, अदनान, बिन्दा मिश्रा, किरण, सोनू, हरीश, शवनम, इन्दु, माला, तमरेज, विप्लव, साबरा, सालेहा, ममता, हसीन, अंसारी, हामिद अंसारी, साजिद अंसारी, अल्ताफ अहमद, फिरदौस, यूसुफ, सैफी, शान्ता, सादिया, मीनादेवी, इन्तजार अली, हसीन, युसुफ खान, फातिमा, नासिर, रूकसाना, अंचला, लतेश, सुनील, साजिद, सादिया, राजुल, नुर, राज, फैजान, इन्तजार आदि बड़ी संख्या में बस्तियों के लोग शामिल थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।