देहरादून में 12 से 15 दिसंबर के बीच होगा 10वां नेशनल आरोग्य एक्सपो, जुटेंगे 40 देशों के विशेषज्ञ

देहरादून में 12 से 15 दिसंबर के बीच 10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो- 2024 का आयोजन होने जा रहा है। इसमें 40 से अधिक देशों के विशेषज्ञों सहित छह हजार से अधिक डेलीगेट्स शामिल होंगे। आयोजन में आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी जैसी परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों को लोकप्रिय बनाने पर विचार विमर्श किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हिमालय और गंगा–यमुना जैसी सदानीरा नदियों के चलते उत्तराखंड हमेशा से योग साधकों के साथ ही आयुर्वेद व अन्य परंपरागत चिकित्सा पद्धति के शोधार्थियों के लिए अहम पड़ाव रहा है। अब इसी क्रम में उत्तराखंड में 12 से 15 दिसंबर के बीच वर्ल्ड आयुर्वेद फाउंडेशन की ओर से 10वां विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो- 2024 का आयोजन किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस आयोजन को 40 देशों के 20 अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त स्पीकर के साथ ही विभिन्न सत्रों में 150 से अधिक वक्ता संबोधित करेंगे। आयोजन में छह हजार से अधिक डेलीगेट्स के सामने परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों पर आधारित 900 से अधिक पेपर प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके साथ ही आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी में निवेश और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए आयुष ड्रग्स निर्माता के साथ ही बॉयर सेलर मीट का भी आयोजन किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अपर सचिव विजय जोगदंडे ने बताया कि आयुष मंत्रालय के सहयोग से देहरादून के परेड ग्राउंड में होने जा रहे इस एक्सपो में आमलोगों के लिए फ्री आयुष क्लीनिक का आयोजन किया जाएगा। इसमें डायबिटीज, महिला और बाल स्वास्थ्य, वृद़धावस्था, न्यूरोलॉजी, आंकोलॉजी, प्रिवेंटिव कॉर्डियोलॉजी पर निशुल्क परामर्श दिया जाएगा। यह आयोजन एक तरह से आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी का समग्र मेला साबित होगा। जिसमें प्रदेशभर से तीन लाख लोगों के सामने होने की उम्मीद है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पूरे उत्तराखंड के लिए गौरव की बात
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देहरादून में 10वां विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो- 2024 का आयोजन किया जाना पूरे उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है। इस आयोजन के जरिये प्रदेश के आयुष और अन्य परपरागत दवा निर्माताओं को खासकर लाभ होगा। साथ ही प्रदेश में परंपरागत चिकित्सा के जरिये भी जागरुकता पैदा होगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।