घरों में नजर आने लगी दीमक, कर लो ये उपाय, मिल जाएगा छुटकारा
इस बार देशभर में अधिकांश जगह जोरदार बारिश हुई। साथ ही बारिश का सिलसिला कई राज्यों में जारी है। ऐसे में इधर उधर छिपे जीव जंतुओं ने भी सुरक्षित स्थान तलाशने के लिए घरों की तरफ रुख कर लिया है। बारिश के दिनों में नमी वाली जगहों पर दीमक तुरंत अपना जाल बिछाने लगती हैं। घरों में रखे लकड़ी के फर्नीचर से लेकर दीवारों तक हर जगह दीमक के मिट्टी के किले देखे जा सकते हैं। ऐसे में यदि आप अपने घर में दीमक की समस्या से परेशान हैं तो नेचुरल तरीकों से इससे छुटकारा पा सकते हो। इसके पहले दीमक के बारे में भी जानना जरूरी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दीमक के बारे में
दीमक छोटे कीड़े हैं, जो लकड़ी पर भोजन करना पसंद करते हैं। हमारे आस-पास तीन अलग-अलग प्रकार के दीमक पाए जाते हैं और वे हैं सूखी लकड़ी की दीमक, नम लकड़ी की दीमक और भूमिगत दीमक। घर के मालिकों को आमतौर पर घरों में भूमिगत या सूखी लकड़ी की दीमक का संक्रमण देखने को मिलता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दीमक के विभिन्न प्रकार
दीमक के कई अलग-अलग प्रकार हैं, जिन्हें आम तौर पर उनके आवास और व्यवहार के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। यहाँ मुख्य प्रकार दिए गए हैं।
पूर्वी भूमिगत दीमक (रेटिकुलिटर्मस फ्लेवाइप्स)
ये पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में पाए जाते हैं, ये बड़ी कॉलोनियां बनाते हैं और अत्यधिक विनाशकारी होते हैं।
फॉर्मोसन सबटेरियन दीमक (कॉप्टोटर्मेस फॉर्मोसानस)
दक्षिणी संयुक्त राज्य अमेरिका में पाई जाने वाली सबसे आक्रामक और विनाशकारी दीमक प्रजातियों में से एक के रूप में जानी जाती है।
पश्चिमी भूमिगत दीमक (रेटिकुलिटर्मेस हेस्पेरस)
सामान्यतः पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका में पाए जाते हैं।
सूखी लकड़ी के दीमक
पश्चिमी सूखी लकड़ी दीमक (इन्सिसिटेरमस माइनर) : मुख्य रूप से दक्षिण-पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका में पाए जाने वाले ये दीमक उस लकड़ी के अंदर रहते हैं, जिसे वे नुकसान पहुंचाते हैं।
दक्षिण-पूर्वी शुष्क-काष्ठ दीमक (इन्सिसिटेरमेस स्नाइडेरी)
दक्षिण-पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में, विशेष रूप से फ्लोरिडा में आम।
नम लकड़ी दीमक
प्रशांत आर्द्र लकड़ी दीमक (ज़ूटर्मोप्सिस एंगुस्टिकोलिस) : प्रशांत तटीय राज्यों में पाए जाने वाले ये दीमक नम लकड़ी पसंद करते हैं।
नेवादा डैम्पवुड दीमक (ज़ूटर्मोप्सिस नेवाडेन्सिस)
नेवादा और अन्य दक्षिण-पश्चिमी राज्यों के शुष्क रेगिस्तानी क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
कोनहेड दीमक (नासुटिटर्मेस कॉर्निगर)
मूल रूप से कैरिबियन से, वे फ्लोरिडा के कुछ हिस्सों में फैल गए हैं। वे विशिष्ट शंकु के आकार के सिर बनाते हैं और अपने आक्रामक चारागाह व्यवहार के लिए जाने जाते हैं।
फॉर्मोसन दीमक
अक्सर भूमिगत दीमकों की श्रेणी में रखे जाने वाले ये दीमक अत्यधिक आक्रामक होते हैं तथा बड़ी कॉलोनियां बनाते हैं, तथा तेजी से व्यापक क्षति पहुंचाने में सक्षम होते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रेगिस्तानी दीमक, ग्नैथैमिटर्मेस प्रजाति
शुष्क क्षेत्रों में पाए जाने वाले, ये घास और लकड़ी खाते हैं, लेकिन अन्य प्रजातियों की तुलना में कम विनाशकारी होते हैं। प्रत्येक प्रकार के दीमक की अपनी विशिष्ट विशेषताएं और व्यवहार होते हैं जो इस बात को प्रभावित करते हैं कि वे किस प्रकार संरचनाओं को संक्रमित करते हैं तथा उन्हें किस प्रकार नियंत्रित किया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
घर में दीमक के संकेत, खोखली आवाज वाली लकड़ी
लकड़ी पर थपथपाना; खोखली आवाजें नुकसान का संकेत देती हैं।
मिट्टी की नलियाँ
दीवारों या बीमों पर पेंसिल के आकार की नलियाँ।
त्यागे गए पंख
खिड़कियों या दरवाजों के पास पंखों का ढेर।
फ्रैस (दीमक की बूंदें)
लकड़ी के पास गोली के समान बूंदें।
लकड़ी के फर्श में छाले
लकड़ी के फर्श में छाले या काले क्षेत्र।
क्षतिग्रस्त या खोखली लकड़ी
टूटती हुई लकड़ी की संरचनाएँ।
सूजे हुए फर्श और छत
स्पंजी, सूजे हुए क्षेत्र।
सिर टकराने की आवाजें
परेशान दीमकों से आने वाली क्लिक जैसी आवाजें।
टाइट-फिटिंग दरवाजे और खिड़कियाँ
टेढ़े-मेढ़े दरवाजे और खिड़कियाँ।
दृश्यमान दीमक
अपने घर में जीवित दीमक देखना। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वाइट विनेगर से भगाएं दूर
वाइट विनेगर का इस्तेमाल सफाई से लेकर कीटनाशक के रूप में किया जाता है। दीमक से छुटकारा पाने के लिए एक स्प्रे बोतल में पानी और विनेगर को बराबर मात्रा में मिलाकर घोल तैयार कर लें। फिर इसे दीमक के ठिकानों पर छिड़क दें। एक से दो बार इस प्रक्रिया को दोहराने से दीमक पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।
बोरिक एसिड
बोरिक एसिड एक नेचुरल कीटनाशक है जो दीमक को मारने में प्रभावी होता है। ऐसे में दीमक को खत्म करने के लिए बोरिक एसिड को पानी में घोलकर पेस्ट बना लें. अब इसे दीमक के ठीकानों पर लगाकर छोड़ दें। इससे दीमक मर मरकर जमीन पर गिरने लगेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नीम का तेल
नीम का तेल कीटों को दूर रखने का पुराना उपाय है। नीम के तेल में एंटीसेप्टिक और कीटनाशक गुण होते हैं जो दीमक को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इसके लिए एक कप नीम का तेल और एक कप पानी मिलाकर इसे स्प्रे बोतल में डालें और दीमक के ठिकानों पर छिड़कें।
साबुन और पानी का घोल
साधारण साबुन और पानी का घोल भी दीमक को कंट्रोल करने में सहायक होता है। इसके लिए एक गिलास पानी में एक चम्मच साबुन घोलें और इसे दीमक के स्थानों पर छिड़कें। यह सरल और प्रभावी तरीका दीमक की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है।
नोटः यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है। हमने इसमें घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियां दी हैं। अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की मदद ले सकते हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नमक का उपयोग करें
दीमक भगाने में नमक असरदार काम करता है। जिन लोगों के घर में अक्सर दीमक की समस्या रहती है उन्हें नमक का ये उपाय जरूर करना चाहिे। नमक में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो दीमक को दूर करते हैं। जहां दीमक लगी है वहां आप नमक का छिड़काव कर दें।
लौंग के तेल का करें प्रयोग
दूसरा प्रभावी घरेलू दीमक मारने का उपाय लौंग के तेल और पानी का उपयोग करके बनाया जा सकता है। लगभग आधे कप पानी में लौंग के तेल की 3 बूंदें मिलाएं और इसे स्प्रे बोतल में इस्तेमाल करें। इसे प्रभावित क्षेत्र पर स्प्रे करें और देखें कि यह कितनी आसानी से दीमक को मार देता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संतरे का तेल आजमाएं
घर में दीमक से छुटकारा पाने के लिए संतरे के तेल की शक्ति को कम मत समझिए। इस तेल में डी-लिमोनीन होता है, जो मुख्य मारक यौगिक है जो दीमक जैसे कीटों के लिए असहनीय है। घर में दीमक ही नहीं बल्कि अन्य कीटों को भी प्राकृतिक तरीके से मारने के लिए संतरे के तेल और पानी का स्प्रे इस्तेमाल करें।
पेट्रोलियम जेली या एलोवेरा का प्रयोग करें
अगर घर में ऊपर बताए गए उपायों में से कोई भी उपाय उपलब्ध नहीं है, तो दीमकों को मारने के लिए पेट्रोलियम जेली का इस्तेमाल करें। पेट्रोलियम जेली में मौजूद फिनोल दीमकों का दम घोंट देता है और एलोवेरा का इस्तेमाल करके भी यही असर दिखाया जा सकता है। ये दोनों ही घर के मालिकों के लिए दीमकों के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार के रूप में काम करते हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।