नहीं रहे पॉपुलरमैन डा. चन्द्रा, ग्राफिक एरा में दी गई श्रद्धांजलि
दुनिया में पॉपुलरमैन के नाम से मशहूर वानिकी वैज्ञानिक डा. जेपी चन्द्रा का निधन हो गया। वह ग्राफिक एरा से स्थापना के समय से जुड़े हुए थे। उन्हें ग्राफिक एरा की स्थापना का एक प्रमुख प्रेरणा स्रोत माना जाता है। उनके निधन से देहरादून में ग्राफिक एरा में शोक छा गया। साथ ही उन्हें ग्राफिक एरा में श्रद्धांजलि दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डा. चन्द्रा पौड़ी जिले के निवासी थे। वह कुछ दशकों से रूद्रपुर में निवास कर रहो थे। 82 वर्षीय डा. जेपी चन्द्रा ने पॉपुलर, यूकेलिप्टिस के क्षेत्र में नये अनुसंधान और क्लोनिंग करके उनकी कई नई प्रजातियां विकसित की। ऐसी करीब 121 प्रजातियों के पेटेंट उनके नाम दर्ज हैं। देश में वानिकी को नया रूप देने और आधुनिक अंदाज में नर्सरी विकसित करने के लिये भी उन्हें जाना जाता है। इजराइल से वानिकी की नई टेक्नोलॉजी वह भारत लाये थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डा. चन्द्रा ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के सदस्य और विमको के संस्थापक सदस्य थे। हिमाचल सरकार के वन विभाग में सेवाएं देने और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना में सेवा के बाद उन्होंने लंबे समय तक पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में उद्यानिकी के प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहां ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के चेयरमैन डा. कमल घनशाला, वाईस चेयरपर्सन राखी घनशाला, डा. चन्द्रा के छोटे भाई वीके चन्द्रा, गोविन्द चन्द्रा, डा. सतीश घनशाला, डा. चन्द्रा के पुत्र कमल रूप चन्द्रा परिवार के सदस्यों, ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. नरपिन्दर सिंह, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. संजय जसोला और रूद्रपुर, पौड़ी गढ़वाल व देहरादून के सैंकड़ो लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुचे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ. चन्द्रा के निधन से ग्राफिक एरा में शोक छा गया है। आज विश्वविद्यालय में शोक सभा करके उन्हें श्रद्धांजली दी गई। डॉ कमल घनशाला ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि डॉ चंद्रा ने देश में वानिकी को नये आयाम दिये हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।