मोहल्ला क्लिनिक के कफ सिरप से 16 बच्चे बीमार, तीन की मौत, तीन की सेवाएं समाप्त, उत्तराखंड से कर्नल ने दिया था विजिट का आमंत्रण
जिस दिल्ली के मोहल्ला क्लिनिकों को मॉडल की रूप में प्रचारित किया जा रहा था और आज उत्तराखंड से आप नेता कर्नल कोठियाल वहां का विजिट करने दिल्ली गए हैं। साथ ही उन्होंने सभी दलों के नेताओं के साथ ही पत्रकारों को भी विजिट का निमंत्रण दिया, उसी मोहल्ला क्लिनिक में दिए गए कफ सिरप पीने से 16 बच्चे बीमार हुए और तीन की मौत हो गई।

उत्तराखंड हो, फिर पंजाब या गोवा। आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आम आदमी पार्टी इन राज्यों में प्रचार के रूप में दिल्ली मॉडल के गुणगान का बखान कर रही है। उत्तराखंड में तो कल ही आप नेता एवं सीएम पद के प्रत्याशी कर्नल (से.नि.) अजय कोठियाल ने उत्तराखंड के नेताओं के साथ ही पत्रकारों से भी कहा कि मेरे साथ दिल्ली चलिए। मैं वहां स्कूलों, मोहल्ला क्लिनिकों का विजिट करने जा रहा हूं। वहां देखना दिल्ली मॉडल कैसा है। जिस दिल्ली का यहां के नेता उदाहरण दे रहे हैं, उसका विजिट अब करना भी अटपटा सा लगता है। क्योंकि जब पहले विजिट नहीं किया तो वहां का उदाहरण वे किस आधार पर दे रहे हैं। खैर इसे राजनीतिक दावपेच कहें या कुछ और, लेकिन मोहल्ला क्लिनिक से बुरी खबर सामने आई है।
मोहल्ला क्लिनिक से दिए गए एक कफ सिरप के साइड इफेक्ट की वजह से 16 बच्चे बीमार हुए और इनमें से 3 बच्चों की मौत हो गई। इस मामले की जांच रिपोर्ट में डिस्ट्रोमेथोर्फन कफ सिरप का मामला सामने आया। जांच रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार के डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज (DGHS) ने दिल्ली सरकार के डीजीएचएस को निर्देश दिया है कि वह सभी मोहल्ला क्लीनिक और डिस्पेंसरी को नोटिस जारी कर बताए कि चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए डिस्ट्रोमेथोर्फन सिरप प्रिसक्राइब नहीं करे।
दिल्ली के कलावती सरन चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में कथित तौर पर आम आदमी मोहल्ला क्लिनिक के डॉक्टरों द्वारा प्रेस्क्राइब किए गए नशीले कफ सीरप पीने से तीन बच्चों की मौत का मामला हाल ही में उजागर हुआ। इस पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि सरकार ने बच्चों की मौत के मामले में तीन डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं और घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि कुछ दिनों पहले प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया के कारण कलावती सरन अस्पताल में तीन बच्चों की मौत हो गई। जैसे ही हमें इसके बारे में पता चला, हमने तीन डॉक्टरों की सेवाओं को समाप्त कर दिया और जांच के आदेश दिए। हमने घटना के बारे में दिल्ली मेडिकल काउंसिल में भी शिकायत की है।
दिल्ली सरकार ने सोमवार को चार सदस्यीय जांच कमेटी का भी गठन किया है। एक आदेश के अनुसार, मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (दक्षिण-पूर्वी दिल्ली) डॉ गीता उस पैनल की अध्यक्षता करेंगी। पैनल को सात दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया है। दिल्ली की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस ने घटना को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से इस्तीफे की मांग की है और तीन बच्चों के पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है।
अधिकारियों के अनुसार, केंद्र द्वारा संचालित कलावती सरन चिल्ड्रन हॉस्पिटल ने 29 जून से 21 नवंबर तक एक से छह वर्ष की आयु के बच्चों में डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न प्वायजनिंग के 16 मामले दर्ज किए हैं। अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर ने समाचार एजेंसी पीटीआइ को बताया कि ज्यादातर बच्चों को सांस लेने में तकलीफ थी और मरने वाले तीन बच्चों की हालत ज्यादा खराब थी।
दरअसल, इस मामले को लेकर केंद्र सरकार के डीजीएचएस ने 7 दिसंबर को दिल्ली सरकार के डीजीएचएस को एक पत्र के जरिए यह सूचना दी है। इस पत्र में बताया गया है कि कलावती सरन अस्पताल में डिस्ट्रोमेथोर्फन सिरप के पॉइजनिंग की वजह से 16 मामले रिपोर्ट हुए थे, इसमें से 3 की मौत हो गई। आगे लिखा है कि इन बच्चों को यह सिरप मोहल्ला क्लीनिक में प्रिसक्राइब की गई थी, जो पीडियाट्रिक्स की श्रेणी में आने वाले बच्चों के लिए रिकमेंड नहीं है। इस मामले को लेकर सीडीएससीओ ने सिरप की जांच की, जिसमें इसकी क्वॉलिटी सही नहीं पाई गई। इसकी सूचना दिल्ली ड्रग कंट्रोलर को भी दी गई है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।