वाह रे सरकार, जब सर्वदलीय बैठक में उठा मामला तो पता चला कि शराब आवश्यक सेवा नहीं, देने पड़े निर्देश
उत्तराखंड में कभी न कभी कुछ न कुछ अजीब होता रहता है। पूरे प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर आमजन तक चिंतित है। कई स्तर से एक सप्ताह तक के लॉकडाउन की मांग उठने लगी है। इस बीच सरकार ने भी हर दिन दो बजे से आवश्यक सेवाओं को छोड़कर व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद करने का निर्णय किया हुआ है। वहीं, हर रविवार को पूरे प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू है। देहरादून नगर निगम और कैंट, क्लेमेंटाउन क्षेत्र में शनिवार को भी कोरोना कर्फ्यू है। हर शाम सात बजे से सुबह पांच बजे तक पूरे प्रदेश में नाइट कर्फ्यू भी लगाया जा रहा है। इसके बावजूद दोपहर को दो बजे जब दुकानें बंद की जाती हैं तो शराब के ठेके खुले रहते हैं। इस संबंध में समाचार पत्रों के साथ ही सोशल मीडिया में लगातार लिखा जा रहा है। इस सबके बावजूद सरकार चुप बैठी हुई थी और ठेके खुल रहे थे।
आज मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सर्वदलीय बैठक वर्चुअली बुलाई। इस बैठक में भी दोपहर दो बजे शराब की दुकानें बंद नहीं होने का मसला उठा। इस पर सीएम तीरथ सिंह रावत को अलग से शराब की दुकानों को लेकर अधिकारियों को बोलना पड़ा। उन्होंने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश कहा आम बाजार की तरह 2:00 बजे ही शराब की दुकानों को भी बंद कर दिया जाए। मुख्यमंत्री ने साफ कह दिया कि किसी को भी छूट नहीं दी जाएगी और कोरोनावायरस के खतरे में बिल्कुल भी ढिलाई नहीं बरती जाएगी सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि उन्हें राजस्व से कहीं अधिक राज्यवासियों के स्वास्थ्य की चिंता है। संक्रमण को रोकने के लिए जो भी जरूरी कदम होंगे वह उठाए जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब की दुकानें जल्दी बंद किए जाने से राजस्व का नुकसान होना तो स्वाभाविक है। मुझे अपने प्रदेश की जनता की चिंता है। हर हाल में प्रदेश को संक्रमण के प्रभाव से बचाना है। इसके लिए जो भी कदम उठाने जरूरी होंगे वह उठाए जायेंगे।
सभी दलों से की सहयोग की अपेक्षा
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के प्रभावी रोकथाम के लिए सभी दलों से सहयोग की अपेक्षा की है। शनिवार को सचिवालय में वर्चुअल माध्यम से आयोजित सर्वदलीय बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की ओर से प्रस्तुत सुझाव पर प्रभावी कार्यवाही का आश्वासन देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम वैश्विक महामारी से निजात पाने में भविष्य में भी समय-समय पर सभी दलों के प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श कर उनका सहयोग लेंगे।
सर्वदलीय बैठक में जिन्होंने अपने सुझाव रखे उनमें कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, इंदिरा हृदयेश, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रीतम सिंह पंवार, दिवाकर भट्ट, भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक तथा महामंत्री कुलदीप कुमार शामिल रहे।
मुख्यमंत्री तीरथ ने सभी के सुझाव को उपयोगी बताते हुए कहा कि प्राप्त सुझाव पर अमल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब मिलकर किस प्रकार इस महामारी का सामना कर सके इसके लिए आपसी विचार-विमर्श, चिंतन एवं समन्वय जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी का मत है कि कोरोना वायरस के चैन को कैसे प्रभावी ढ़ंग से तोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने सभी सदस्यों द्वारा इस संबंध में उनके द्वारा दिए गए सहयोग के आश्वासन के लिए भी आभार व्यक्त किया।
नहीं है ऑक्सीजन की कमी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। स्पोर्ट्स कॉलेज कोविड सेंटर में 500 बेड और बढ़ाए गए हैं। कोरोनेशन मे भी 100 बेड की व्यवस्था की गई है। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के अलावा पांच निजी अस्पतालों में भी 75 प्रतिशत बेड आरक्षित करने की व्यवस्था की गई है। होटलों को भी अधिकृत किया जा रहा है। रुद्रपुर, सेलाकुई, रुड़की आदि स्थानों पर ऑक्सीजन की उपलब्धता के साथ बाहर से भी इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश में टेस्टिंग बढ़ाई गई है, अन्य राज्यों की अपेक्षा राज्य में ज्यादा टेस्टिंग प्रतिदिन की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस की चैन तोड़ने के लिए भी कारगर प्रयास किए जा रहे हैं। सरकारी दफ्तरों को तीन दिन के लिए बंद किया गया है, आगे भी तीन दिन इन्हें बंद रखे जाने की व्यवस्था की जा रही है। आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोड़कर शेष प्रतिष्ठान अपराह्न दो बजे के बाद बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। मास्क सभी लोग पहने इसके लिए पुलिस को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जन जागरूकता से हम इस पर नियंत्रण पा सकते हैं।
कालाबाजारी रोकने के सख्त आदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना रोकथाम में प्रयुक्त होने वाली दवा व इंजेक्शन आदि की कालाबाजारी रोकने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। कोई भी व्यक्ति यदि इसमें शामिल पाया गया तो उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी को कैसे बेहतर इलाज मिल सके इसकी भी व्यवस्था की गई है। आयुष्मान भारत कार्ड की सीमा तक अस्पतालों में इलाज की सुविधा है। इसके अलावा गरीबों के इलाज में यदि कोई अन्य व्यवस्था की जानी होगी तो वह भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना कि बीमारी के इलाज के लिए अस्पतालों में दरों का भी निर्धारण किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वैक्सीनेशन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है अब 18 से अधिक उम्र वालों का भी वैक्सीनेशन निशुल्क किए जाने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में क्वारंटीन सेंटरों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। कोविड-19 के इस दौर में प्रवासी प्रदेशवासियों को भी आवश्यक मदद सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है।
स्वास्थ्य सचिव ने दी जानकारी
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने जानकारी दी कि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना की गति पिछले वर्ष की अपेक्षा तीन गुना बढ़ी है। पहले की अपेक्षा इसमें तेजी आई है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पहले 10-12 हजार टेस्ट प्रतिदिन हो रहे थे, अब यह संख्या 25 हजार प्रतिदिन हो गई है। राज्य में लोगों को बेहतर इलाज उपलब्ध हो इसके प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमेटी भी बनाई गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य के चार मैदानी जनपदों में समस्या अधिक है। इसके लिए भी ऑक्सीजन व वेंटिलेटर बेड की व्यवस्था की गई है। निजी अस्पतालों में भी 75 प्रतिशत बेड आरक्षित किए जा रहे हैं। राज्य में आर्थिक गतिविधियां अधिक प्रभावित ना हो इसके लिए मिनी लॉकडाउन पर ध्यान दिया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के चैन को तोड़ने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना कि दवाई व इंजेक्शन की सप्लाई चैन को बढ़ाया जा रहा है, अभी प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है।
सभी दल के नेताओं ने मुख्यमंत्री की ओर से 18 से 45 वर्ष तक के लोगों को निशुल्क टीकाकरण कराने के निर्णय के लिए आभार जताया। सभी ने कोरोना की रोकथाम को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
कालाबाजारी की शिकायतों पर हो कड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में आयोजित बैठक में प्रदेश में कोविड की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि कालाबाजारी की शिकायतों पर दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इसमें किसी तरह की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठकों में जो निर्णय एक बार ले लिया जाता है, उसकी अनुपालना सुनिश्चित की जानी चाहिए।
मई से राज्यव्यापी टीकाकरण अभियान संचालित किया जाना है। इसकी पुख्ता तैयारियों कर ली जाएं। कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए कैम्प एप्रोच पर टीकाकरण की व्यवस्था की जाए। औद्योगिक संस्थानों, कालेजों, सहित ग्राम स्तर तक करना है। नगर निकायों की भांति ही पंचायतों में भी सेनेटाइजेशन कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बोर्डर पर बाहर से आने वालों की सख्त चैकिंग हो। बिना आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट के न आने दिया जाए। राज्य के प्रवासी लोगों के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी हो। उन्हें सीधे उनके घर भेजकर होम आइसोलेशन में रखा जाए। ये लोग होम आइसोलेशन का पालन करें। इसके लिए ग्राम प्रधानों का सहयोग लिया जाए। इसके लिए ग्राम प्रधानों को समुचित धनराशि उपलब्ध करानी होगी। पुलिस का प्रधानों को सहयोग दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने अस्पतालों को उपलब्ध कराई गई रेमडेसिविर की मात्रा और तय दर सार्वजनिक करने के निर्देश दिये। आगे के 15 दिनों के अनुसार कोविड को लेकर प्लान हो। उसी के अनुरूप आक्सीजन, आईसीयू, जरूरी दवाएं आदि की व्यवस्था सुनिश्चित हो। आक्सीजन सप्लाई चेन मैनेजमेंट पर सर्वाधिक ध्यान देना होगे। जनजागरूकता के लिए व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। होम आइसोलेशन में किन किन बातों का ध्यान रखा जाना है, लोगों को इसकी जानकारी दी जाए। एक प्रभावी सेंट्रल कंट्रोल रूम हो, जहां लोगों को विभिन्न अस्पतालों में उपलब्ध बेड की जानकारी मिल सके और जरूरी होने पर व्यक्ति को किस अस्पताल जाना चाहिए। इसके बारे में बताया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दून अस्पताल की व्यवस्था पर खास ध्यान दिया जाए। टेस्ट के लिये सेम्पल लेते ही दवाई भी उपलब्ध करा दी जाए। अस्पतालों में पुलिस व्यवस्था भी सुनिश्चित कर ली जाए। वीडियो कांफ्रेंसिग में आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री डा धन सिंह रावत, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, शैलेश बगोली, डा पंकज कुमार पाण्डेय सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी और जिलाधिकारी उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।