Video: विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, अब मुखवा में होगी मां गंगा की पूजा
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट आज दोपहर करीब साढ़े बारह बजे पूजा अर्चना और विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। अब आगामी छह माह तक मां गंगा की पूजा शीतकालीन प्रवास मुखीमठ मुखवा गांव में होगी। आज सुबह से ही गंगोत्विरी धाम में विशेष अर्चना की गई। 9 बिहार रेजीमेंट के जवानों ने बैंड की धुन से पूरा माहौल भक्तिमय बना रहा। निर्धारित समय पर तीर्थ पुरोहितों, वेदपाठियों और हक हकूकधारियों की उपस्थिति में मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। इसके बाद मां गंगा की डोली शीतकालीन प्रवास लिए रवाना हो गई।
कपाट बंद करने की प्रक्रिया गंगोत्री धाम में सुबह से ही चल रही थी। गंगोत्री मंदिर और गंगा घाट पर पूजा-अर्चना की गई। इसके साथ ही इस अवसर पर मां गंगा की दर्शन करने के लिए जनपद की प्रमुख देव डोलियां भी गंगोत्री धाम पहुंच गई थी। सुबह से ही गंगोत्री धाम का मनमोहक नजारा रहा। सेना के बैंड की धुन के साथ भक्ति संगीत की बयार रही। साथ ही पूरी गंगोत्री मां गंगा के उदघोष के साथ गूंजायमान रही।
कपाट बंद होने के बाद नाग देवता व सोमेश्वर देवता की अगवाई में मा गंगा जी डोली गंगोत्री धाम के अपने शीतकालीन प्रवास केलिए रवाना हुई। गंगा की डोली मुखवा के निकट चंदोमति माता के मंदिर में विश्राम करेगी। सोमवार को अपने शीतकालीन प्रवास मुखीमठ मुखवा गांव में पहुंचेगी उसके बाद 6 माह के लिए मा गंगा के दर्शन श्रद्धालु यहीं पर कर सकते है।
गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद से ही चारधाम यात्रा के समापन की शुरूआत हो गई। कल भैया दूज के लिए केदारनाथ धाम, यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होंगे। इसके बाद 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। इस बार कोरोनाकाल और लॉकडाउन के चलते चारधाम यात्रा भी गति नहीं पकड़ पाई। वहीं, इन धामों में रोजी रोटी का जुगाड़ करने वाले स्थानीय लोग भी इस बार हाथ पर हाथ धरे खाली बैठे रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।