Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 23, 2024

उत्तराखंड विधानसभा से हटाए कर्मियों को सुप्रीम कोर्ट से झटका, याचिका खारीज, सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर बोले-हमारे कथन पर मुहर

उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर से भर्ती मामले में निलंबित हुए कर्मचार‍ियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों की याचिका खारिज कर दी है। वहीं उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नैनीताल हाई कोर्ट की डबल बेंच के निर्णय के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट से भी कर्मचारियों की याचिका खारिज हो गई है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। विधानसभा सचिवालय में नियुक्तियों का मामला उजागर होने के बाद कार्मिक विभाग के रिटायर्ड अधिकारियों की समिति को जांच सौंपी गई थी। विधानसभा अध्‍यक्ष के अनुसार वर्ष 2012 से अब तक ये नियुक्तियां की गई थीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बता दें कि उत्‍तराखंड विधानसभा सचिवालय में की नियुक्तियों में अनिमितता के मामले में विधानसभा अध्‍यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने सचिवालय में विवादों से घिरी 228 नियुक्तियां रद्द कर दी थीं। वहीं, विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को निलंबित कर दिया गया था। इसी को लेकर निलंबित कर्मचारी नैनीताल हाईकोर्ट गए थे। नैनीताल हाईकोर्ट से मायूसी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर रूख किया था जहां सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका को खरिज कर दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सीएम धामी ने किया स्वागत
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधानसभा भर्ती प्रकरण पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं। जैसे ही विधानसभा में नियुक्तियों में अनियमितता की बात सामने आई थी, हमने विधानसभा अध्यक्ष जी से इसकी जांच कर आवश्यक कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया था। इस संबंध में गठित समिति द्वारा जब भर्तियो में अनियमितता को सही पाया गया तो हमने तत्काल ऐसी भर्तियो को निरस्त कर दिया था। अब सर्वोच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार की कार्रवाई को उचित माना है। हम प्रदेश के युवाओं को आश्वस्त करते हैं कि प्रतिभावान युवाओं के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। समस्त रिक्त पदों पर समयबद्ध तरीके से पूर्ण पारदर्शिता से नियुक्तियां की जा रही है। हमने इसकी पुख्ता व्यवस्था की है। राज्य लोक सेवा आयोग को सभी भर्तियों की जिम्मेदारी दी गई है। राज्य लोक सेवा आयोग ने भर्ती कैलेण्डर जारी कर भर्तियो की प्रक्रिया प्रारंभ भी कर दी है। विभिन्न विभागों में रिक्त हजारों पदों पर भर्तियां समय पर सुनिश्चित की जाएंगी। समस्त भर्ती प्रक्रिया पर उच्च स्तर से लगातार मानिटरिंग की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बैकडोर भर्तीयों में हुए भ्रष्टाचार पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहरः अभिनव थापर
सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर ने कहा कि हाईकोर्ट नैनीताल में उत्तरखंड विधानसभा भर्ती घोटाले पर चल रही मेरी जनहित याचिका के मुख्य बिंदुओं नियमों की अनदेखी, भ्रष्टाचार व लूट के विषय पर आज सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी। अब सरकार को जल्दी ही हाईकोर्ट को यह बताना चाहिए कि 2000 से 2022 तक सभी भर्तियों में क्या नियमों की अनदेखी हुई? व जिन मंत्री व अफसरों ने यह लूट का रास्ता बनाया उनसे सरकारी धन की recovery पर क्या कार्यवाही हुई ? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पिछले दिनों सोशल मीडिया, समाचार पत्रों व मीडिया के माध्य्म से उत्तराखंड में विधानसभा बैकडोर भर्ती में भ्रष्टाचार व अनियमितता का मामला प्रकाश में आया। इस पर सरकार ने एक जाँच समीति बनाकर 2016 से भर्तियों को निरस्त कर दिया, किंतु यह घोटाला राज्य 2000 में राज्य बनने से लेकर आज तक चल रहा था। इस पर सरकार ने अनदेखी करी। इस विषय पर अबतक अपने करीबियों को भ्रष्टाचार से नौकरी लगाने में शामिल सभी विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्रियों पर भी सरकार ने चुप्पी साधी हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

विधानसभा भर्ती में भ्रष्टाचार से नौकरियों को लगाने वाले ताकतवर लोगों पर हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराने और लूट मचाने वालों से “सरकारी धन की रिकवरी ” के लिए देहरादून निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर ने हाईकोर्ट नैनीताल में जनहित याचिका दायर की । इस पर याचिकाकर्ता ने विषय को महत्वपूर्ण बताते हुये सुनवाई की अपील की। इसका हाईकोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

याचिकाकर्ता अभिनव थापर ने बताया कि याचिका में मांग की गई है की राज्य निर्माण के वर्ष 2000 से 2022 तक समस्त नियुक्तियों की जाँच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में किया जाय और भ्रष्टाचारियों से सरकारी धन के लूट को वसूला जाय। सरकार ने पक्षपातपूर्ण कार्य कर अपने करीबियों को नियमों को दरकिनार करते हुए नौकरियां दी है। इससे प्रदेश के लाखों बेरोजगार व शिक्षित युवाओं के साथ धोखा किया है। यह सरकारों की ओर से जघन्य किस्म का भ्रष्टाचार है और वर्तमान सरकार भी दोषियों पर कोई कार्यवाही करती दिख नही रही है।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page