बेड की तलाश में दिल्ली से चंपावत पहुंची महिला, एंबुलेंस में डेढ़ लाख, ऑक्सीजन में 80 हजार किए खर्च, नहीं बची जान
जिंदगी जीने की आस में एक महिला बेड की तलाश में दिल्ली से उत्तराखंड के चंपावत जिले में पहुंच गई। इस दौरान उसने डेढ़ लाख रुपये में एंबुलेंस बुक कराई।
कोरोना की दूसरी लहर में अस्पतालों में मरीजों को जगह नहीं मिल पा रही है और मोटी रकम खर्च करने के बावजूद भी लोगों की जान नहीं बच पा रही है। जिंदगी जीने की आस में एक महिला बेड की तलाश में दिल्ली से उत्तराखंड के चंपावत जिले में पहुंच गई। इस दौरान उसने डेढ़ लाख रुपये में एंबुलेंस बुक कराई। साथ ही ऑक्सीजन की कमी न हो, इसके लिए 80 हजार रुपये में सिलेंडर भी खरीदा। इसके बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
हो रही है लूटपाट
ऑक्सीजन के नाम पर लूटपाट, एंबुलेंस के नाम पर लूटपाट। ऐसा नजारा ये कोरोनाकाल दिखा रहा है। इस लूट में सरकारी तंत्र का भी नियंत्रण तक नहीं रह है। बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। राजनीतिक दल एक दूसरे को कोस रहे हैं। जहां अपनी सरकारें हैं, वहां के मुद्दे पर सांप सूंघ रहा है।
कोरोना को लेकर हो रही राजनीति
उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी भाजपा पर आरोप लगाती है, लेकिन उसे दिल्ली की अव्यवस्था नजर नहीं आती। वहीं, भाजपा दिल्ली में आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाती है, उसे अन्य भाजपा शासित राज्यों की स्थिति नहीं नजर आती। ये ही हाल कांग्रेस का भी है।
ये है घटना
घटना बुधवार देर रात्रि की है। दिल्ली के मुखर्जी नगर की रहने वाले रीता शर्मा (56 वर्ष) पत्नी राकेश शर्मा कोरोना संक्रमित थी। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसके पति ने अस्पताल में भर्ती करने के लिए दिल्ली में बेड की तलाश की, लेकिन बेड नहीं मिला। इस पर उसने ऑनलाइन कोविड अस्पताल में बेड चेक किया तो उत्तराखंड के चंपावत जिले के जीवन अनमोल अस्पताल में बेड खाली मिला। इस पर वे चंपावत के लिए एंबुलेंस लेकर निकल गए। एंबुलेंस वालों ने भी मनमानी लूट की और डेढ़ लाख रुपये वसूले। उसने रास्ते में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए 80 हजार का ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदा चंपावत पहुंचने के बाद महिला अस्पताल में भर्ती भी हो गई, लेकिन दो घंटे बाद ही महिला ने दम तोड़ दिया।
अस्पताल प्रबंधक दीपक जोशी ने बताया कि बुधवार रात्रि करीब करीब 12.50 बजे महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। रात करीब 2.30 बजे महिला ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। प्रबंधक जोशी ने घटना की सूचना जिला प्रशासन को दी। प्रशासन ने गुरुवार को ताड़केश्वर घाट पर कोविड नियमों के तहत अंतिम संस्कार किया गया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
बहुत दुखद, हालात बहुत खराब है