राजनीतिक पारी शुरू करने के एक साल में ही कर्नल कोठियाल ने बदला पाला, झाड़ू छोड़ पकड़ा कमल
पहले फौज में कंधे पर बंदूक। फिर राजनीतिक पारी और कंधे में लटका लिया आप का झाड़ू। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी उन्हें सर माथे पर बैठाया और सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया।
पहले फौज में कंधे पर बंदूक। फिर राजनीतिक पारी और कंधे में लटका लिया आप का झाड़ू। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी उन्हें सर माथे पर बैठाया और सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया। चुनाव में मिली बुरी हार। एक साल के भीतर राजनीतिक पारी शुरू करने वाले कर्नल (से.नि.) अजय कोठियाल अब बीजेपी में शामिल हो गए। उन्होंने कुछ ही दिन पहले झाड़ू फेंक दी थी और अब कमल थाम लिया। इसके साथ ही विचारधारा भी बदल दी। क्योंकि बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की विचारधारा में काफी अंतर है। अब देखना ये है कि बीजेपी उन्हें क्या सम्मान देती है। क्योंकि राजनीति में असली खेल विचारधारा का नहीं, बल्कि सम्मान के रूप में पद और प्रतिष्ठा का होता है। क्योंकि कांग्रेस, आप की विचारधारा तो एक हो सकती है, लेकिन बीजेपी की विचारधारा इसके एकदम उलट है।पिछले साल उत्तराखंड में कर्नल कोठियाल 19 अप्रैल 2021 को आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे और इस साल उन्होंने 18 मई को आम आदमी पार्टी से त्यागपत्र दे दिया था। तब से यही कयास लगाए जा रहे थे कि वे बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। आज वही हुआ, जो कयास लगाए गए। मंगलवार को देहरादून स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में वह भाजपा में शामिल हुए। माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे सकती है। आज देहरादून स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में कई समर्थकों के साथ कर्नल कोठियाल को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई। अब देखना ये है कि बीजेपी में उन्हें आम आदमी पार्टी की तरह सम्मान मिलता है या फिर यहां वे कई दूसरे बड़े नेताओं की भीड़ में दबकर रह जाएंगे।
केजरीवाल ने घोषित किया था सीएम का चेहरा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कर्नल कोठियाल को उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया। आम आदमी पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन वह एक सीट भी नहीं जीत पाई। कर्नल कोठियाल और उनके समर्थकों के आम आदमी पार्टी से त्यागपत्र देने के बाद से ही उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चा थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कौशिक समेत अन्य नेताओं के साथ कई बार की वार्ता के बाद कर्नल कोठियाल ने समर्थकों सहित भाजपा में शामिल होने पर सहमति जता दी थी।
चुनाव परिणाम के बाद से ही चुप बैठ गए थे कोठियाल
कर्नल कोठियाल के चेहरे पर ही उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ा था। उन्हें सीएम पद के प्रत्याशी के रूप में प्रचारित किया गया। मतदान समाप्त होने के बाद भी कर्नल कोठियाल ग्रामीण इलाकों में दौरे करते रहे, लेकिन चुनाव परिणाम आने पर उत्तराखंड में आप प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। तब से ही कर्नल कोठियाल भी शांत बैठ गए थे। उनके आप में जाने को लेकर सोशल मीडिया में लोग भी लिखते रहते थे।
लोकसभा चुनाव के दौरान भी बीजेपी में जाने का किया था प्रयास
हालांकि इससे पहले वर्ष 2019 में लोकसभा के चुनावों के दौरान भी कर्नल कोठियाल ने बीजेपी में जाने और टिकट हासिल करने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन बीजेपी ने उन्हें तव्वजो नहीं दी। 2019 में लोक सभा चुनाव के दौरान उन्होंने गढ़वाल संसदीय सीट के कई गांवों में जनसंपर्क किया। आरएसएस के कई शीर्ष लोगों से मुलाकात की। लोगों से लगातार मिलते जुलते रहे तो लगने लगा था कि 2019 में वह भाजपा के गढ़वाल संसदीय सीट से उम्मीदवार हो सकते हैं। ऐन मौके पर टिकट तीरथ सिंह रावत को मिला और कर्नल कोठियाल का राजनीति में आने का फैसला नेपथ्य में चला गया।
केदारनाथ पुनर्निर्माण में निभाई थी अहम भूमिका
जून 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के बाद धाम के पुनर्निर्माण में कर्नल कोठियाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सेवानिवृत्ति के बाद वह युवाओं को सेना में भर्ती के लिए प्रशिक्षण देने में जुट गए। वहीं उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के चुनाव से पहले कर्नल कोठियाल ने आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होकर राजनीतिक पारी की शुरुआत की।




