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October 12, 2025

ये क्या हो रहा है, विश्व गुरु के शासन में बांग्लादेश सिर चढ़कर बोला, भारत के सात राज्यों में ठोका दावा

हम तो विश्वगुरु हैं, ऐसा प्रचार किया जा रहा है। वहीं, इसके उलट आस पड़ोस के देश भारत के सिर चढ़कर बोल रहे हैं। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद दुनियाभर के देश ने आतंकवाद की निंदा तो की, लेकिन किसी देश ने पाकिस्तान का नाम लेकर निंदा नहीं की। ऐसे में भारत की विदेश नीति पर भी सवाल उठता है। पाकिस्तान और चीन पहले से ही भारत के दुश्मन थे। अब अमेरिका भी भारत को लेकर हमले कर रहा है। नेपाल, भूटान, बांग्लादेश सहित हमारे पड़ोसी भारत की बजाय चीन के साथ नजर आ रहे हैं। हालांकि, अब सरकार ने चीन के चक्कर काटने शुरू कर दिए हैं। अपना मित्र देश रूस भी अब नाराज है। खैर अब नई खबर ये है कि बांग्लादेश ने भी भारत को सीधे तौर पर आंख दिखानी शुरू कर दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भारत के सात राज्यों को बांग्लादेश ने अपनी सीमा में दर्शाया खबर ये है कि भारत के सात राज्यों को बांग्लादेश अपनी सीमा में दर्शा रहा है। उसकी इस हरकत से भारत की विदेश नीति पर भी सवाल उठता है।  बांग्लादेश के विवादित मैप का मुद्दा हाल ही में संसद में भी उठा था। भारत के सात राज्यों में पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा, बिहार, झारखंड और ओडिशा के कुछ हिस्सों को बांग्लादेश के मैप में दिखाया गया है। इसको लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी राज्यसभा में सवाल उठाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सुरजेवाला का कथन
सुरजेवाला ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कर रही है। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लिखित जवाब में कहा कि हम इस मामले पर कड़ी नजर बनाए हुए है। सरकार इस तरह के प्रोपेगेंडा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये है पूरा मामला
विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, विवादित नक्शा 14 अप्रैल, 2025 को ढाका यूनिवर्सिटी में आयोजित एक प्रदर्शनी में लगाया गया था। आरोप है कि ढाका में मौजूद इस्लामिक ग्रुप ‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ की तरफ से ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा तैयार किया गया है। ‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ को ‘तुर्की यूथ फेडरेशन’ नाम एक तुर्की NGO का सपोर्ट है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस के आने के बाद तुर्की-बांग्लादेश संबंध मजबूत हुए हैं। तुर्की के NGO की एक्टीविटीज और मिलिट्री कोऑपरेशन में भी इजाफा हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सुरजेवाला ने किए ये सवाल
विवादित मैप को लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार से बांग्लादेश में तुर्की समर्थित एक कट्टरपंथी समूह के बारे में जानकारी मांगी थी। मैप में भारतीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों को शामिल करते हुए ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ नक्शे को बढ़ावा दिया गया है। कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि क्या सरकार ने इस मुद्दे को बांग्लादेश सरकार के साथ कूटनीतिक रूप से उठाया है और क्या सरकार ने बांग्लादेश में तुर्की और पाकिस्तान की बढ़ती भागीदारी के सुरक्षा निहितार्थों का आकलन किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

विदेश मंत्री का जवाब
इन सवालों के जवाब में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सरकार ने उन रिपोर्टों का संज्ञान लिया है, जिनमें ढाका में ‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ नामक एक इस्लामी ग्रुप की तरफ से ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ का एक नक्शा जारी किया है, जिसमें भारत के कुछ हिस्से शामिल हैं। बांग्लादेश सरकार के फैक्ट चेकर प्लेटफॉर्म ‘बांग्लाफैक्ट’ ने दावा किया है कि बांग्लादेश में ‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ के संचालन का कोई सबूत नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बयान में आगे स्पष्ट किया गया है कि यह ‘नक्शा’ तथाकथित पुराने बंगाल सल्तनत के संदर्भ में एक ऐतिहासिक प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया था।
भारत सरकार उन सभी घटनाक्रमों पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं, जिनका भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है और इसकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करती रहती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पहले भी आया था ऐसा विवादित नक्शा
दिसंबर 20024 में अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद युनूस के सलाहकार महफूज आलम ने बांग्लादेश का एक गलत नक्शा पोस्ट किया था। इस नक्शे में महफूज आलम ने भारत के बंगाल, त्रिपुरा और असम के कुछ हिस्से को बांग्लादेश में दिखाया था। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शेख हसीना का तख्तापलट 1947 में पूर्वी पाकिस्तान भारत से अलग होकर नया देश बना था। 1971 में पूर्वी पाकिस्तान पश्चिमी पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बना था। 1975 में बांग्लादेशी सेना ने पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या कर दी गई थी। वहीं, 5 अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री शेख हसीना का तख्तापलट कर दिया गया था।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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