देश में राष्ट्रपति के लिए मतदान संपन्न, वोटों की गिनती 21 जुलाई को, उत्तराखंड में तीन विधायकों ने नहीं डाले वोट, जानिए खास बातें

दो प्रत्याशियों में है सीधी टक्कर
राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से द्रौपदी मुर्मू तथा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा उम्मीदवार हैं। द्रौपदी मुर्मू इसके पहले झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। आदिवासी नेता मुर्मू निर्वाचित होने पर मुर्मू आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति होंगी। वहीं, विपक्षी दलों ने कभी बीजेपी के बड़े नेता रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नाम पर दांव लगाया है। सिन्हा ने 2018 में बीजेपी का साथ छोड़ दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि बीजेपी में वो अंदरूनी लोकतंत्र नहीं रहा, जो पहले हुआ करता था।
देश की पहली जनजातीय महिला राष्ट्रपति बन सकती हैं मुर्मू
इस चुनाव में मुर्मू की जीत लगभग तय है। कई गैर-राजग दल भी आदिवासी नेता की उम्मीदवारी का समर्थन कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, मुर्मू ने गठबंधन के घटक दलों के सांसदों के साथ बातचीत में रविवार को कहा कि देश के शीर्ष संवैधानिक पद के वास्ते उनके नामांकन पर आदिवासी और महिलाएं उत्साहित और प्रसन्न हैं। द्रौपदी मुर्मू अगर जीत जाती हैं, तो वह देश की पहली जनजातीय महिला राष्ट्रपति होंगी। वह देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी। पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल थीं, जो 25 जुलाई, 2007 से 25 जुलाई, 2012 तक देश की 12वीं राष्ट्रपति रहीं।
संसद भवन में भी मतदान करेंगे इतने विधायक
राष्ट्रपति चुनाव में नौ विधायक संसद भवन में वोटिंग की, जबकि लगभग 42 सांसदों ने विभिन्न राज्यों के विधानसभा में वोटिंग की। संसद में वोट करने वाले विधायकों में चार विधायक यूपी से, एक विधायक असम से, एक हरियाणा से, एक उड़ीसा से और दो विधायक त्रिपुरा से हैं। संसद भवन के कमरा संख्या 63 में 6 पोलिंग बूथ बनाए गए, जिनमें से एक बूथ डिसेबल लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया। वोटिंग की गोपनीयता के लिंए बैलेट पेपर सीरियल नंबर की बजाए रैंडम तरीके से दिए गए।

एक दिन पहले की गई थी मॉक ड्रिल
इसके पहले रविवार को भाजपा संसदीय दल के नेताओं ने राष्ट्रपति चुनाव में मतदान की रविवार को मॉक ड्रिल की। सूत्रों ने बताया कि इस दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि सभी सांसद अपने मत सही तरीके से दें, ताकि सत्तारूढ़ गठबंधन का एक भी मत व्यर्थ न जाए। उधर, यशवंत सिन्हा ने रविवार को मुर्मू पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अगर वह चुनी जाती हैं, तो वह मूक, अदृढ और रबर-स्टाम्प राष्ट्रपति बनेंगी।
यूपी की रहेगी अहम भूमिका
आज होने वाले चुनाव में उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका रहेगी। प्रदेश के हर निर्वाचित विधायक का मत मूल्य सर्वाधिक 208 रहने के कारण राज्य अहम रहेगा। उत्तर प्रदेश की विधानसभा में कुल 403 सदस्य हैं, जो इस चुनाव में मतदान करेंगे। राज्य के पांच विधायक व्यक्तिगत कारणों से 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में राज्य के बाहर अपना वोट डालेंगे। इनमें से चार दिल्ली में मतदान करेंगे, जबकि एक विधायक ने तिरुवनंतपुरम में मतदान करने का फैसला किया है। विधायकों को अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट देने के लिए चुनाव आयोग की विशेष कलम का इस्तेमाल करना होगा।
हर राज्य में विधायकों के वोट का मूल्य अलग
चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार एक सांसद के वोट का मूल्य 700 है। अलग-अलग राज्यों में हर विधायक के वोट का मूल्य अलग-अलग होता है। उत्तर प्रदेश में प्रत्येक विधायक के वोट का मूल्य 208 है, इसके बाद झारखंड और तमिलनाडु में 176 है। महाराष्ट्र में यह 175 है। सिक्किम में प्रति विधायक वोट का मूल्य सात है, जबकि नगालैंड में यह नौ और मिजोरम में आठ है।
ये होते हैं मतदान में शामिल
आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के माध्यम से राष्ट्रपति का चुनाव करने वाले निर्वाचक मंडल में निर्वाचित सांसद और राज्य विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं। मनोनीत सांसद, विधायक और विधानपरिषद के सदस्य इस चुनाव में मतदान करने के हकदार नहीं हैं। संसद के निर्वाचित सदस्यों और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों को 18 जुलाई को मतदान के लिए अलग-अलग रंगों के मतपत्र मिलेंगे। सांसदों को जहां हरे रंग के मतपत्र दिए जा रहे हैं, वहीं विधायकों को गुलाबी रंग में मतपत्र हैं।
मुर्मू को कई दलों का समर्थन
प्रमुख राजनीतिक दलों ने पहले ही संबंधित उम्मीदवारों के लिए अपने समर्थन की घोषणा कर दी है। विपक्षी खेमे में समाजवादी पार्टी के सहयोगी ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष और जसवंत नगर सीट से सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव भी राजग उम्मीदवार को वोट देने की घोषणा कर चुके हैं।
छह अगस्त को उपराष्ट्रपति के चुनाव
बता दें कि 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति का चुनाव भी होगा। इसके लिए एनडीए ने अब तक पश्चिम बंगाल के गवर्नर के तौर पर सेवारत जगदीप धनखड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है। धनखड़ ने उम्मीदवारी घोषित होने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, विपक्ष ने अपना उम्मीदवार राजस्थान की पूर्व राज्यपाल मार्ग्रेट अल्वा को बनाया है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।