मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, तीन लोगों की मौत, कई घरों में लगाई आग

मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। उपद्रवियों ने बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार की रात मैतेई समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी गई। इसके अलावा कई घरों में आग भी लगा दी। इससे एक दिन पहले भी बृहस्पतिवार को मणिपुर में एक भीड़ ने पुलिस चौकियों पर हमला किया और हथियार व गोला-बारूद लूट लिये थे। इसमें ऑटोमैटिक गन भी शामिल हैं। मणिपुर में बिष्णुपुर जिले के कांगवई और फौगाकचाओ इलाके में बृहस्पतिवार को हुई झड़प के बाद सेना और आरएएफ (त्वरित कार्य बल) जवानों ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें 19 लोग घायल हो गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बिष्णुपुर पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की रात मैतेई समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी गई। इसके अलावा कुकी समुदाय के लोगों के घरों में आग लगा दी गई है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि कुछ लोग बफर जोन को पार करके मैतेई इलाकों में आए और उन्होंने मैतेई इलाकों में फायरिंग की। बिष्णुपुर जिले के क्वाक्टा इलाके से दो किमी से आगे तक केंद्रीय बलों ने बफर जोन बनाया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इससे पहले गुरुवार की शाम को बिष्णुपुर में कई जगहों पर फायरिंग के बाद हालात तनावपूर्ण बन गए थे। अनियंत्रित भीड़ की सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प भी हुई। मणिपुर पुलिस की ओर से बताया गया कि सुरक्षा बलों ने सात अवैध बंकरों को नष्ट कर दिया। अनियंत्रित भीड़ ने बिष्णुपुर जिले में दूसरी आईआरबी यूनिट की चौकियों पर हमला किया और गोला-बारूद समेत कई हथियार लूटकर ले गए। मणिपुर पुलिस ने बताया कि भीड़ ने मणिपुर राइफल्स की दूसरी और 7टीयू बटालियन से हथियार और गोला-बारूद छीनने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें खदेड़ दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मणिपुर में तीन मई से जारी है हिंसा
मणिपुर में तीन मई को सबसे पहले जातीय हिंसा की शुरुआत हुई थी। मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल किए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया था। तब पहली बार मणिपुर में जातीय झड़पें हुईं। हिंसा में 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। पांच हजार से ज्यादा घर जला दिए गए हैं। डेढ़ सौ से ज्यादा चर्च तोड़ दिए गए हैं। 60 हजार से ज्यादा लोग शिविरों में रहने को मजबूर हैं। इन सबके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार भी मणिपुर की जनता से शांति की अपील नहीं की। ना ही वे मणिपुर गए। सिर्फ उन्होंने महिलाओं से दुष्कर्म की निंदा की। साथ ही अन्य राज्यों की घटनाओं से इसे जोड़कर कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारों को नसीहत भी दे डाली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मणिपुर के लिए पीएम मोदी के पास समय नहीं है, लेकिन चुनाव प्रचार के लिए उनके पास पर्याप्त समय है। वह हर दिन विपक्षी दलों को निशाना बना रहे हैं, लेकिन मणिपुर पर मौन हैं। संसद में पीएम मोदी के बोलने की मांग को लेकर बार बार गतिरोध हो रहा है। वहीं, राज्य में महिलाओं के यौन उत्पीड़न संबंधी वीडियो भी वायरल हुए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की है। इस दौरान राज्य और केंद्र की सरकार के कड़े सवाल भी पूछे जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मणिपुर में बीजेपी की सरकार है। मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने का वीडियो भी 19 जुलाई को सामने आया था। चार मई की इस घटना में 21 मई को मुकदमा दर्ज हुआ था। बताया जा रहा है कि भीड़ ने पुलिस की सुरक्षा से कुछ लोगों को छुड़ाया और तीन महिलाओं को नग्न कर घुमाया। कार्रवाई तब हुई, जब सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो सामने आने पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजा।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।