एम्स में विभिन्न वर्गों की दौड़ का आयोजन, ये रहे विजेता, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के सम्मेलन में कैंसर के उपचार पर चर्चा
एम्स ऋषिकेश के तत्वावधान में रविवार को यूथ 20 श्रंखला के अंतर्गत विभिन्न वर्गों के लिए दौड़ का आयोजन किया गया। इसमें सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुषों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। ‘रन फॉर यूनिटी’ थीम पर आधारित प्रतिस्पर्धा में 650 प्रतिभागियों ने दो श्रेणियों पांच किलोमीटर (अनटाइम्ड फैमिली रन) और 10 किलोमीटर (टाइम्ड रन) में दौड़ लगाई। इसमें बच्चों से लेकर 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों ने प्रतिभाग किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डीजीपी, उत्तराखंड पुलिस अशोक कुमार व और आईओए की संयुक्त सचिव और उत्तराखंड स्टेट बैडमिंटन एसोसिएशन की अध्यक्ष अलकनंदा अशोक ने विभिन्न श्रेणियों में अव्वल रहे विजेताओं को नकद पुरस्कार व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस आयोजन का हिस्सा बनने के लिए देशभर से प्रतिभागियों और उत्साही लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई । प्रतिभागियों ने इस श्रखलाबद्ध सफल आयोजन के लिए एम्स ऋषिकेश की प्रशंसा की। यूथ 20 श्रंखला के अंतर्गत हुए इस आयोजन के लिए प्रायोजक के तौर पर पंजाब नेशनल बैंक( पीएनबी) और बीओबी ने सहयोग प्रदान किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
16 से 44 आयुवर्ग की 10 किलोमीटर पुरुष दौड़ में राजेश कुमार प्रथम, महेंद्र सिंह बिष्ट द्वितीय व लाल सिंह तृतीय स्थान पर रहे। जबकि 45 से अधिक आयुवर्ग में गोर्धन मीणा प्रथम, मुकेश राणा द्वितीय व सुधीर आनंद ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। 16 से 44 वर्ष महिला वर्ग की 10 किलोमीटर दौड़ में बीना सिंह प्रथम, डॉक्टर पूजा भदौरिया द्वितीय व शैली शर्मा तृतीय स्थान पर रहे। इसी प्रकार 45 से अधिक आयुवर्ग में वंदना सिंह, डा. नीति गुप्ता व डॉक्टर रूबी गुप्ता ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कैंसर के उपचार में रेडिएशन विधि पर चर्चा
एम्स ऋषिकेश के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के तत्वावधान में आयोजित नॉर्थ जोन के सम्मेलन में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए रेडिएशन ऑन्कोलाॅजिस्ट विशेषज्ञों ने कैंसर के उपचार में रेडिएशन विधि की नवीनतम तकनीकों पर चर्चा की और कैंसर के समुचित निदान के लिए एविडेंस बेस्ड मेडिसन को अपनाने पर बल दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग एम्स ऋषिकेश और कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट, जौलीग्रांट के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में एसोसिएशन ऑफ रेडिएशन ऑन्कोलाजिस्ट ऑफ इंडिया ( उत्तरी क्षेत्र ) के सैकड़ों विशेषज्ञ प्रतिभाग किया। उद्घाटन समारोह के प्रथम सत्र में कैंसर विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कैंसर उपचार में नई तकनीकों को अपनाने पर बल दिया। एविडेंस बेस्ड प्रैक्टिस इन ऑन्कोलॉजी विषय पर चर्चा करते हुए कैंसर विशेषज्ञों ने कहा कि कैंसर के समुचित निदान के लिए हमें नई तकनीकों को विकसित करने के साथ-साथ मेडिकल कॉलेजों में भी इसके पाठ्यक्रम को लागू करने की आवश्यकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य अतिथि उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने कहा कि मरीज के प्रति सहानुभूति अपनाकर इलाज करने से मरीज स्वयं को जल्दी स्वस्थ महसूस करने लगता है। चिकित्सकों को चाहिए कि वह प्रत्येक मरीज की बीमारी से संबंधित परेशानी को ठीक से सुनें और इलाज हेतु उसे पर्याप्त समय दें। उन्होंने कहा कि बेहतर दवा देने के साथ-साथ हमारे चिकित्सकों को चाहिए कि वह प्रत्येक मरीज के साथ मृदु व्यवहार अपनाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सम्मेलन की विशिष्ट अतिथि संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डॉ.) मीनू सिंह ने अपने संबोधन में एविडेंस बेस्ड मेडिसिन को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में रिसर्च का बहुत महत्व है। इसलिए चिकित्सकों को चाहिए कि मरीजों का इलाज करने के साथ-साथ वह अनुसंधान के क्षेत्र में भी ध्यान दें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलनों से विभिन्न प्रकार के अनुभव प्राप्त होते हैं और एक दूसरे के माध्यम से नई तकनीकों का भी व्यापक आदान-प्रदान होता है। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने कहा कि ज्ञानवर्धक व नवीनतम तकनीकी पहलुओं से जुड़े ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन नियमितरूप से होना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस दौरान एसोसिएशन ऑफ ऑन्कोलाॅजिस्ट ऑफ इंडिया ( एआरओआई ) नार्थ जोन के सचिव डा. प्रदीप गर्ग ने एसोसिएशन के वार्षिक क्रियाकलापों का व्यौरा रखा। एसोसिएशन के अध्यक्ष डाॅ.नीरज जैन ने भी कार्यक्रम को संबोधित कर विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सम्मेलन के आयोजन अध्यक्ष और एम्स रेडिएशन ऑन्कोलाजी विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज गुप्ता ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार देश में 1400 लीनियर एक्सीलेटर होने चाहिंए। किंतु वर्तमान में इनकी संख्या मात्र 700 ही है। इनकी संख्या कम होने से इसका खामियाजा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। इनकी कमी के चलते मरीजों को समय पर कैंसर का पर्याप्त उपचार नहीं मिल पाता है। प्रो.मनोज गुप्ता ने कहा कि कैंसर के बेहतर निदान के लिए देश के प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में रेडियो थेरेपी ट्रीटमेंट संबंधी पाठ्यक्रम अनिवार्यरूप से लागू होना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उल्लेखनीय है कि दो दिवसीय सम्मेलन में एसोसिएशन ऑफ रेडिएशन ऑंकोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया उत्तरी क्षेत्र के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों के 250 से अधिक विशेषज्ञों और एमबीबीएस स्टूडेंट्स ने प्रतिभाग किया। सम्मेलन में डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल, स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी जौलीग्रांट के वाइस चांसलर विजेंद्र चौहान, रामकृष्णन मिशन सेवाश्रम, कनखल हरिद्वार के चिकित्सा अधीक्षक स्वामी दयाधिपानंद, एम्स ऋषिकेश के उप निदेशक ( प्रशासन ) ले. कर्नल ए.आर. मुखर्जी, रजिस्ट्रार राजीव चौधरी, डा. राजेश वशिष्ट, प्रोफेसर( डॉ.) मीनू गुप्ता, डॉक्टर स्वीटी गुप्ता, डा. मनु मल्होत्रा, डॉक्टर विनोद सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, फेकल्टी सदस्य, एमबीबीएस स्टूडेंट्स और कई अन्य शामिल थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।