पीएम के दौरे से पहले भगवा में रंगी जा रही वाराणसी की इमारतें, रातोंरात बदल दिया मस्जिद का रंग, शोर मचा तो…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर श्री विश्वनाथ कॉरिडोर के आसपास के इलाकों को रंगना शुरू हो गया है। यह रंग भगवा रंग में किया जा रहा है। रंग रोगन करने की इसी कड़ी में रास्ते में आने वाली एक मस्जिद को भी रातों रात भगवा रंग का रंग दिया गया।

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट श्री विश्वनाथ कॉरिडोर लगभग 5 लाख वर्गफुट में बनाया जा रहा है, जिसे तीन भागों में बांटा गया है। पहला मुख्य मंदिर परिसर उसके बाद मंदिर चौक और फिर घाट की तरफ जाने वाला वह रास्ता जिसके दोनों तरफ इमारतें हैं और कुछ पुराने मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसे अहमदाबाद की पीएसपी कंपनी तैयार कर रही है। इस पूरे प्रोजेक्ट में चुनार के बलुआ पत्थर, और राजस्थान के बालेश्वर स्टोन ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया गया है। इसका लोकार्पण 13 दिसंबर को पीएम मोदी करेंगे।
विश्वनाथ कॉरिडोर के मंदिर परिसर को सिर्फ बड़ा ही नहीं बनाया गया है, बल्कि उसे भव्य रूप भी दिया जा रहा है। स्थापत्य में इसकी प्राचीनता भी झलकती है। बड़े-बड़े मेहराबदार चार द्वार, खूबसूरत नक्काशी वाले स्तंभ और प्रदक्षिणा पथ, जिसमें अलग-अलग इलाकों के पत्थर लगाए गए हैं। मंदिर के परिसर में 27 संगमरमर के पैनल हैं जिनमें काशी का पुराना इतिहास भी है।
मौलाना का बयान
वहां के मौलाना एजाज मोहम्मद ने कहा कि उन्हें आपत्ति रंग बदलने से नहीं, बल्कि बिना अनुमति के रातों-रात इस तरह का काम किए जाने से एतराज है। उनका कहना था कि इससे संदेश गलत गया है और इस तरह के काम नहीं किए जाने चाहिए। मुस्लिमों के साथ-साथ गैर मुस्लिमों में भी इससे रोष था। यहां की गंगा जमुनी तहजीब में आपस में सभी मिलजुलकर रहें। यह अच्छा है कि प्रशासन इसे फिर से सफेद रंगाने पर राजी हो गया।
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। इसी बड़े आयोजन को ध्यान में रखते हुए विश्वनाथ मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते की इमारतों को हल्के भगवा रंग से रंगा जा रहा है। वाराणसी विकास प्राधिकरण की ओर से पूर्व में इस बारे में कारण बताया गया था कि एकरूपता लाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। इसी क्रम में काशी में एक मस्जिद को हल्के गेरुआ रंग दिया गया था, जिस पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी। हालांकि प्रशासन ने रंग तो बदलवाना शुरू कर दिया है पर इसे भगवा रंग मानने से भी इंकार किया है, जबकि आपत्ति उठाने वाले मुस्लिम पक्ष इसे भगवा व गेरुआ रंग ही मान रहे थे।
पांच लाख वर्ग फुट में फैला है कॉरीडोर
बात काशी विश्वनाथ कॉरीडोर की करें तो यह पांच लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है और इसकी लागत लगभग 900 करोड़ रुपये के आसपास है। पीएम मोदी ने मार्च, 2019 में इसका शिलान्यास किया था और अब वे इसका लोकार्पण करने आ रहे हैं। काशी विश्वनाथ विशेष क्षेत्र विकास बोर्ड ने इस कारिडोर के पुनर्निर्माण के काम को देखा है। इसके तहत वाराणसी शहर गैलरी, मंदिर चौक, मल्टीपल ऑडिटोरियम, म्यूजियम, गुधौलिया गेट, भोजनशाल, पुजारियों और कर्मचारियों के आवास, वाचनालय जैसी सुविधाएं बनकर तैयार हैं।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।