शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी की वैधता सात साल से बढ़कर हुई आजीवन, शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश कुमार पोखरियाल निशंक ने लाखों उस छात्र छात्राओं को राहत दी है, जो बीएड करने के बाद शिक्षक पात्रता परीक्षी (टीईटी) को उत्तीर्ण करते थे।

अभी तक टीईटी के प्रमाण पत्र की वैधता सात साल थी। बीएड के बाद यदि कोई सरकारी नौकरी के लिए शिक्षक पद पर आवेदन करता है तो उसे टीईटी परीक्षा भी उत्तीर्ण करनी जरूरी होती है। इसकी वैधता सात साल थी। इसके बाद उसे दोबारा परीक्षा देनी पड़ती थी। केंद्रीय स्तर की राज्य स्तर की परीक्षा आयोजित की जाती रही हैं। अब शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने वालों को बड़ी राहत दे दी।
उन्होंने ट्विट किया कि-शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) योग्यता प्रमाण पत्र की वैधता अवधि 7 साल से बढ़ाकर 2011 से प्रतिगामी प्रभाव के साथ आजीवन कर दी गई है।
संबंधित राज्य सरकार/ यूटीएस उन उम्मीदवारों को ताजा प्रमाण पत्र जारी करने / जारी करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए जिनकी अवधि 7 साल की अवधि पहले से ही बढ़ चुकी है। शिक्षण क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में यह एक सकारात्मक कदम है।