उत्तराखंड सरकार का बजट नौकरशाही के नाम, आंकड़ों की बाजीगरी, दिशा और दशा का अभावः यशपाल आर्य
उत्तराखंड में वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं नेता प्रतिपक्ष ने यशपाल आर्य ने उत्तराखंड सरकार के बजट को आंकड़ों की बाजीगरी करार दिया। उन्होंने कहा कि ये बजट नौकरशाही के नाम है, इसमें दिशा और दशा का अभाव है। ये बजट एक असफल सरकार का बजट है। इसने समाज के हर वर्ग को निराश किया। बजट से साफ हो गया है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार में प्रति व्यक्ति आय और विकास की मंजिल केवल मिथ्या है। साथ ही इसमें प्रचार और जुमलेबाजी है। इसे केवल खोखले नारों और फैंसी शीर्षकों से सजाया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यशपाल आर्य ने कहा कि जनता को उम्मीद थी कि चुनावी बजट होने की वजह से कम से कम घोषणा ही सही, लेकिन इसमें महंगाई, बेरोजगारी आदि मुद्दों से राहत मिलेगी। बेतहाशा टैक्स और आर्थिक मंदी से भी बजट में कुछ राहत नहीं दी गई है। ऐसा प्रतीत होता है सरकार घोटालों को विकास, रिकॉर्डतोड़ बेरोज़गारी को उन्नति, बेकाबू अपराध को तरक्की, बढ़ती नशाखोरी और महंगाई को उत्थान और चरमरायी स्वास्थ सुविधाओं को उपलब्धि मानकर चल रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि किसान, मजदूर, कर्मचारी, वंचित, शोषित, दलित समेत हर वर्ग पर अत्याचार करने और उनको अपमानित करने को ही भाजपा ने समृद्धि का मार्ग मान लिया है। नागरिक चेतना और मानवीय विवेक कहता है कि ये विनाश का रास्ता है, समृद्धि का नहीं। सरकार के पास विकास की कोई दृष्टि नहीं है। बजट में केवल केंद्र सरकार की योजनाओं का विस्तृत रूप से उल्लेख किया गया है । प्रदेश सरकार के पास अपनी योजना का अभाव है। ऐसे में सरकार ने अपनी किसी योजना का उल्लेख नहीं किया, जो प्रदेश के विकास में सार्थक सिद्ध हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लोकसभा चुनाव की दृष्टि से जनता को उम्मीद थी कि बजट में कम से कम बेरोजगारी, बेतहाशा टैक्स और आर्थिक मंदी से निपटने के लिए कुछ घोषणा होती। सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को लेकर आशान्वित थे। किसान मुख्य रूप से समर्थन मूल्य को लेकर सरकार के उम्मीद कर रहे थे। महिलाओं को रसोई के बजट में राहत की उम्मीद थी। वहीं, सरकार के बजट ने कंपनी आशाओं पर पानी फेर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, इस बजट में अगर कुछ भी मिला तो उस पर कर्ज का भार है। लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के लिए कोई नीति नहीं है। ना ही रोजगार और सरकारी भर्ती को लेकर ही सरकार ने कोई मंशा जाहिर की है। साफ है कि इस साल भी सरकार कुल बजट का एक वैकल्पिक ऋण लेकर काम करेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सरकार की उपलब्धि के नाम पर उधारी रहेगी। जल्दी सारे रोजगार निजी हो जाएंगे, बस सरकार ही सरकारी रहेगी। यशपाल आर्य ने कहा कि, सरकार के बजट भाषण में कहा जा रहा है कि प्रदेश में भारी मात्रा में निवेश आ रहा है। सरकार को बताना चाहिए कि किस जिले में किस निवेश से कितना रोजगार मिलेगा। विपक्षी नेता ने आरोप लगाया कि, ”ग्लैबल इन्वेस्टर्स कमेटी” के लिए पिछले साल के बजट में 65 करोड़ रुपये का प्राविधान रखा गया था। सरकार ने इस साल इसके आयोजन के नाम पर देश-विदेश में सैर-सपाटा कर उस पैसे की फिजूलखर्ची की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बजट में केवल केंद्र सरकार द्वारा दी गई सहायता का विस्तृत विवरण दिया गया है। प्रदेश सरकार ने अपनी किसी ऐसी योजना का उल्लेख नहीं किया है, जो प्रदेश के विकास में सत्य सिद्ध हो। कुल मिलाकर ये बजट दिशाहीन दिखाई देता है। बजट में विकास के मुख्य बिंदु लक्ष्य, संभावना, कार्य प्रगति और गतिमान आदि का कोई जिक्र नहीं है। इसमें आज की समस्याओं का समाधान और भविष्य के किसी भी निर्णय को आगे बढ़ाने का कोई रास्ता नहीं दिखता है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।