सरकार ने बढ़ाई आरटी-पीसीआर टेस्ट की दरें, उस पर तुर्रा ये-ज्यादा कीमत वसूलने वालों की पुलिस को दें सूचना

कोरोनाकाल में जहां लोग घर बैठकर बेरोजगार हो रहे हैं। स्कूलों और निजी संस्थानों में काम करने वालों को आधा वेतन मिल रहा है। वहीं, सरकार को अपनी और निजी अस्पतालों की जेब का ख्याल है। पहले बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी की गई और अब कोरोना टेस्ट की दरों को बढ़ा दिया गया है। आपदा को अवसर में बदलने का शायद ये ही सरकार के पास सबसे बेहतर मौका है। साथ ही तुर्रा ये है कि यदि कोई इस तय कीमत से ज्यादा वसूले तो पुलिस को फोन करें। अब इससे भी ज्यादा और कीमत क्या होंगी। शासन ने निजी लैब में जांच दर 700 रुपये और घर आकर सैंपल लेने पर जांच दर 900 रुपये कर दी है। अभी तक यह दर क्रमश: 500 रुपये और 600 सौ रुपये थी।
कोरोना के बढ़े मामले तो बढ़ा दी कीमत
पहले कोरोना के मामले कम थे। तब कीमत घटा दी गई थी। शासन ने इसी वर्ष जनवरी में कोरोना संक्रमण की दर में आ रही कमी को देखते हुए आरटी-पीसीआर जांच की कीमत घटा कर 500 रुपये कर दी थी। अब कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने लगे हैं। इस पर तर्क दिया जा रहा है कि सरकारी व निजी लैब में जांच बढ़ी हैं। उससे जांच किट की कीमतें बढ़ गई हैं। इसे देखते हुए स्वास्थ्य महानिदेशालय ने इसी माह शासन को एक प्रस्ताव भेजकर आरटीपीसीआर की दरों में बढ़ोतरी करने का अनुरोध किया। इसे शासन ने शनिवार को मंजूरी दे दी। इसके तहत निजी चिकित्सालय द्वारा निजी लैब को सैंपल भेजने अथवा व्यक्ति द्वारा लैब में जाकर आरटीपीसीआर टेस्ट कराने की दर 700 रुपये कर दी गई है।
निजी लैब की ओर से घर जाकर स्वयं आरटी-पीसीआर सैंपल एकत्र कर जांच की दर 900 रुपये की गई है। पहले ये कीमत भी पांच से छह सौ ली जा रही थी। वहीं, सरकारी अस्पतालों की ओर से निजी लैब भेज गए सैपल की जांच दर 400 रुपये होगी। सचिव स्वास्थ्य डा. पंकज कुमार पांडेय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्रयोगशालाओं को सभी रिपोर्ट में सीटी वेल्यू अंकित करनी जरूरी होगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।