Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

February 6, 2025

उत्तराखंड के विभागों का नहीं टूट रहा विवादों से नाता, संस्कृति विभाग की निदेशक ने सचिव पर लगाए गंभीर आरोप

उत्तराखंड में कभी नेता और अधिकारी तो कभी अधिकारियों में ही आपसी विवादों से नाता खत्म नहीं हो रहा है। अब संस्कृति विभाग की निदेशक ने सचिव पर उत्पीड़न के साथ ही कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

उत्तराखंड में कभी नेता और अधिकारी तो कभी अधिकारियों में ही आपसी विवादों से नाता खत्म नहीं हो रहा है। अब संस्कृति विभाग की निदेशक ने सचिव पर उत्पीड़न के साथ ही कई गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप लगाए गए हैं कि कर्मचारियों के सामाने चरित्र पर अशोभनीय टिप्पणी कर नीचा दिखाने का प्रयास किया गया। साथ ही चहेते ठेकेदार को ठेका दिलाने के लिए दबाव बनाने का आरोप भी लगाया गय और काम नहीं देने पर नौकरी से निकालने की धमकी भी दी गई। संस्कृति विभाग की निदेशक बीना भट्ट ने अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी से इस मामले की शिकायत की है। वहीं इस मामले में राधा रतूड़ी ने रिपोर्ट मांगी है।
विवादों की बात करें तो पिछले साल महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में निदेशक वी षणमुगम का विभागीय राज्यमंत्री रेखा आर्य से आउटसोर्स एजेंसी के चयन को लेकर विवाद हो गया था। राज्यमंत्री का आरोप था कि उनके लगातार फोन करने के बावजूद षणमुगम ने बात नहीं की। नाराज होकर मंत्री ने डीआईजी देहरादून को पत्र लिखकर षणमुगम की गुमशुदगी की जानकारी दी थी। इस मामले में भी जांच की गई और बाद में आइएएस को क्लिन चिट दी गई।
अब फिर दो अधिकारियों के बीच उठे विवाद ने उत्तराखंड शासन और सत्ता के गलियारों में हलचल मचाई हुई है। संस्कृति विभाग में 2009 से निदेशक पद तैनात बीना भट्ट ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को भेजे चार पन्नों के पत्र में प्रभारी सचिव जावलकर पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। बीना भट्ट ने कहा कि सचिव व अपर सचिव/महानिदेशक ने कर्मचारियों के सामने उनकी कार्य कुशलता और चरित्र पर अशोभनीय टिप्पणी कर उन्हें नीचा दिखाने का प्रयास किया। वहीं, उन्हें राज्यपाल और सीएम कार्यालय से कई बार प्रशंसा पत्र मिल चुके हैं।


संस्कृति निदेशक ने कहा कि उनके प्रमोशन की फाइल को सचिव ने ढाई साल तक दबाए रखी। जब उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 7 सितम्बर 2020 को जब उन्हें प्रमोशन मिला तो सचिव ने तत्काल 18 सितम्बर को विभाग में महानिदेशक का पद सृजित कर आनंद स्वरूप की नियुक्ति कर दी।
संस्कृति निदेशक ने आरोप लगाया कि सचिव, ठेकेदार राजेश रावत व एक एनजीओ को ठेका दिलाने का दबाव डालते रहे हैं। संस्कृति निदेशक भट्ट ने पत्र में ठेकेदार राजेश रावत के मोबाइल नंबर का भी उल्लेख किया है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि राजेश रावत के जरिये उन्हें धमकी भी दी गई है।
भारत सरकार की योजना के तहत हरिद्वार के घाटों में ऑडियो विसुअल्स फैसिलिटी से जुड़े टेंडर देने के लिए उन पर भारी दबाव बनाया गया और मानसिक उत्पीड़न किया गया। हर की पैड़ी में टेंडर मिलने के बाद ठेकेदार राजेश रावत ने सामान की आपूर्ति नही की। इसके अलावा ऋषिकेश के आस्था पथ का टेंडर राजेश रावत को नहीं मिलने पर उनका मानसिक उत्पीड़न किया गया।
निदेशक बीना भट्ट ने यह भी आरोप लगाया कि एक अन्य महिला की एनजीओ को भी काम देने के लिए सचिव भारी दबाव बनाते है। यही नहीं, नौकरी से निकालने की भी बार बार धमकी देते है। पत्र में तत्कालीन अपर सचिव व महानिदेशक आनन्द स्वरूप को भी कठघरे में खड़ा किया गया है। चार पेज के शिकायती पत्र में सचिव दिलीप जावलकर की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े किए हैं। बहरहाल, अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी पूरे मामले की जांच कर रही है। भट्ट के पत्र के बाद से सत्ता के गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page