उत्तराखंड सीटू की राज्य कमेटी की बैठक, बिजली, रेलवे व अन्य सार्वजनिक संपत्तियों को बेच रही सरकारः डॉ. कश्मीरा सिंह

सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस सीटू उत्तराखंड राज्य कमेटी की बैठक राज्य अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीरा सिंह और केएन उमेश उपस्थित हुए। बैठक में सरकार की जन विरोधी नीतियों और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष को आगे बढ़ाने के संकल्प लिया गया। साथ ही कहा गया कि के साथ संपन्न हुई। बिजली, रेलवे सहित अन्य सार्वजनिक संपत्तियों को सरकार बेच रही है, जो कि आने वाले दिनों में खतरनाक स्थिति हो जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में सीटू के राज्य कार्यालय में आयोजित बैठक में डॉ. कश्मीरा सिंह ने कहा कि सीटू मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ लगातार संघर्ष कर रही है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा बिजली बिल 2022 को अमलीजामा पहनाने की तैयारी चल रही है। इससे बिजली सेक्टर को निजी कंपनियों को सौंपा जाएगा। आम जनता से बेतहाशा बिजली का पैसा वसूला जाएगा। प्रीपेड सिस्टम लागू किया जाएगा। इसी प्रकार रेलवे की संपत्तियों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। इससे आम जनता से अनर्गल पैसा वसूल जाने लगा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि इसके खिलाफ सीटू लगातार संघर्ष कर रही है और अन्य ट्रेड यूनियनों को साथ लेकर इस संघर्ष को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने बताया कि 9 अगस्त भारत छोड़ो आंदोलन की अवसर पर सीटू, एटक, इंटक सहित अन्य ट्रेड यूनियनों को साथ लेकर मोदी गद्दी छोड़ो का नारा बुलंद कर देशभर के जिलों में धरना प्रदर्शन करेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि 25 जुलाई 2023 को सीटू, एटक, इंटक सहित कई ट्रेड यूनियन सहित किसान मोर्चा को साथ मिलकर मणिपुर में हुई शर्मनाक घटना के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही पूरे देश के अंदर सीटू केंद्र सरकार की जन विरोधी व मजदूर विरोधी नीतियों को उजागर करेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सीटू के राष्ट्रीय सचिव केएम उमेश ने कहा कि मोदी सरकार मजदूरों के खिलाफ षड्यंत्र रच रही है। उन्होंने बताया कि 44 श्रम कानूनों में से 29 प्रभावशाली श्रम कानूनों को समाप्त कर चार श्रम संहिता बनाई गई हैं। इसके राज्यों में रूल्स तैयार कर लिए गए हैं। इन्हें कभी भी लागू किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इसके लागू होने से मजदूर गुलामों की जिंदगी जीने के लिए मजबूर होगा। यह श्रम संहिता पूंजीपतियों व मालिकों के हितों में बनाई गई हैं, ताकि जब मजदूर अपना हक मांगेगा तो उन्हें जेलों में डाल दिया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर विभिन्न जिलों से आये सीटू के राज्य कमेटी सदस्यों ने भी विचार रखे। साथ ही सीटू को मजबूती प्रदान करने व आगे के संघर्षो की रूपरेखा तैयार की गई। इसमे निजीकरण के बढ़ते सरकार के कदमो को रोकने, संविदा, ठेका के मजदूरों, आंगनवाड़ी, आशाओं, भोजनमाताओ, औद्योगिक संस्थानों में कार्यरत मजदूरों के शोषण के खिलाफ संघर्ष किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय महामन्त्री एमपी जखमोला, राज्य सचिव लेखराज, कोषाध्यक्ष मनमोहन रौतेला, चिंतामणि थपलियाल, चित्रा, मीना वर्मा, दीपक शर्मा, देवानंद नौटियाल, भगवंत पयाल, रविन्द्र नौडियाल, कृष्ण गुनियाल, आरपी जखमोला, पीडी बलूनी, दयाकिशन पाठक, आरपी जोशी, जगदेव सिंह, जगदीश, प्रदीप उनियाल आदि उपस्तिथ थे।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।