Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 15, 2024

भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में दो ईनामी यूपी एसटीएफ ने पकड़े, अब तक 41 गिरफ्तार

उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा की भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल कराने के मामले में उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने दो लाख के इनामी सादिक मूसा को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ ने मूसा के साथी एक लाख के इनामी योगेश्वर राव को भी पकड़ा है। दोनों के विरुद्ध देहरादून के रायपुर थाने में धोखाधड़ी व गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है। आरोपियों पर उत्तराखंड में वर्ष 2021 में कराई गई भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी करने के आरोप हैं। वह गिरोह बनाकर परीक्षाओं के पेपर लीक करा रहे थे। भर्ती घोटाला सामने आने के बाद से ही दोनो फरार थे। दोनों पर इनाम घोषित कर दिया गया था। दोनों को यूपी एसटीएफ ने उत्तराखंड पुलिस को सौंप दिया है। नकल प्रकरण में उत्तराखंड एसटीएफ अब तक 41 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पुलिस को सूचना मिली थी कि दो लाख का ईनामी सादिक मूसा और एक लाख का ईनामी योगेश्वर राव लखनऊ और आसपास के किसी स्थान पर आ सकता है। इस पर उत्तराखंड एसटीएफ की एक विशेष टीम को रवाना किया गया था। पूर्व में ईनाम घोषित होने पर लगातार उत्तर प्रदेश एसटीएफ से उत्तराखंड एसटीएफ का समन्वय बना हुआ था। इस पर यूपी एसटीएफ लगातार सक्रिय थी। गुरुवार की शाम को दोनो ईनामी अपराधियो को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ पॉलीटेक्निक चौराहे से गिरफ्तार किया। साथ ही कुछ घंटों में पहुंची एसटीएफ उत्तराखंड की टीम को दोनो अभियुक्त को सुपर्द कर हिरासत में ले लिया गया है। मूसा शाहगंज, जौनपुर का है और वर्तमान में अकबरपुर अंबेडकरनगर में रह रहा था। वहीं, योगेश्वर राव भड़सर गाजीपुर का मूल निवासी है और अभी बी ब्लाक इंदिरानगर में रहता था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक, आरोपितों ने बताया कि लिखित परीक्षा का प्रश्नपत्र इंजीनियरिंग कालेज चौराहा स्थित आरएमएस टेक्नो सल्यूशन कंपनी छाप रही थी। इसकी जानकारी उन्हें कंपनी के कर्मचारी काशान शेख ने दी। उसने बताया था कि परीक्षा चार-पांच मई 2021 को होगी, जिसका पेपर वो उपलब्ध करा देगा। इसके लिए उसने प्रत्येक अभ्यर्थी से आठ लाख रुपये की मांग की। आरोपितों ने काशान से सौदा तय कर लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने बताया कि पांच मई को होने वाली दूसरी पाली की परीक्षा का पेपर काशान ने उन्हें समय से पहले उपलब्ध करा दिया। पेपर मिलने पर मूसा और योगेश्वर ने इसकी जानकारी उत्तराखंड निवासी शशिकांत सिंह और जौनपुर के केंद्रपाल सिंह को दी। इसके बाद दोनों अपने साथी फिरोज व संपन्न राव के साथ चार दिसंबर को हल्द्वानी पहुंचे। प्रभारी एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक, होटल के कमरे में शशिकांत और केंद्रपाल से दोनों की मुलाकात हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस दौरान प्रति अभ्यर्थी 10 लाख रुपये में सौदा तय हुआ। इसके बाद आरोपित प्रश्न पत्र देकर वापस लौट आए। परीक्षा के बाद शशिकांत ने योगेश्वर को 20 लाख रुपये दिए और बाकी रकम बाद में देने की बात कही। 20 लाख रुपये योगेश्वर ने काशान को दे दिया। परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग में अनियमितता उजागर हुई और 100 अभ्यर्थी संदिग्ध पाए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये है प्रकरण
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 41 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इसके बाद अब हर दिन किसी ना किसी विभाग में भर्ती घोटाला उजागर हो रहा है। साथ ही पूर्व विधानसभा अध्यक्षों पर भी बैकडोर से नियुक्ति करने के आरोप लगे। वहीं, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री पर भी ऐसे ही आरोप लग रहे हैं। ऐसे में अब मांग उठ रही है कि पूरे प्रकरणों की सीबीआइ से जांच कराई जाए, या फिर उच्च न्यायालय के सीटिंग जज की अध्यक्षता में गठित समिति से जांच हो। उधर, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विधानसभाओं में हुई भर्तियों की जांच को कमेटी गठित कर दी है। ये कमेटी एक माह में रिपोर्ट देगी।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page