एसआरएचयू में यूके-फीटोकॉन-2022 आयोजित, भ्रूण जांच की तकनीक के मंथन में जुटे चिकित्सक
रविवार को एसआरएचयू में यूके-फीटोकॉन-2022 के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि प्रतिकुलपति डॉ. विजेंद्र चौहान ने कहा कि कॉन्फ्रेंस से भविष्य के लिए तैयार हो रहे इस क्षेत्र में तैयार हो रहे चिकित्सकों को इसका फायदा मिलेगा। विशिष्ट अतिथि डॉ. मीनू वैश्य ने गर्भावस्था में भ्रूण की जांच में उभरती हुई नई तकनीकों पर विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि कॉन्फ्रेंस का मकसद इस क्षेत्र में जुड़े चिकित्सकों व शोधार्थियों को नई तकनीकों से रुबरू करवाना है। कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य इस क्षेत्र में काम कर रहे चिकित्सकों को जांचों व तकनीकों से रुबरू करवाना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हिमालयन हॉस्पिटल में महिला एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष व फीटोकॉन-2022 की आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ.रूचिरा नौटियाल ने कहा कि जब एक भ्रूण मां के गर्भ में होता है तो पहले तिमाही में उसकी शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य की जांचें की जाती हैं, जोकि बेहद जरूरी हैं। ताकि अगर भ्रूण में कुछ दुर्बलता होती है तो उनको समय रहते दूर किया जा सके। ताकि एक स्वस्थ शिशु जन्म ले सके। डॉ. रूचिरा नौटियाल ने बताया कि एक दिवसीय कॉन्फ्रेंस में उत्तर भारत से कई महिला चिकित्सक प्रतिभाग कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों से इस क्षेत्र के ट्रेनी रेजीडेंट डॉक्टर्स की क्विज, पोस्टर प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता आयोजित की गई। एम्स ऋषिकेस से डॉ. प्रशांत कुमार वर्मा, चंडीगढ़ से डॉ.हरप्रीत कौर इशर, एम्स बीबीनगर से डॉ.मीशू मंगला आदि ने भी अपने लेक्चर प्रस्तुत किए। डॉ. आंचल अग्रवाल के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में हिमालयन हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएल जेठानी, डॉ. मुश्ताक अहमद, डॉ. बीपी कालरा आदि मौजूद रहे।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।