युवा कवयित्री और छात्रा शिक्षा पुंडीर की दो कविताएं-मां और बचपन की यादें
” मां “
एक ख्वाब सा है,
तेरा मेरा साथ ।।
हर जन्म का नाता है ,
तेरा मेरा साथ।।
मेरे हर दर्द की दवा है तू
तो हर खुशी की वजह भी है तू
मेरी हर गलती की माफी है तू ,
मेरे हर ख्वाब की मंज़िल भी है तू
मेरे दिल के हर कोने में तेरा ही बसेरा है
सच कहूं तो एक यही सच है
“तू है तो में मैं हूं” ।।
” बचपन की यादें”
लंबी सी जिंदगी का एक छोटा सा हिस्सा है ,
बीते दिनों का एक कारवा सा है
मेरी यादों का बेपनहा सार है
मेरा दिल जिन यादों में खोया रहता है
उन बिछड़े यारो की यारी है
ये मेरे बचपन की यादें है ।।
कवयित्री का परिचय
शिक्षा पुंडीर
निवास-ग्राम परतोली, ब्लॉक कर्णप्रयाग, जिला चमोली गढ़वाल, उत्तराखंड
शिक्षा पुंडीर वर्तमान में राजकीय पीजी कॉलेज गोपेश्वर की छात्रा हैं।





