70 साल के बुजुर्ग पर किया दो गुलदार ने हमला, कुदाल को बनाया हथियार, जानिए आखिर कैसे हुई जीत
कहते हैं कि जब हौसला हो तो हर मुसीबत का सामना किया जा सकता है। यदि किसी के सामने एक नहीं, बल्कि दो तेंदुए या गुलदार आ जाए तो शायद उसके हाथ पैर डर के मारे फूल जाएं। शरीर जड़ हो जाए, लेकिन ये खतरे से निपटने का कोई उपाय नहीं है। ऐसे वक्त पर हिम्मत और बहादुरी दोनों की जरूरत होती है। साथ ही सही समय पर दिमाग का सही इस्तेमाल जरूरी है। ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड के पौड़ी जिले में देखने को मिला। 70 साल के बुजुर्ग पर एक साथ दो गुलदारों ने हमला कर दिया। इस पर उन्होंने हार नहीं मानी और दोनों गुलदार के हमले से खुद को बचाते रहे। साथ ही उन्होंने अपनी कुदाल को हथियार बनाया। काफी देर तक तीनों के बीच संघर्ष चला और जीत आखिरकार बुजुर्ग की हुई। अब जो भी इस घटना के संबंध में सुन रहा है, वही उनके साहस की तारीफ कर रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
10 जून तक बंद हैं स्कूल
उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में इन दिनों जंगली जानवरों का आतंक है। पौड़ी जिले के गडोली में बच्ची पर गुलदार के हमले के बाद क्षेत्र के स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों में आगामी 10 जून तक अवकाश घोषित कर दिया गया है। डीएम डॉ. आशीष चौहान ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। हमले में घायल बच्ची के शरीर में सूजन बढ़ने पर परिजन उसे एम्स ऋषिकेश गए, जहां उपचार के बाद उसे छुट्टी मिल गई है। गडोली गांव निवासी रविंद्र सिंह की दस वर्षीय बेटी आरुषी पर छह जून को गुलदार ने हमला किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सेरोगाड में बुजुर्ग भिड़ गए दो गुलदार से
ताजी घटना उत्तराखंड के पौड़ी जिले में कोटद्वार के रिखणीखाल ब्लॉक के सेरोगाड गांव की है। यहां खेतों में जा रहे एक वृद्ध पर दो गुलदारों ने हमला कर दिया। वृद्ध ने हिम्मत नहीं हारी और उनका डटकर मुकाबला किया। संघर्ष में वृद्ध का पैर भी बुरी तरह जख्मी हो गया, लेकिन जान बच गई। सूचना मिलते ही डॉक्टर को लेकर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घायल का उपचार किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हमले से खुद को बचाने के साथ मचाते रहे शोर
घटना गुरुवार आठ जून की है। ग्राम पंचायत तोल्यूडांडा के सेरोगाड गांव के मरगांव तोक निवासी मनवर सिंह रावत (70) सुबह करीब साढ़े सात बजे हाथ में कुदाल लेकर खेतों में धान की पौध में पानी लगाने जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में घात लगाए बैठे दो गुलदार ने उन पर हमला कर दिया। अचानक हुए हमले के खतरे को भांपते हुए बुजुर्ग ने उन्होंने हिम्मत जुटाई और वह दोनों गुलदार के हमले से इधर उधर कूद कर खुद को बचाते रहे। साथ ही शोर भी मचाते रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एक गुलदार ने घबराकर छोड़ा मैदान
इस दौरान बुजुर्ग ने ये भी ध्यान रखा कि खुद की जान बचाने के फेर में कहीं गुलदार की जान ना चली जाए। ऐसे में उन्होंने कुदाल की उल्टी तरफ से (नोक की दूसरी तरफ) गुलदार के सिर की तरफ चोट करनी शुरू कर दी। जैसे ही गुलदार हमले के लिए उन पर छलांग लगाते, वह उल्टी कुदाल से उस पर मारते। ऐसे में एक गुलदार उनके हमले से घबरा गया और जंगल की ओर भाग निकला। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दूसरे गुलदार ने किया पीछा
वहीं, दूसरे गुलदार ने हमले को जारी रखा और मनवीर सिंह ने अपना बचाव और पलटवार को जारी रखा। इस दौरान वह मौका मिलते ही गांव की तरफ को भी बढ़ रहे थे। करीब सौ मीटर तक इस गुलदार ने उनकी पीछा किया। तब तक शोर सुनकर ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए। इस पर गुलदार भाग निकला। बाघ के हमले में वृद्ध का पांव जख्मी हो गया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।