काजल की लकड़ी के साथ दो वन तस्कर गिरफ्तार, तिब्बत भेजने की थी तैयारी, जानिए किस काम आती ये लकड़ी

देहरादून में सहसपुर पुलिस ने दो वन तस्करों को गिरफ्तार कर काजल की प्रतिबंधित लकड़ी के 152 टुकड़े बरामद किए। बताया गया कि इन टुकड़ों के कटोरे बनाकर तिब्बत भेजे जाते हैं। वहां बौद्ध धर्म में इसका काफी महत्व माना गया है।
पुलिस के मुताबिक चेकिंग के दौरान स्कार्पियो वाहन से उक्त लकड़ी बरामद की गई। इस दौरान देशराज चौहान पुत्र सन्तराम निवासी ग्राम कोकना पुलिस थाना नेरवा जिला शिमला हिमाचल प्रदेश और रजत पुत्र सुभाष निवासी ग्राम बौटीनाला थाना रोहड़ू शिमला हिमाचल प्रदेश को गिरफ्तरा किया गया।
पूछताछ में उन्होंने बताया कि उक्त लकड़ी उत्तरकाशी के पुरोला क्षेत्र से खरीदकर लाए। इसके सहारनपुर से कटोरे तैयार कर तिब्बत भेजने की योजना थी। इस प्रतिबंधित लकड़ी से बने कटोरे बौद्ध धर्म के विभिन्न धार्मिक क्रिया कलापों में काम आते हैं। बौद्ध धर्म गुरुओं और बौद्ध भिक्षुओं के खाने पीने से लेकर अन्य कई कार्यों में इसके कटोरे काम आते हैं। इस कारण इन कटोरों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी कीमत मिल जाती है। पुलिस के मुताबिक बरामद लकड़ी की कीमत साढ़े तीन लाख रुपये है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।