Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

March 10, 2025

उत्तराखंड की राजधानी के दो बड़े अस्पताल कोविड चिकित्सालय, अन्य अस्पतालों में मरीजों की दबाव, फार्मेसिस्टों का अकाल

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के दो बड़े अस्पताल तो कोविड अस्पताल बना दिए गए हैं। ऐसे में अन्य अस्पतालों में मरीजों का दवाब बढ़ गया है। वहीं, इन अस्पतालों में फार्मासिस्टों का अकाल बना हुआ है।

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के दो बड़े अस्पताल तो कोविड अस्पताल बना दिए गए हैं। ऐसे में अन्य अस्पतालों में मरीजों का दवाब बढ़ गया है। वहीं, इन अस्पतालों में फार्मासिस्टों का अकाल बना हुआ है। डिप्लोमा फार्मासिस्ट ऐसोसिएशन की जनपद शाखा देहरादून के के सचिव सीएम राणा ने इस समस्या की ओर सीएमओ का ध्यान दिलाते हुए समस्या के समाधान की मांग की।
मुख्य चिकित्साधिकारी देहरादून को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा कि जनपद देहरादून में दो बड़े चिकित्सालयों राजकीय दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय के कोविड हॉस्पिटल बनने से पूरा दबाव प्रेमनगर, रायपुर और विकासनगर चिकित्सालयों पर पड़ रहा है। सरकार चिकित्सा अधिकारियों, स्टाफ नर्सों, चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की नियुक्ति इन चिकत्सालयों में तो कर रही है, लेकिन फार्मासिस्टों की नियुक्ति नही की जा रही। कोरोना महामारी मे चिकित्सा एवं व्यवस्थागत कार्यों का बहुत अधिक बोझ र्फार्मासिस्टों पर पड़ रहा है। किसी भी चिकित्सालय में औषधीय भंडारण, वितरण, आकस्मिक सेवाएं, वीआईपी ड्यूटी, पोस्टमार्टम ड्यूटी, उपकरणों एवं विभिन्न डेडस्टाँक की व्यवस्था तथा आँक्सीजन सिलेंडर, आँक्सीजन कंसन्ट्रेटर और संबंधित सामानों की व्यवस्था फार्मासिस्ट की जिम्मेदारी होती है।
जिला सचिव सीएम राणा ने बताया कि संयुक्त चिकित्सालय प्रेमनगर में तीन फार्मासिस्ट कोविड पॉजिटिव हो गए हैं। इस कारण सिर्फ एक फार्मासिस्ट लगातार इमेरजेंसी ड्यूटी के साथ साथ दवाई वितरण, इंजेक्शन लगाना और स्टोर का कार्य भी कर रहा है। यही हॉल विकासनगर ओर रायपुर चिकित्सालयों का भी है। इसी प्रकार डिस्पेंसरी ऒर प्राथमिक चिकित्सालयों में कार्यरत फार्मासिस्टों को अपने दैनिक चिकित्सालय के कार्यों, इमरजेंसी के साथ साथ कोविड टीकाकरण में भी ड्यूटी करनी पड़ रही है। इसका चिकित्सालयों में तैनात फार्मासिस्टों पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है। कार्य की अधिकता के कारण फार्मासिस्ट मानसिक तनाव में हैं।
उन्होंने बताया कि आज जनपद देहरादून में बहुत ज्यादा फार्मसिस्ट कोरोना पॉजिटिव हैं। एक साल से चीफ फार्मासिस्टों की प्रमोशन लिस्ट शासन में दबी पड़ी है। इससे जिला चिकित्सालयों के साथ बड़े चिकित्सालयों में चीफ के पद रिक्त होने के कारण व्यवस्था चरमरा गई है। देहरादून के जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन) में चीफ के 5 पदों के सापेक्ष में मात्र 1 चीफ है, 4 पद रिक्त चल रहे हैं। अब जिला चिकित्सालय कोरोनेशन को कोविड चिकित्सालय बना दिया गया है। वह सिर्फ 1 चीफ फार्मासिस्ट कोरोनेशनके साथ-साथ महात्मा गांधी शताब्दी चिकित्सालय के कार्य को भी देख रहा है। दोनों चिकित्सालयों 7 पद चीफ के हैं, 1 चीफ कार्य कर रहा है। सीएमएसडी में चीफ का पद खाली चल रहा है। जहाँ से पूरे जनपद की मेडिसिन और आवश्यक सामग्री की आपूर्ति की जाती है। सिर्फ एक चीफ फार्मासिस्ट कार्य कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग के रीढ़ कहे जाने वाले फार्मासिस्टों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रमोशन कीपत्रावली लंबे समय से शासन में दबी है। स्वास्थ्य विभाग और शासन शायद फार्मासिस्ट की आवश्यकता को विभाग के लिये आवश्यक नहीं समझ रही है। फार्मासिस्ट संवर्ग की नई नियुक्तियों और प्रमोशन में सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, जो कि समाज हित और भविष्य में आनेवाले फार्मासिस्टों के रोजगार के लिये बिल्कुल न्यायोचित नहीं है। इसलिए शासन प्रशासन को चिकत्सालयों में सभी संवर्ग के साथ साथ फार्मासिस्ट संवर्ग को भी नयी नियुक्तियों और प्रमोशन में मौके देने चाहिए।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page